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जिले में लगाए गए ७ लाख से अधिक पौधे, फिर भी खाली पड़े मैदान

locationछतरपुरPublished: Jan 17, 2019 08:02:51 pm

Submitted by:

Unnat Pachauri

बारिश में वन विभाग ने जिले में लाखों के पौधे रोपे थे, आधे से अधिक सूखे, विभाग भी नहीं दे रहा ध्यान

जिले में लगाए गए ७ लाख से अधिक पौधे, फिर भी खाली पड़े मैदान

जिले में लगाए गए ७ लाख से अधिक पौधे, फिर भी खाली पड़े मैदान

उन्नत पचौरी
छतरपुर। बारिश का मौसम शुरू होते ही जिले को हरा-भरा बनाने के लिए वन विभाग द्वारा प्रयास शुरु करती है। लेकिन इसके बाद भी जिले की भूमि हरी-भरी नहीं हो पा रही है। इस बार बारिश में जिले के ७ लाख पौधों को रोपने का लक्ष्य था। जिसमें विभाग द्वारा लक्ष्य को पूरा करने की बात कही जा रही है। लेकिन इसका जमीनी स्तर पर असर नहीं दिख रहा है। जिससे पिछली बार की तरह इस बार भी सिर्फ खानापूर्ति कर ही कागजी कार्रवाई की गई है। देखा जाए तो पिछले पांच सालों में ४५ लाख से अधिक की संख्या में पेड़-पौधे लगाए गए हैं। लेकिन जहां पर पौधे लगाए गए थे, वहां पर एक भी पौधा नजर आ रहा है। वहां पर कुछ गड्ढे और सूखे पौधे ही नजर आ रहे हैं। इस तरह की खानापूर्ति हर साल वन विभाग सहित जिले के सभी विभागों करते आ रहे हैं और वाह-वाही लूटी जाती है और अगले साल फिर से बारिश शुरू होते ही वन विभाग इसी खानापूर्ति में लग जाते हैं।
चार करोड़ से अधिक के पौधे लगाने का दावा :
वन विभाग द्वारा जिले छह वन रेंजों में पिछले मात्र पांच वर्षों में ४ करोड़ ३६ हजार रुपए से अधिक के पौधे रोपे गए हैं। लेकिन यहां पौधों का नामोनिशान तक नहीं दिखाई दे रहा है। यहां पर मात्र कुछ गड्ढे और सूखे पौधे ही दिखाई दे रहे हैं। ऐसा नहीं कि यहां पर कोई कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि मोटी वेतन लेने वाले कर्मचारियों को पौधों की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया था। इसके बाद भी कर्मचारी और अधिकारियों की उदासीनता व लापरवाही के कारण हर साल पौधे सूख जाते हैं।
जमीनी स्तर पर नहीं होता पौधारोपण :
शासन द्वारा प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पौधे लगाए जाते हैं लेकिन जहां पर पौधे लगाए जाते हैं वहां की हकीकत कुछ और ही कहती है। कागजातों में तो पौधे रोपे जाने की संख्या को लाखों में दर्शाया जाता है लेकिन जमीनी स्तर पर मात्र कुछ पौधों को लगाकर कागजी कार्रवाई पूर्ण की जा रही है। जिले में ऐसे कई स्थान हैं जहां पर वन विभाग द्वारा पौधे लगाने का दावा किया जा रहा है। जहां पर जमीनी हकीकत यह है कि वहां पर या तो मैदान दिखाई दे रहा है या फिर कुछ सूखे हुए पौधे वर्षों से पड़े हैं।
जहां लगाएं थे पौधे, अब वहां मैदान :
शहर के नजदीकी महोबा रोड पर स्थित जंगल में वर्ष २०१६ में भारी संख्या में पौधे लगाए गए थे। यह पौधे १४ अगस्त २०१६ को पूर्व राज्यमंत्री ललिता यादव के मुख्य आतिथ्य में सैकड़ों पौधें रोपे गए थे और इन पौध में ट्री गार्ड लगाए गए थे। पौधे जिले के अफसरों के नाम से लगाए गए थे। उस स्थान पर अब एक भी पौधा नहीं बचा है और सभी के साथ ट्री गार्ड वहां पर अस्त-व्यस्त पड़े हैं और मैदान में बच्चों के खेलने के काम में आ रहा है।
अधूरा ही रह जाएगा हरित छतरपुर का सपना :
