8 दिन लगे वापसी में
इधर, शिवानी जब अपने घर लौटी तो परिवार वालो ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। शिवानी विश्वकर्मा कहना है यूक्रेन से आते आते 8 दिन लग गए। इस दौरान काफी समस्याओ का सामना करना पड़ा। माइनस टेम्परेचर होने के साथ साथ खाने पीने की कोई व्यवस्था नही थी। तीन दिन पानी पी पीकर निकाले। शिवानी ने बताया कि हमें रोमनिया वार्डर पर 20 किलोमीटर पहले ही छोड़ दिया गया था। हम पैदल चलकर बॉर्डर तक पहुचे। तीन दिन बॉर्डर के बाहर रुकना पड़ा फिर कही रोमनिया बॉर्डर के अंदर जाने को मिला। हालांकि उसके बाद हमे कोई समस्या नहीं आई।
इधर, शिवानी जब अपने घर लौटी तो परिवार वालो ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। शिवानी विश्वकर्मा कहना है यूक्रेन से आते आते 8 दिन लग गए। इस दौरान काफी समस्याओ का सामना करना पड़ा। माइनस टेम्परेचर होने के साथ साथ खाने पीने की कोई व्यवस्था नही थी। तीन दिन पानी पी पीकर निकाले। शिवानी ने बताया कि हमें रोमनिया वार्डर पर 20 किलोमीटर पहले ही छोड़ दिया गया था। हम पैदल चलकर बॉर्डर तक पहुचे। तीन दिन बॉर्डर के बाहर रुकना पड़ा फिर कही रोमनिया बॉर्डर के अंदर जाने को मिला। हालांकि उसके बाद हमे कोई समस्या नहीं आई।
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के विरोध में शहर के गांधीवादियों द्वारा एक कैण्डल मार्च निकालकर रूस के राष्ट्रपति को शांति का संदेश पहुंचाया गया। सर्वप्रथम गांधी आश्रम में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विश्वशांति के लिए प्रार्थना की गई उसके पश्चात एक कैण्डल मार्च गांधी आश्रम से प्रारंभ होकर छत्रसाल चौराहे पहुंचा जहां पर युद्ध में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनिट का मौन रखा गया।
गांधी आश्रम की सचिव दमयंती पाणी ने कहा कि सभी को अपनी तरह से जीने का अधिकार है लेकिन रूस के राष्ट्रपति द्वारा जिस तरीके से तानाशाही रवैया अपनाकर यूक्रेन पर युद्ध थोप दिया गया है वो किसी भी लिहाज से सही नहीं कहा जा सकता। महात्मा गांधी ने पूरे विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश दिया है। हम चाहते हैं कि ये संदेश रूस के राष्ट्रपति तक पहुंचे और शीघ्र ही युद्ध समाप्त हो। क्योंकि युद्ध की विभीषिका से न सिर्फ यूक्रेन ही प्रभावित होगा बल्कि अप्रत्यक्ष तौर पर यूरोप और एशिया के तमाम देश जिनमें भारत भी शामिल है किसी तरह चपेट में आएंगे। अत: सभी गांधीवादियों का यह संदेश है कि युद्ध हर हाल में रोका जाना चाहिए। इस मौके पर प्रेमनारायण मिश्रा, भारतेन्दु प्रकाश, शोभना श्रीवास्तव, कीर्ति विश्वकर्मा, कृष्णकांत मिश्रा, संजय जैन, देवेन्द्र कुशवाहा, शिवेन्द्र शुक्ला, सरोज जैन उर्मिला अहिरवार, सतेन्द्र अहिरवार, इन्दु सिंह, स्मिता जैन, सरिता सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।