नाबालिग से बलात्कार के दोषी को दस साल कारावास की सजा
छतरपुरPublished: Apr 19, 2019 12:50:40 am
कोर्ट ने सुनाया फैसला
Minor girl convicted of 10 years imprisonment for rape
छतरपुर. नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ बलात्कार करने के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। न्यायाधीश नौरिन निगम की अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 10 साल की कठोर कैद के साथ 8 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जानकारी के अनुसार अभियोजन कार्यालय ने बताया कि फरियादी ने थाना सटई में सूचना दी थी कि आरोपी ग्राम हिम्मतपुरा का रहने वाला है। 5 अपै्रल 2017 को शाम चार बजे उसकी लड़की घर से हिम्मतपुरा बाजार करने गई थी। जब शाम को वापस नहीं आई तो गांव में पता किया, कहीं पता नहीं चला तो रिश्तेदारियों के यहां पता किया, लेकिन जानकारी नहीं मिली। गांव के राजेश यादव की तलाश उसके घर पर की जो नहीं मिला। राजेश मौका पाकर उसकी लड़की से बात करता था। इसलिए उसे शक था कि लड़की को राजेश यादव बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजन अधिकारी एसके चतुर्वेदी ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत और गवाह कोर्ट के सामने पेश किए।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी राजेश यादव पिता हीरालाल यादव को नाबालिक को भगा ले जाकर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपी राजेश यादव को पॉक्सो एक्ट की धारा 5एल/6 में 10 साल की कठोर कैद के साथ 8 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई।
छेड़छाड़ के दोषी को एक साल की मिली कैद
छतरपुर. नौगांव में घर के बाहर अकेला देख पीडि़ता के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया। मामले में जेएमएफसी नौगांव गिर्राज प्रसाद गर्ग की अदालत ने आरोपी को एक साल की कठोर कैद और पांच सौ रुपए के जुर्माने की सजा दी है। अभियोजन कार्यालय द्वारा बताया कि अलीपुरा थाना में 3 अप्रैल 2016 को रिपोर्ट लिखाई कि शाम को पीडि़़ता अपने घर के बाहर बैठी थी, इसी समय आरोपी गफ्फार खान पिता हबीब खान निवासी अलीपुरा आया और बुरी नियत से हाथ पकड़ लिया तभी मोहल्ले के लोग आते देख आरोपी वहां से भाग गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ अनीष शर्मा ने पैरवी करते हुए कोर्ट में सबूत पेश किए। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी गिर्राज प्रसाद गर्ग की कोर्ट ने आरोपी गफ्फार खान दोषी ठहराते हुए एक साल की कठोर कैद के साथ ५०० रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई गई।