जिले के अधिकारी और नेताओं द्वारा छतरपुर को हरा-भरा बनाने का सपना दिखाया जा रहा है लेकिन अधिकारी, राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते छतरपुर हरा-भरा नहीं हो पा रहा है। वह सिर्फ अपने भाषणों में ही छतरपुर हरा-भरा बनाने की बातें की जा रही हैं। उनके द्वारा जमीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं किया जा रही है। अगर ऐसा ही रहा तो छतरपुर हरा-भरा बनाने का सपना, सपना की रह जाएगा।
यह थी जमीनी हकीकत :
छतरपुर रेंज के अलीपुरा क्षेत्र के दोनों जंगलों में जहां पर विभाग द्वारा पौधें रोपने का दावा किया जा रहा था। वहां पर पत्रिका टीम ने मौके पर पहुंचकर असलियत देखी तो वहां पर चौकाने वाले स्थिति मिली। जहां पर विभाग २८ हजार से अधिक पौधे रोपने की बात कही जा रही है जहां पर कुछ गिनती के गड्ढे और उनमें सूखे पौधे ही मिले। वहां पर एक भी हरा-भरा जीवित पौधा नहीं दिखाई दिया। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिलेभर में भी अलीपुरा के जैसी ही स्थिति हैं। जिले में मात्र पौधें रोपने की सिर्फ कागजी कार्रवाई की जा रही है।
जांच कराई जाएगी :
इस वर्ष छतरपुर में करीब ७ लाख पौधे रोपे गए थे। जो जिले के विभिन्न रेंजों में रोपे थे। अगर पौधों की देखरेख नहीं हो रही है तो इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और मौके पर पहुंचकर जांच की जाएगी। जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– राधवेंद्र श्रीवास्तव, सीसीएफ
जिले के रेंजों के अफसरों अलग-अलग दलीलें :
छतरपुर रेंज :
छतरपुर रेंजर विनोद अवस्थी नग बताया कि क्षेत्र के में दो स्थानों में पौधे रोपित किए गए थे। दोनों ही स्थान अलीपुरा क्षेत्र में है, यहां पर एक स्थान सागोन वन में २८ हजार पौधे लगाए गए और दूसरे स्थान उर्जा वन में १० हजार पौधे रोपित किए गए। छतरपुर रैंज में कुल ३८ हजार पौधेे रोपित किए गए और काफी संख्यों में किसानों भी वितरित किए गए थे।
बिजावर रेंज :
बिजावर वन रेंज के रेंजर एसके सचान ने बताया कि क्षेत्र के डाही और कुपिया क्षेत्र में ४४ हजार से अधिक पौधों को रोपा गया। साथ ही क्षेत्र के किसानों को पौधें वितरित किए गए थे। जिसमें से करीब ८५ से ९० प्रतिशत पौधे बचे हैं।
लवकुशनगर रेंज :
लवकुशनगर रेंजर जेपी मिश्रा ने बताया कि बारिश के दौरान क्षेत्र के गुढा खुर्द और छठीबम्होरी क्षेत्र में २५ हजार से अधिक पौधे रोपे गए थे। इसके अलावा किसानों को भी वितरित किए थे। जिसमें से करीब ८५ से ९० प्रतिशत पौधे सही है। करीब १० से १५ प्रतिशत पौधे विभिन्न कारणों से सूख गए हैं।
बकस्वाहा रेंज :
बकस्वाहा रेंजर राजेंद्र पस्तोर ने बताया कि क्षेत्र के सुनवाहा क्षेत्र में १० हजार पौध लगाए गए थे। साथ करीब ५० हजार से अधिक किसानों को वितरित किए थे।
जिले में रोपे गए पौधे ………
वर्ष रोपित पौधे कीमत (औसतन)
२०१३ ६ लाख ६० लाख
२०१४ १५ लाख एक करोड़ पचास लाख
२०१५ ८.१५ लाख ८१ लाख पांच हजार
२०१६ ८.७५ लाख सतासी लाख पांच हजार
२०१७ ११.५६ लाख एक करोड़ पंद्रह लाख ६० हजार
२०१८ ७ लाख ७० लाख
वन परिक्षेत्र में रोपे गए थे पौधे :
वन रैंज स्थान पौधे
छतरपुर अलीपुरा क्षेत्र ३८ हजार
लवकुशनगर गुढ़ा खुर्द/छठीबम्हौरी २५ हजार
बकस्वाहा सुनवाहा क्षेत्र ६० हजार
बिजावर डाही/ कुपिया ४४ हजार
समीक्षा की जाएगी :
यह मामला गंभीर है। इसको लेकर वन विभाग के साथ बैठक कर पूरी समीक्षा ली जाएगी। जिसमें उचित दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
– आलोक चतुर्वेदी, विधायक छतरपुर
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