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छतरपुर एनटीपीसी के लिए विधानसभा में अशासकीय संकल्प पारित

locationछतरपुरPublished: Jul 20, 2019 07:43:32 pm

Submitted by:

Neeraj soni

– विधायक आलोक चतुर्वेदी की मांग पर बिना बहस के केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा संकल्प पत्र, विपक्ष ने भी दी सहमति- थर्मल पावर प्लांट की जगह सोलर प्लांट पर भी बनी सहमति

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Chhatarpur

छतरपुर। मप्र की विधानसभा से छतरपुर के लिए एक अच्छी खबर आई है। जिले के बरेठी के समीप वर्ष 2017 से ठप्प पड़े एनटीपीसी के पावर प्लांट प्रोजेक्ट को अब गति मिल सकती है। मप्र की विधानसभा ने विधायक आलोक चतुर्वेदी द्वारा लाए गए संकल्प पत्र पर सहमति व्यक्त करते हुए इसे केन्द्र सरकार को भेजे जाने का निर्णय लिया गया है। विधायक चतुर्वेदी ने सरकार को जानकारी दी थी कि छतरपुर जिले के बरेठी के समीप एनटीपीसी के द्वारा 5 साल पहले जमीन अधिग्रहीत कर थर्मल पावर प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन पर्यावरण एवं वन मंत्रालय सहित कई अन्य विभागों की सहमतियों के अभाव में वर्ष 2017 से इस पावर प्लांट का काम ठप पड़ा है। उनके इस अशासकीय संकल्प पर मप्र विधानसभा में पक्ष और विपक्ष ने बिना बहस के अपनी सहमति दी और इसे केन्द्र सरकार को भेजने की मंजूरी दी गई है।
विधानसभा में आलोक चतुर्वेदी के अशासकीय संकल्प लाने के बाद सरकार की ओर से ऊर्जा मंत्री प्रियवृत सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एनटीपीसी पावर प्लांट की स्थापना केन्द्र सरकार का विषय है। केन्द्र शासन को ही सभी विभागों की अनापत्तियां प्राप्त करनी हैं। सरकार यदि चाहती है कि क्षेत्र की इकोलॉजी को लेकर थर्मल पावर प्लांट से कोई समस्या हो सकती है और वे इसे सोलर पावर प्लांट में तब्दील करना चाहते हैं, तब भी मप्र सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं है। सरकार ने इस विषय में एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों से भी जानकारी ली और कहा कि इस पावर प्लांट में आ रही सभी दिक्कतों को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार शीघ्र कदम उठाए, ताकि छतरपुर में यह पावर प्लांट जल्द से जल्द प्रारंभ हो सके। सरकार की इस मंशा पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी सहमति दी और विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों की सहमति उपरांत इसे केन्द्र सरकार को भेजने की मंजूरी दी है।
अब मप्र की सबसे बड़ी पंचायत का यह अशासकीय संकल्प केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। केन्द्र सरकार इस अशासकीय संकल्प के बाद इस ठप पड़े पावर प्लांट को शीघ्र शुरू कराने के लिए जल्द ही कोई रास्ता निकाल सकती है। उल्लेखनीय है कि 2014 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने बरेठी में इस पावर प्लांट की नीव रखी थी, लेकिन केन्द्र में सरकार बदलने के बाद इस पावर प्लांट का काम धीमा पड़ गया। सरकार ने जमीन तो अधिग्रहीत कर ली लेकिन वन एवं पर्यावरण से जुड़ी कई अनापत्तियां नही मिलने के कारण यह पावर प्लांट अटक कर रह गया है।
विधायक ने सरकार से मांगा 6 करोड़ का बजट
– जिला अस्पताल के नवीन भवन में सभी तल प्रारंभ कराने की मांग
– अस्पताल में डॉक्टर एवं स्टाफ की कमी का मुद्दा भी गर्माया
