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अब जिले में पेट्रोल 117 और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के हुआ पार

locationछतरपुरPublished: Apr 03, 2022 02:02:38 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

पेट्रोलियम पदार्थों सहित रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान भी हुआ महंगा

रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान भी हुआ महंगा

रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान भी हुआ महंगा

छतरपुर। पेट्रोलियम पदार्थो के दाम लगातर बढ़ रहे हैं। छतरपुर में पेट्रोल के दाम 108. 87 रुपए से बढ़कर अब 117.19 रुपए हो गए हैं। वहीं, डीजल के दाम भी 92 रुपए से बढ़कर 100.22 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। पेट्रोलियम पदार्थो के दाम में बढोत्तरी के चलते परिवहन का खर्च भी बढ़ा है, जिससे किराना व अन्य जरूरत के सामान की कीमतें भी 10 से 15 फीसदी तक बढ़ गई है।
किराना, मसाला, तेल भी नहीं हैं पीछे
एलपीजी, पेट्रोल-डीजल के अलावा रोज उपयोग में आने वाले उत्पाद भी महंगाई के मामले में पीछे नहीं हैं। तेल-मसालों के साथ-साथ चावल, तेल, नमक सहित अन्य रोजमर्रा की जरूरतों के सामान की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है। तेजी से बढ़ रही महंगाई के कारण आम जनता की कमर टूटी नजर आ रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे से ट्रांसपोर्ट पर भी असर देखने को मिल रहा है जिस कारण से बाजार में बिकने वाली हर वस्तु महंगी हो गई है। वहीं किसान वर्ग का कहना है कि महंगाई के कारण उनका जीना मुश्किल हो गया है। डीजल पेट्रोल के बढ़े दामों के कारण फसलों की कटाई, थ्रेसिंग, सिंचाई आदि कार्य प्रभावित हुए हैं।
ये कहना है लोगों का
रोज बढ़ रही महंगाई के कारण हमारा जीना मुश्किल हो गया है। सिलेण्डर के दाम इतने बढ़ गए हैं कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार खरीदने में समर्थ नहीं है। ईंधन के दाम बढऩे के कारण खेती-किसानी के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
नरेश तिवारी, किसान, पड़रिया
ईंधन के बढ़े दामों के कारण किसानों को सिंचाई के साथ-साथ हार्वेस्टर चलवाने, थ्रेसिंग कराने, जुताई कराने सहित अन्य कृषि कार्यों में परेशानी हो रही है। किसान हितैषी होने का दावा करने वाली प्रदेश और केन्द्र सरकार को महंगाई पर अंकुश लगाना चाहिए।
सरजू कुशवाहा, किसान, पड़रिया
महंगाई के कारण गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार बेहद परेशान हैं लेकिन इसकी चिंता किसी को नहीं है। ईंधन के दाम बढऩे के कारण बाजार में बिकने वाली हर वस्तु महंगी हो गई जिस कारण से मजदूर और किसान वर्ग सर्बाधिक परेशान है।
राहुल दुबे, युवा, बरायचखेरा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में जो भाव बढ़े हैं वे करीब दो माह पहले बढ़े थे लेकिन उस वक्त देश के कई राज्यों में चुनाव होने के कारण रेट नहीं बढ़ाए गए। अब चुनाव खत्म होने के बाद बेतहाशा महंगाई बढ़ जा रही है जिससे हर व्यक्ति परेशान है। जिस महंगाई को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार सत्ता में आई थी लेकिन अब उसी मुद्दे पर मौन है।
सुदीश भाटिया, छतरपुर

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