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किशोरी बालिकाओं का कौशल शिक्षा उन्नयन को लेकर हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण

locationछतरपुरPublished: Feb 15, 2019 06:57:56 pm

Submitted by:

Unnat Pachauri

हमें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए

किशोरी बालिकाओं का कौशल शिक्षा उन्नयन को लेकर हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण

किशोरी बालिकाओं का कौशल शिक्षा उन्नयन को लेकर हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण

बकस्वाहा। महिला एवं बाल विकास परियोजना बकस्वाहा के द्वारा परियोजना कार्यालय में 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं का जीवन कौशल शिक्षा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में किशोरिओं को शिक्षा के महत्वता व जीवन में शिक्षा की आवश्यकता पर विशेष रूप से समझाया गया कि बालिकाएं अपनी शिक्षा को निरंतर रखें और किसी भी परिस्थिति में स्कूल जाना ना छोड़ें। यदि परिस्थितियों बस स्कूल जाना छोड़ दिया है। तो अपने माता-पिता से बात कर फिर से स्कूल जाने का प्रयास करें। महिला एवं बाल विकास अधिकारी कुमारी हेमलता ठाकुर के मार्गदर्शन में आयोजित किया गए गए इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक वर्षा बुंदेला ने बालिकाओं से कहा कि स्वास्थ्य शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है व स्वच्छ विचार जन्म लेते हैं। अत: हमें अपने शरीर में आयरन की कमी नहीं होना देना चाहिए। बालिकाओं को जीवन कौशल के बारे में समझाते हुए उन्होंने बताया कि हमें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए और उनके बताए रास्ते का अनुसरण करना चाहिए। साथ ही किशोरअवस्था में होने वाले मानसिक शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। साथ ही सेनेटरी पैड के उपयोग के बारे में भी बताया गया। नेहरू युवा केंद्र के कार्यकर्ता रत्नेश पायक ने कहा कि हमारे जीवन में विपरीत परिस्थितियों में भी हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए, किशोरअवस्था में शरीर में अनेक बदलाव आते हैं जो बच्चियों को कई बार अति उत्साही बना देते हैं। हमें किशोर अवस्था में प्राप्त होने वाली ऊर्जा का सही दिशा में इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे हमारा जीवन और बेहतर हो सके साथ ही कहा कि हम सभी किशोरियों को चुप्पी तोडऩा चाहिए, समाज में हो रहे लड़कियों के साथ भेदभाव और हिंसा को सहन ना करते हुए उसका विरोध करने की आवश्यकता है। जीवन कौशल शिक्षा के बारे में समर्थन संस्था के कार्यकर्ता तुलसीदास कुशवाहा ने किशोर और किशोरियों के मन में इस उम्र में आने वाली जिज्ञासाओं के बारे में बात की व जीवन कौशल के दस आयामों के बारे की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर हम इन 10 जीवन कौशलों को अपने जीवन में उपयोग करते हैं तो हमारा जीवन कई प्रकार की परेशानियों का सामना कर सकता है साथ ही हम अपने जीवन में सही निर्णय सही समय पर ले सकते हैं। प्रशिक्षण में बालकों का लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम 2012 के बारे में भी जानकारी दी गई व इसके उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा गया कि यह कानून उन सभी बच्चे जिनकी उम्र 18 वर्ष तक के हैं उनकी सुरक्षा व संरक्षण का अधिकार सुनिश्चित करता है व बच्चों को लैंगिक हमला जैसे बलात्कार लैंगिक उत्पीडऩ और अश्लील साहित्य में प्रदर्शन के अपराधों से भी संरक्षित करता है। लोगों को गुड टच और बैड टच के बारे में भी जानकारी दी। प्रशिक्षण में उपस्थित किशोरी बालिकाओं को सेनेटरी पैड वितरित कर उसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया। इस दौरान पर्वेक्षक अमृता जैन, क्षेत्रीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व किशोरियों उपस्थित रहीं।

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