कैचमेंच एरिया, बंधान और ग्रीन बेल्ट की नहीं हो रही नापतौल
शहर के सभी तालाबों के कैचमेंच एरिया में कॉलोनियां बसा दी गई है। जबकि कैचमेंट एरिया तालाब की तरह सरकारी जमीन होती है। तालाब के बंधान और ग्रीन बेल्ट में भी घर बनाए गए है। जो कि एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक अवैध है। लोगों ने सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कर तालाब की जमीनों की रजिस्ट्री कराकर मकान बना लिए हैं। गौरतलब है सीमांकन करने वाली टीम को तालाब के कैचमेंट एरिया, बंधान और ग्रीनबेल्ट का सीमांकन करना चाहिए। लेकिन कलेक्टर के निर्देश पर बनाई गई टीम ने ग्वालमंगरा तालाब के कैचमेंट, बंधान और ग्रीनबेल्ट एरिया में हुए अतिक्रमण को छोड़ दिया। इनकी नापतौल ही नहीं की गई।
शहर के सभी तालाबों के कैचमेंच एरिया में कॉलोनियां बसा दी गई है। जबकि कैचमेंट एरिया तालाब की तरह सरकारी जमीन होती है। तालाब के बंधान और ग्रीन बेल्ट में भी घर बनाए गए है। जो कि एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक अवैध है। लोगों ने सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कर तालाब की जमीनों की रजिस्ट्री कराकर मकान बना लिए हैं। गौरतलब है सीमांकन करने वाली टीम को तालाब के कैचमेंट एरिया, बंधान और ग्रीनबेल्ट का सीमांकन करना चाहिए। लेकिन कलेक्टर के निर्देश पर बनाई गई टीम ने ग्वालमंगरा तालाब के कैचमेंट, बंधान और ग्रीनबेल्ट एरिया में हुए अतिक्रमण को छोड़ दिया। इनकी नापतौल ही नहीं की गई।
तालाब के बीच तक पहुंच गए मकान, हो गई प्लाटिंग
छतरपुर के ग्वाल मंगरा तालाब, संकट मोचन तालाब, सांतरी तलैया, किशोर सागर तालाब को प्रशासन की लगातार उदासीनता के कारण अतिक्रमणकारियों ने अपने शिकंजे में ले रखा है। पिछले 10 वर्षों में ग्वाल मंगरा तालाब और संकट मोचन तालाब पर सर्वाधिक अतिक्रमण हुआ है। अतिक्रमणकारियों ने तालाबों के भराव क्षेत्र की खाली हुई जमीनों पर प्लाटिंग तक कर डाली। संकट मोचन तालाब और ग्वाल मंगरा तालाब का आलम ये है कि यहां तालाब के बीच तक मकान नजर आ रहे हैं।
छतरपुर के ग्वाल मंगरा तालाब, संकट मोचन तालाब, सांतरी तलैया, किशोर सागर तालाब को प्रशासन की लगातार उदासीनता के कारण अतिक्रमणकारियों ने अपने शिकंजे में ले रखा है। पिछले 10 वर्षों में ग्वाल मंगरा तालाब और संकट मोचन तालाब पर सर्वाधिक अतिक्रमण हुआ है। अतिक्रमणकारियों ने तालाबों के भराव क्षेत्र की खाली हुई जमीनों पर प्लाटिंग तक कर डाली। संकट मोचन तालाब और ग्वाल मंगरा तालाब का आलम ये है कि यहां तालाब के बीच तक मकान नजर आ रहे हैं।
पहले भी कई बार हुआ चिंहाकन, कार्रवाई कभी नही
हाईकोर्ट के आदेश पर शहर के तालाबों पर 12 साल पहले अतिक्रमण के मामलों के चिन्हांकन किए गए थे। जिसमें 10.50 एकड़ रकबा वाले राव सागर तालाब पर अतिक्रमण के आठ मामले, 9 एकड़ एरिया वाले ग्वाल मंगरा तालाब पर अतिक्रमण के 28 मामले, 35 एकड़ रकबा वाले प्रताप सागर तालाब पर अतिक्रमण के 109 मामले, साढ़े आठ एकड़ के किशोर तालाब पर अतिक्रमण के 14 मामले, 6 एकड़ की सातंरी तलैया पर अतिक्रमण के 7, साढ़े तीन एकड़ रकवा वाले विंध्यवासनी तलैया पर अतिक्रमण के 7 मामले चिन्हित हुए थे। अक्टूबर 2020 में तात्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने भी राजस्व विभाग की 20 सदस्यीय टीम बनाकर शहर के तीन प्रमुख तालाबों किशोर सागर, प्रताप सागर व ग्वाल मंगरा तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा के चिंहाकन कराया था। जिसमें टीम ने 10 अक्टूबर 2020 को किशोर सागर का भौतिक सत्यापन कर 150 अवैध कब्जों को चिंहित किया। हालांकि उसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
