एक को दस साल पांच को सात साल की कठोर कैद
16 साल की किशोरी को शादी का झांसा देकर भगाने और दुराचार का मामला

छतरपुर. नाबालिका को शादी का झंासा देकर भगा ले जाने और उसके साथ जबरन दुराचार करने के एक मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने एक आरोपी को दस साल और 5 आरोपियों को सात साल की कठोर कैद की सजा दी है। सजा सुनाने के बाद सभी आरोपियो को जेल भेज दिया गया।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 16 साल की नाबालिग पीडि़ता के पिता ने थाना सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बेटी 17 जुलाई 2016 को रात में 10 बजे खाना खाकर सो गई थी। सुबह 4 बजे उसकी पत्नी ने देखा तो बेटी घर पर नही थी। आस-पड़ोस, गांव में तलाश करने पर बेटी का पता नही चला। पुलिस ने मामला दर्ज करके पीडि़ता को दस्तयाब किया। उसने पुलिस को बताया कि संतोष बरार शादी करने का झांसा देकर अपने साथ ले गया था। फिर मुकेश वंशकार सादी करने को कहने लगा। और मुकेश ने जबरन उसके साथ बलात्कार किया। संतोष के साथ भगाने में बलई, ओमप्रकाश, रंजन, अनीता, ने मदद की थी। पुलिस ने आरोपी संतोष बरार, मुकेश उर्फ सुलटाई वंशकार चंद्रपुरा उप्र, बलई उर्फ बालादीन गठेवरा, ओमप्रकाश उर्फ बोरा वंशकार चुरबुरा, रंजन उर्फ राजेंद्र बरार चंद्रपुरा उप्र और अनीता उर्फ गद्दो वंशकार पिपरा उप्र को गिरफ्तार किया। एएसआई आरआर त्रिवेदी ने विवेचना उपरांत मामला कोर्ट में पेश किया।
न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने सुनाई सजा
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने बुधवार को इस मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए फैसला दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियो को दोषी ठहराते हुए आरोपी मुकेश को धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में दस साल की कठोर कैद के साथ 5 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई। साथ ही मामले के अन्य आरोपी संतोष, रंजन, अनीता, ओमप्रकाश और बलई को सात-सात साल की कठोर कैद के साथ तीन-तीन हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।
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