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बैंक भेज रहे किसानों को कुर्की के नोटिस, परेशानी बढ़ी

locationछतरपुरPublished: Aug 14, 2019 01:24:48 am

छह माह बाद भी नहीं हुआ ऋण माफ

शेखावाटी से दो हजार से अधिक किसान बॉर्डर पर जाने की तैयारी में

शेखावाटी से दो हजार से अधिक किसान बॉर्डर पर जाने की तैयारी में


छतरपुर. कांग्रेस सरकार की ऋण माफी योजना अधर में लटक कर रह गई है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्यकार्यपालन अधिकारी यह बताने में सक्षम नहीं रहे कि अब तक सहकारी बैंकों के कितने ऋण खातेदारों की राशि माफ हुई है। अन्य जगह भी लगभग ऐसी ही स्थिति है। किसानों के ऋण माफ नहीं होने से उन्हें सहकारी समितियों के अन्य लाभ नहीं मिल रहे। बैंक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि हाल ही में एक सूची आई है, जिसमें लंबे समय से डिफाल्टर किसानों के नाम हैं। इन किसानों की राशि माफ किए जाने के बारे में सिर्फ सूची मिली है, अन्य कोई आदेश नहीं मिल सके।
यह बताया जा रहा है कि 50 हजार रुपए से कम राशि के किसानों का ऋण माफ किया जा रहा है। जो किसान हर साल समय पर राशि जमा करते हैं। उन्हें सहकारी समितियों से जीरो फीसदी ब्याज पर फिर से ऋण मिल रहा है। लेकिन जिनके द्वारा राशि जमा नहीं की गई उन्हें दोबारा कर्ज नहीं मिल रहा है। बाजना के किसान अजुद्दी पटेल ने बताया कि उनका ऋण माफ किया गया था, लेकिन अब उनका नाम बकायादार की सूची में बताकर खाद नहीं दिया जा रहा है। उधर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों से हाल में ही अपील की थी कि वे अपनी ऋण राशि नियमित समय पर चुकाएं। राशि माफ की जाएगी लेकिन किसान इस पशोपेश में हैं कि यदि उधार ली गई रकम बैंक में जमा कर दी तो शायद फिर से उन्हें राशि न मिले। ज्यादातर किसान इसी डर के कारण समितियों से केसीसी की ली गई राशि जमा नहीं कर रहे हैं।
ऋण माफी योजना से लाभन्वित किसान इस उम्मीद पर जी रहे थे कि सरकार ने घोषणा की है तो उनका ऋण माफ हो जाएगा लेकिन बैंकों द्वारा हितग्राहियों को नोटिस दिए जा रहे हैं। गौरिहार क्षेत्र के ग्राम बरहा निवासी बबुआ उर्फ बब्बू कुशवाहा पुत्र हलकुआ काछी ने छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी को ज्ञापन देते हुए बताया कि चंदला की स्टेट बैंक की शाखा में उसका किसान क्रेडिट कार्ड का खाता है। 25 जुलाई 2013 को उसने 30 हजार रुपए केसीसी के तहत ऋण लिया था।
एसबीआई ने उसे 96139 रुपए 25 जून 2019 तक की स्थिति में चुकाने के लिए नोटिस दिया है। साथ ही यह भी उल्लेख किया है कि यदि समय पर राशि नहीं चुकाई तो तहसीलदार के माध्यम से चल-अचल संपत्ति कुर्क की जाएगी। यह अकेला बबुआ कुशवाहा का प्रकरण नहीं है, इस तरह के सैकड़ों किसान हैं जिन्हें विभिन्न बैंकों के माध्यम से नोटिस दिए जा रहे हैं। उधर कर्ज माफी का लाभ नहीं मिलने से किसान दुविधा में है। उन्हें भय है कि कहीं उनकी सचमुच कुर्की न हो जाए।
&सहकारी बैंक से पहले चरण के सभी ऋण माफ हो चुके हैं। कुछ प्रकरणों का समाधान द्वितीय चरण में होगा। जो मामला आप बता रहे हैं उसके बारे में एसबीआई बैंक वाले ही बता सकते हैं।
सुरेश रावत, सीईओ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, छतरपुर

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