हाईकोर्ट के आदेश पर शहर के तालाबों पर 12 साल पहले अतिक्रमण के मामलों के चिन्हांकन किए गए थे। जिसमें 10.50 एकड़ रकबा वाले राव सागर तालाब पर अतिक्रमण के आठ मामले, 9 एकड़ एरिया वाले ग्वाल मंगरा तालाब पर अतिक्रमण के 28 मामले, 35 एकड़ रकबा वाले प्रताप सागर तालाब पर अतिक्रमण के 109 मामले, साढ़े आठ एकड़ के किशोर तालाब पर अतिक्रमण के 14 मामले, 6 एकड़ की सातंरी तलैया पर अतिक्रमण के 7, साढ़े तीन एकड़ रकवा वाले विंध्यवासनी तलैया पर अतिक्रमण के 7 मामले चिन्हित हुए थे। अक्टूबर 2020 में तात्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने भी राजस्व विभाग की 20 सदस्यीय टीम बनाकर शहर के तीन प्रमुख तालाबों किशोर सागर, प्रताप सागर व ग्वाल मंगरा तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा के चिंहाकन कराया था। जिसमें टीम ने 10 अक्टूबर 2020 को किशोर सागर का भौतिक सत्यापन कर 150 अवैध कब्जों को चिंहित किया। हालांकि उसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
बेदखल किए जाने है अतिक्रमणकारी
राजस्व निरीक्षक देवेन्द्र पटैरिया ने बताया कि कलेक्टर के आदेशानुसार जिस सीमांकन दल का गठन किया गया है उसके द्वारा तालाबों की सीमाएं देखी जा रही हैं। जो भी अतिक्रमण होगा उसे चिन्हित किया जाएगा तथा प्रतिवेदन बनाकर कार्यवाही के लिए तहसीलदार को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में जिन तालाबों का सीमांकन किया जा चुका है, उसके अनुसार अतिक्रमणकारियों का सत्यापन किया जाएगा और बेदखली की कार्यवाही की जाएगी। नए अतिक्रमण की सूची भी तैयार की जा रही है जिसके लिए संबंधित हल्का पटवारी अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। सीमांकन के लिए गठित किए गए दल में एनएमएस छतरपुर पद्मभूषण चौरसिया, जयप्रकाश शुक्ला, राजस्व निरीक्षक छतरपुर देवेंद्र पटैरिया, राजस्व निरीक्षक सौंरा अखिलेश बबेले, राजस्व निरीक्षक बृजपुरा हरिनारायण शर्मा के अलावा पटवारी मनोज खरे, अनिल रूसिया, पुष्पेंद्र सिंह परिहार, अभिनव शर्मा, जुगलकिशोर पटेल, आरके पटेल, कमलेंद्र पटेल, पटवारी देवराज पटेल शामिल हैं।
राजस्व निरीक्षक देवेन्द्र पटैरिया ने बताया कि कलेक्टर के आदेशानुसार जिस सीमांकन दल का गठन किया गया है उसके द्वारा तालाबों की सीमाएं देखी जा रही हैं। जो भी अतिक्रमण होगा उसे चिन्हित किया जाएगा तथा प्रतिवेदन बनाकर कार्यवाही के लिए तहसीलदार को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में जिन तालाबों का सीमांकन किया जा चुका है, उसके अनुसार अतिक्रमणकारियों का सत्यापन किया जाएगा और बेदखली की कार्यवाही की जाएगी। नए अतिक्रमण की सूची भी तैयार की जा रही है जिसके लिए संबंधित हल्का पटवारी अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। सीमांकन के लिए गठित किए गए दल में एनएमएस छतरपुर पद्मभूषण चौरसिया, जयप्रकाश शुक्ला, राजस्व निरीक्षक छतरपुर देवेंद्र पटैरिया, राजस्व निरीक्षक सौंरा अखिलेश बबेले, राजस्व निरीक्षक बृजपुरा हरिनारायण शर्मा के अलावा पटवारी मनोज खरे, अनिल रूसिया, पुष्पेंद्र सिंह परिहार, अभिनव शर्मा, जुगलकिशोर पटेल, आरके पटेल, कमलेंद्र पटेल, पटवारी देवराज पटेल शामिल हैं।