बकस्वाहा विकासखंड की ग्राम पंचायत बाजना के रहवासी लंबे समय से जल संकट का सामना कर रहे हैं। जल स्तर खिसकने से हैंडपंप हवा देने लगे है, वहीं पिछले 6 माह से नलजल योजना ठप पडी है। साफ सफाई के अभाव में कुआं भी उपेक्षित पडे हैं। गांव के वार्ड 02 विश्वकर्मा मोहल्ला व वार्ड 6 भी पेयजल संकट की चपेट में है। महेंश विश्वकर्मा बताते हैं कि, वार्ड 02 में पानी के लिए एक सार्वजनिक कुआं है लेकिन सफाई के अभाव में उसका पानी गंदा है। ग्रामीणों की मांग पर पंचायत द्वारा कुआं की सफाई के लिए मजदूर लगाए थे लेकिन अगले दिन काम रोक दिया जिससे उसकी पूरी तरह से सफाई नहीं हुई। जल संकट से निपटने के लिए ग्रामीण बच्चे कुआं में उतरकर सफाई कर रहे हैं। ऐसे में जान का खतरा बना हुआ है।
पानी के लिए तरसते बुजुर्ग ने खुद ही कुआं की सफाई का बीड़ा उठाया। लेकिन परमा पिता लूला अहिरवार (65) निवासी ग्राम बाजना की बीते सप्ताह शुक्रवार की दोपहर 3 बजे सफाई के लिए कुएं में उतरे तो दम घुटने से उनकी मौत हो गई। उनके पुत्र हरबल अहिरवार ने बताया कि, रहवासी घर में करीब 35 फीट गहरा संकरा कुआं है। उसके पिता सफाई करने के लिए उसमें उतरे थे। कुआं में ऑक्सीजन की कमी होने से उनका दम घुट गया और मौत हो गई।
वर्तमान में बाजना के चौकी मोहल्ला, बंसकार मोहल्ला, खैराई मोहल्ला एवं हरिजन बस्ती में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें प्रतिदिन पानी भरने के लिए दो-तीन किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है और इस संबंध में पंचायत के सरपंच-सचिव को अनेको बार अवगत कराते हुए समस्या समाधान की मांग कर चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। पंचायत के सचिव राजेंद्र विश्वकर्मा अपनी अलग ही दलील देते है कि पूरी बाजना पंचायत में पानी प्रदाय हो रहा है। वहीं चार दिन पूर्व जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह ने भी बाजना में अतिशीघ्र जल समस्या का उचित प्रबंध कराने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई समधान नहीं हुआ है।