प्रदर्शन के दौरान ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य महेन्द्र ङ्क्षसह लोधी ने कहा कि वीडी शर्मा के संरक्षण में ओबीसी समाज के लोगों के खिलाफ राजनगर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेताओं के द्वारा अत्याचार किया जा रहा है। एक जायज मामले को दबाने के लिए भाजपा नेताओं ने ओबीसी महासभा के उन दो नेताओं पर रेप की एफआइआर दर्ज करा दी जिनके द्वारा एक ओबीसी समाज की पीडि़त महिला का साथ दिया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में 7 दिन के भीतर खात्मा नहीं लगाया गया तो वीडी शर्मा का विरोध पूरे प्रदेश में कराया जाएगा। सभा के बाद प्रदर्शनकारी सैकड़ों की तादाद में एक रैली के साथ एसपी ऑफिस पहुंचे। रैली के दौरान पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, वीडी शर्मा मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। एसपी ऑफिस पहुंचकर ओबीसी महासभा ने ज्ञापन सौंपते हुए तीनों आरोपियों के विरूद्ध दर्ज झूठी एफआइआर को खत्म करने की मांग उठाई। मामले में डीएनए एवं लाइडिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग भी उठाई गई।
मंच पर टूटी भाषा की मर्यादा
ओबीसी महासभा के प्रदर्शन के दौरान कई नेताओं ने भाषा की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया। मंच पर भोपाल से आए ओबीसी महासभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य कमलेन्द्र सिंह पटेल ने सीधे वीडी शर्मा पर निशाना साधना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में ओबीसी समाज पर झूठा केस वीडी शर्मा और उनके नुमाईंदों द्वारा दर्ज कराया गया है। यदि केस को वापस नहीं लिया गया तो ओबीसी महासभा के लोग जरूरत पडऩे पर वीडी शर्मा को तलवार से काट देंगे।
ओबीसी महासभा के प्रदर्शन के दौरान कई नेताओं ने भाषा की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया। मंच पर भोपाल से आए ओबीसी महासभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य कमलेन्द्र सिंह पटेल ने सीधे वीडी शर्मा पर निशाना साधना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में ओबीसी समाज पर झूठा केस वीडी शर्मा और उनके नुमाईंदों द्वारा दर्ज कराया गया है। यदि केस को वापस नहीं लिया गया तो ओबीसी महासभा के लोग जरूरत पडऩे पर वीडी शर्मा को तलवार से काट देंगे।
इनका कहना है
मंच पर अमर्यादित भाषा का विषय सामने आया है। इस पर भी पुलिस जांच कर रही है। दोनों ही मामलों की जांच के लिए पूर्व में ही एसआईटी बनाने की घोषणा की गई थी। फिर भी इस तरह के प्रदर्शन और अमर्यादित भाषा शैली से पुलिस को दबाव में लेने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
मंच पर अमर्यादित भाषा का विषय सामने आया है। इस पर भी पुलिस जांच कर रही है। दोनों ही मामलों की जांच के लिए पूर्व में ही एसआईटी बनाने की घोषणा की गई थी। फिर भी इस तरह के प्रदर्शन और अमर्यादित भाषा शैली से पुलिस को दबाव में लेने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
सचिन शर्मा, एसपी, छतरपुर