छतरपुर

एलइडी लाइट और टैंकर खरीदी घोटाला मामले में कलेक्टर-विधायक के खिलाफ शुरू हुई जांच

कलेक्टर रमेश भंडारी और चंदला विधायक आरडी प्रजापति के खिलाफ जांच करने छतरपुर पहुंचे इओडब्ल्यू एसपी, टैंकर और एलइडी लाइट खरीदी में 1 करोड़ 97 लाख की गड़बड़ी का मामला

छतरपुरSep 20, 2018 / 02:28 pm

Samved Jain

chhatarpur

धर्मेंद सिंह छतरपुर। चंदला विधानसभा क्षेत्र के गांवों में सोलर एलइडी और टैंकर सप्लाई के नाम पर हुए करोड़ों रुपए के घोटाला के मामले में चंदला विधायक आरडी प्रजापति और कलेक्टर रमेश भंडारी अब फंसते नजर आ रहे हैं। पत्रिका द्वारा इस मामले को सबसे पहले उजागर किए जाने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। इसके बाद चंदला क्षेत्र के कांग्रेस नेता लखन अनुरागी ने इओडब्ल्यू भोपाल में जाकर शिकायत की थी। शिकायत की जांच सागर इओडब्ल्यू को मिली। सागर यूनिट ने यह जांच शुरू कर दी है। बुधवार को सागर इओडब्ल्यू की टीम मामले की पड़ताल करने के लिए छतरपुर पहुंची। यहां उन्होंने कलेक्ट्रेट की योजना शाखा में तीन घंटे तक पूछताछ करते हुए खरीदी और प्रशाकीय स्वीकृति संबंधी दस्तावेज खंगाले। इसके बाद जरूरी दिशा-निर्देश देकर टीम रवाना हो गई। इओडब्ल्यू की टीम के अचानक छतरपुर आने के बाद से यहां प्रशासनिक महकमें और राजनैतिक हलको में हलचल देखी गई है।
आर्थिक अपराध अनवेषण ब्यूरो में दर्ज शिकायत क्रमांक १५६/१८ की जांच शुरू हो गई है। इओडब्ल्यू सागर के पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र वर्मा और उप-निरीक्षक दीपेन्द्र सिंह कुशवाह ने बुधवार को कलेक्ट्रेट छतरपुर की योजना शाखा से केस से संबंधित दस्तावेज की छानबीन की। इओडब्ल्यूडी ने योजना शाखा के प्रभारी को केस से संबंधित दस्तावेज की लिस्ट थमा दी है। जांच अधिकारी सोमवार को योजना शाखा से इन दस्तावेजों को लेंगे। इसके बाद जांच की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। इओडब्ल्यू भोपाल में दर्ज शिकायत में कलेक्टर छतरपुर रमेश भंडारी और चंदला विधायक आरडी प्रजापति पर वर्ष 2016-17 में टैंकर खरीदी और 2017-18 में एलइडी लाइट की खरीदी में अनियमितता का आरोप है। शिकायतकर्ता लखन अनुरागी ने एलइडी लाइट की खरीदी कागजों में करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके साथ ही मानक मात्रा से कम मात्र वाले टैंकर बाजार मूल्य से दोगुने रेट पर खरीदी का भी आरोप है।
सोलर एलइडी में ऐसे हुआ था 1.42 करोड़ खेल :
चंदला विधायक आरडी प्रजापति की निधि से जो सबसे बड़ा घोटाला हुआ है, वह सोलर एलइडी का है। विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र के गांवों में सौर ऊर्जा से रोशन होने वाले 12 वॉट के एलइडी गांवों में लगवाने के लिए सीजीएम राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम नागपुर महाराष्ट्र को सप्लाई का ऑर्डर दिया था। इस एक सोलर एलइडी के बदले 35 हजार 175 रुपए का भुगतान किया गया है। जबकि इसका बाजार मूल्य 17 हजार 526 रुपए है। यह बाजार मूल्य भी फुटकर खरीदी के हिसाब से हैं। अगर थोक में बाजार से इन्हें खरीदा जाता तो और भी कम लागत होती। चंदला विधायक की निधि से सीजीएम राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम नागपुर महाराष्ट्र को 1 करोड़ 42 लाख 700 रुपए का भुगतान किया गया है। जबकि बाजार मूल्य के