ओ री चिरैया, नन्ही सी चिडिय़ा, अंगना में फिर आजा रे...
छतरपुरPublished: Mar 19, 2023 05:38:34 pm
विश्व गौरैया दिवस आज, आधुनिकता के चलते लगातार घट रही संख्या


गौरया के संरक्षण के लिए लगाया गया घोषला
छतरपुर. ओ री चिरैया, नन्ही सी चिडिय़ा, अंगना में फिर आजा रे... यह गीत उन नन्हीं बालिकाओं पर केंद्रीत है, जो हमारे घऱ-आंगन में गौरैया की तरह फुदकती चहचहातीं हैं। लेकिन जिन गौरैया को हम अपनी बच्चों की तरह मानते हैं। आज वही गौरैया पक्षी विलुप्त होने की कगार पर है। प्रतिवर्ष 20 मार्च को खुशियों के प्रतीक गौरैया के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। हमारी आधुनिक जीवन शैली के चलते गौरैया भी मॉरीशस के डोडो पक्षी और गिद्ध की तरह पूरी तरह से विलुप्त हो जाएंगी। देश की राजधानी दिल्ली में तो गौरैया इस कदर दुर्लभ हो गई है कि ढूंढने से भी ये पक्षी नहीं मिलता। इसलिए वर्ष 2012 में दिल्ली सरकार ने इसे राज्य-पक्षी घोषित कर दिया।