राज्य सरकार ने तीसरी लहर में सामान्य लक्षणों के मरीजों के मिलने के कारण इनके इलाज और आईसोलेशन से जुड़ी गाइड लाइन में बदलाव किया है। अब गैर गंभीर मरीजों को 7 दिन तक घरों में ही आईसोलेट रखकर उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से इलाज बताया जा रहा है। 7 दिन बाद यदि लगातार तीन दिन तक बुखार नहीं चढ़ता तो इन मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। एक तरफ अस्पतालों में इस व्यवस्था के कारण मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है। हालांकि होम आइसोलेशन के कारण एक मरीज से कई लोगों तक यह वायरस आसानी से पहुंच रहा है।
उधर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण राज्य सरकार के निर्देश पर कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों को फिलहाल 31 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर जेल में कैदियों के साथ होने वाली परिजनों की मुलाकातें भी 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है। कैदियों के परिजन सिर्फ इनकमिंग कॉल के जरिए बात कर सकेंगे। हालांकि छतरपुर जिले में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन रोको-टोको अभियान चलाकर मास्क के प्रति सख्ती भी बरत रहा है लेकिन फिर भी बाजारों में भीड़ उमड़ रही है लोग महामारी के प्रति ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रहे।
तीसरी लहर में अब मरीजों की संख्या छतरपुर शहर के भीतर ही बढ़ती जा रही है। नए मरीजों के सामने आने के बाद अब छतरपुर शहर में कोरेाना के 66 एक्टिव केस हो चुके हैं। दूसरे स्थान पर राजनगर क्षेत्र है जहां 64 मरीज हो चुके हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना नए नए मरीज सामने आने लगे हैं।
इधर, बिना मास्क नहीं दिया जा रहा कॉलोनी में प्रवेश
कोरोना की तीसरी लहर धीरे-धीरे भयावह रूप लेती जा रही है। यह वायरस इतना संक्रामक है कि जनता की मामूली लापरवाही से एक ही दिन में एक व्यक्ति से दर्जनों व्यक्ति संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे हालातों में जागरूकता और स्वविवेक की मिसाल पेश करते हुए शहर के नौेगांव रोड पर स्थित पॉश कॉलोनी पेप्टेक टाउन के निवासियों के द्वारा अनूठा संकल्प लिया गया है। कॉलोनी के दरवाजे पर मास्क के प्रति जागरूकता के लिए होर्डिंग्स लगाए गए हैं साथ ही किसी भी व्यक्ति को बिना मास्क और तापमान की जांच कराए बगैर अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। लगभग 100 फीसदी टीकाकरण के बावजूद तीसरी लहर से सतर्क रहने के लिए स्थानीय निवासियों की सहमति और संकल्प से अब नए नियम बनाए गए हैं। कॉलोनी में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश के पूर्व सुरक्षा जांच में हिस्सा लेना पड़ेगा। इसके साथ ही हर व्यक्ति का तापमान जांचा जा रहा है एवं बिना मास्क प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। कॉलोनी में मॉर्निंग और ईवनिंग वॉक के दौरान भी मास्क लगाने की अनिवार्यता है। बच्चों को भी पार्कों में मास्क के साथ ही खेलने की अनुमति दी जा रही है। हर सप्ताह कॉलोनी के परिवारों की तापमान जांच एवं यहां मौजूद सार्वजनिक स्थलों का सेनेटाइजेशन कराया जा रहा है। विनय चौरसिया ने बताया कि तीसरी लहर से बचने के लिए ये नियम कड़ाई से लागू किए गए हैं ताकि कॉलोनी में रह रहे परिवार ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित रहें।
छतरपुर रेलवे स्टेशन पर हर दिन 5 से अधिक ट्रेनें रुक रही हैं। इनसे 24 घंटे में औसतन 500 यात्री छतरपुर स्टेशन पर उतर रहे हैं। लेकिन एक की भी न तो स्क्रीनिंग हुई और न ही इनके नाम-पते रजिस्टर में दर्ज किए गए। इनमें से जो संक्रमित होकर आए है, उनसे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। इसी तरह जिला मुख्यालय से इंदौर, भोपाल, जबलपुर, कानपुर, दमोह, दिल्ली, रीवा, सतना, सिंगरौली, ग्वालियर, आगरा, मथुरा सहित झांसी इन रूट पर हर 24 घंटे में अप और डाउन की 350 यात्री बसों का संचालन हो रहा है। हर दिन 17 हजार यात्री बस स्टैंड पर उतर रहे हैं। लेकिन यहां भी स्क्रीनिंग नहीं हो रही है।