छतरपुर। छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से जिला अस्पताल की समस्याओं को सरकार के सामने रखा है। उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण लगाकर सरकार को बताया कि पिछली भाजपा सरकार ने चुनाव के पहले चुनावी लाभ लेने के लिए जिला अस्पताल में नवीन भवन का अधूरा निर्माण कर इसका उद्घाटन कर दिया था, जबकि आज 8 महीने गुजरने के बाद भी जिला अस्पताल संपूर्ण रूप से इस नवीन भवन में स्थानांतरित नहीं हो पाया है। अस्पताल में अब भी कई कार्य शेष बचे हैं जिनको पूरा करने के लिए लगभग 6 करोड़ रूपए का बजट उपलब्ध कराना आवश्यक है।
विधायक ने बताया कि फि लहाल पुराने भवन को तोड़कर नए अस्पताल के कुछ हिस्से को इस्तेमाल किया जा रहा है। नए भवन के प्रथम तल में ही डॉक्टरों की ओपीडी शुरू हो सकी है, जबकि अस्पताल में प्रतिदिन हजारों मरीज पहुंच रहे हैं। अस्पताल में संसाधनों की कमी, डॉक्टरों एवं स्टाफ का अभाव पहले ही काफी बड़ी समस्या है। नए भवन का भी 8 महीने से उपयोग नहीं हो पा रहा है। जिला अस्पताल में मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिलने के कारण आए दिन चिकित्सकीय स्टाफ और मरीज के परिजनों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। अत: सरकार जल्द से जल्द जिला अस्पताल के सभी भवनों को प्रारंभ कराए। विधायक के इस ध्यानाकर्षण पर चिकित्सा मंत्री तुलसी सिलावट ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने फिलहाल 50 लाख रूपए का बजट जारी किया है। दूसरी किश्त के रूप में शीघ्र ही 75 लाख रूपए जारी किए जाएंगे। शेष बजट भी जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि डॉक्टरों की नवीन पदस्थापना की प्रक्रिया चल रही है इसको भी शीघ्र ही पूरा किया जाएगा।
नीति आयोग ने छतरपुर को डेल्टा रैंकिंग में दी फस्र्ट रैंक
छतरपुर। जिले के लिए यह खबर बड़ी राहत देने वाली है। नीति आयोग की सूची में शामिल यह अति पिछड़ा जिला सौगात लेकर आया है। खुशी की खबर यह है कि शिक्षा के क्षेत्र में नीति आयोग ने इस महीने में देश के एस्पिरेशनल जिलों के लिए शिक्षा क्षेत्र में डेल्टा रैंकिंग में छतरपुर को पहली रैंक दी है। अयोग के द्वारा यह जानकारी ट्वीट के जरिए दी गई है। इस खबर से देश भर में जिले का सम्मान बढ़ा है। जिले के युवा कलेक्टर मोहित बुंदस की युवा सोच और शिक्षा के स्तर को लेकर दूरदृष्टि का नतीजा है। कलेक्टर बुंदस की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। लेकिन कहीं न कहीं उनकी सकारात्मक सोच के अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं। यह सच है कि जो काम करेगा तो खामियां भी सामने आएंगी। अभी तक यह जिला शिक्षा, विकास और रोजगार के क्षेत्र में अति पिछड़ा है। सूखे की मार खाते आ रहे इस जिले को अभी चहुंमुखी विकास के लिए कठिन यात्रा करना है। राज्य सरकार ने कलेक्टर मोहित बुंदस को सोच समझकर ही जिम्मेदारी दी है। इस काम में यहां के जिला शिक्षा अधिकारी सतोष शर्मा की भी अहम भूमिक रही है।
कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे छतरपुर जिले के लिए यह खबर प्रोत्साहित करने वाली है। कलेक्टर मोहित बुंदस का कहना है कि देशभर में छतरपुर को पहली रैंक मिलना खुशी की बात है। निश्चित रूप से उनको और पूरी प्रशासनिक टीम को काम करने में उत्साह बढ़ेगा।
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