हिसाब से इन 404 सोलर एलइडी का अधिकतम भुगतान 70 लाख 80 हजार 504 रुपए ही बनता है। इस तरह सीजीएम नागपुर को भुगतान की गई राशि और वास्तविक मूल्य में भी 17.50 लाख रुपए का अंतर है। इस मामले में सबसे बड़ा पहलू यह है कि सोलर एलईडी लगाने के लिए सीजीएम राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम नागपुर महाराष्ट्र के नाम 1.42 करोड़ रुपए का भुगतान हो गया और लेकिन किसी भी गांव में एक भी एलइडी नहीं लगाई गई है। जबकि नियमानुसार कलेक्टर को सत्यापन कराने के बाद इसका भुगतान करना था। बिना सामान की सप्लाई के ही वर्ष 2016-17 में भुगतान कर दिया गया। इसी आधार पर ही इओडब्ल्यू ने इस मामले में शिकायत दर्ज की थी।
60 हजार कीमत का टैंकर 1 लाख 39 हजार रुपए में खरीदा :
चंदला विधायक आरडी प्रजापति की विधायक निधि से एलइडी खरीदी से पहले ग्राम पंचायतों को टैंकर सप्लाई करने के नाम पर भी बड़ा खेल हुआ है। ममला वित्तीय वर्ष 2016-17 का है। अवर्षा और सूखा से जूझते क्षेत्र में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की मंशा से क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में टैंकर बांटे गए थे। 69 ग्राम पंचायतों में 5 हजार 500 लीटर क्षमता वाले टैंकर सप्लाई रेकॉर्ड पर किए हैं। जबकि पंचायतों को जो टैंकर दिए गए वे सभी तीन हजार लीटर की क्षमता वाले हैं। पांच हजार लीटर वाले टैंकरों में चार पहिया लगते हैं। इसलिए उसकी कीमत ज्यादा होती है। जबकि पंचायतों को दो पहिया वाले ३ हजार लीटर क्षमता के टैंकर दिए गए हैं। इनकी कीमत भी कम है। इतना ही नहीं 5 हजार 500 लीटर के टैंकरों के लिए जो भुगतान भी हुआ है वह भी वास्तविक बाजार मूल्य से कहीं ज्यादा किया गया है। पंचायतों को दिए गए टैंकर मप्र लघु उद्योग निगम भोपाल के माध्यम से गौतम एग्रो इंटस्ट्रीज विदिशा से तैयार कराए गए थे। इनके बदले विधायक निधि से प्रति टैंकर के हिसाब से 1 लाख 39 हजार 536 रुपए का भुगतान किया गया। जबकि ग्राम पंचायत को जो टैंकर सप्लाई किए गए हैं उनकी क्षमता 3000 लीटर है जिसका अधिकतम बाजार मूल्य 60 हजार रुपए है। अगर इन टैंकरों को 5 हजार 500 लीटर का भी मान लिया जाए तो भी प्रत्येक टैंकर की कीमत महज 80 हजार रुपए के करीब होती है। लेकिन फिर भी प्रति टैंकर 1 लाख 39 हजार 536 रुपए का भुगतान किया गया है। इस तरह 69 टैंकरों के बदले चंदला विधायक की निधि से 96 लाख 51 हजार 434 रुपए का भुगतान मप्र लघु उद्योग निगम भोपाल के माध्यम से गौतम एग्रो इंटस्ट्रीज विदिशा को किया गया है। जबकि 3000 क्षमता वाले टैंकरों का अधिकतम बाजार मूल्य 41-42 लाख रुपए ही बनता है।
अभी केवल पूछताछ हुई है :
सागर से इओडब्ल्यू के अधिकारी आए थे, उन्होंने पूछा कि विधायक निधि आप डील करते हैं, तो मैने हां कहा। इस पर उन्होने सोमवार को पत्र भेजने और संबंधित जबाव देने के लिए कहा है। अभी कोई दस्तावेज जब्त नहीं किए गए हैं।
– एससी पांडे, क्लर्क, योजना शाखा छतरपुर
दस्तावेज मांगे जा रहे हैं :
इस केस की जांच शुरू हो गई है। सब इंस्पेक्टर दीपेन्द्र कुशवाह केस की जांच कर रहे हैं। बुधवार को योजना शाखा में उन्होंने बता दिया है कि जांच के लिए क्या-क्या दस्तावेज चाहिए हैं। दस्तावेज उनसे लिए जाएंगे।
– राजेन्द्र वर्मा, एसपी, इओडब्ल्यू, सागर यूनिट
 

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