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फसल बीमा के नोटिफिकेशन में 82 में से केवल 6 पटवारी हल्का में सोयाबनी को किया नोटिफाई

locationछतरपुरPublished: Sep 28, 2020 09:13:34 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

जिले में तीसरे नबंर पर सबसे ज्यादा बोई गई है सोयाबीन, लेकिन नहीं हुई नोटिफाईनोटिफिकेशन न होने से फसल खराब होने पर किसानों को नहीं मिलेगा फसल बीमा का क्लेम

Crop insurance update

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छतरपुर। प्रीमियम जमा करने के बाद भी किसानों को सोयाबीन के लिए फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि बोई गई फसल के नोटिफिकेशन में हल्का स्तर पर सोयाबीन फसलों को बहुत कम जगह नोटिफाई किया गया है, जबकि जिले में सोयाबीन तीसरे नंबर की फसल है, जो सबसे ज्यादा बोई गई है। जिले के 82 पटवारी हल्का में से सिर्फ 6 पटवारी हल्का में सोयाबीन की फसल को बीमा योजना के लिए नोटिफाई किया गया है, 76 पटवारी हल्का में सोयाबीन नोटिफाई नहीं हुई है। ऐसे में सोयाबीन का नुकसान होने पर भी किसानों को बीमा का क्लेम नहीं मिल पाएगा।
42 हजार हेक्टेयर में बोई गई है सोयाबीन
जिले में खरीफ फसल की बोबनी में सोयाबीन तीसरे नंबर की सबसे ज्यादा बोई गई है। जिले में सबसे ज्यादा उड़द की बोवनी 2 लाख 28 हजार 570 हेक्टेयर में बोई गई है। दूसरे नंबर पर तिल की बोबनी 1 लाख 40 हजार 680 हेक्ेटेयर में बोई गई है। वहीं, तीसरे नंबर पर सोयाबीन 42020 हेक्टेयर में बोई गई है। मूंगफली 35620 हेक्टेयर में, मूंग 3820 हेक्टेयर में, अरहर 2510 हेक्टेयर, धान 1940 हेक्टेयर, ज्वार 4110 हेक्टेयर, मक्का 150 हेक्टेयर में बोबनी की गई है।
जिले स्तर पर उड़द व मूंग हुई नोटिफाई
जिला स्तर पर उड़द व मूंग को फसल बीमा के लिए नोटिफाई किया गया है। वहीं तहसील स्तर पर मूंगफली और तिल को नोटिफाई किया गया है। जिले की छतरपुर, राजनगर, नौगांव, महाराजपुर, लवकुशनगर और बक्स्वाहा तहसील में मूंगफली व तिल को नोटिफाई किया गया है। वहीं, पटवारी हल्का स्तर सोयाबीन को नोटिफाई किया गया है, लेकिन जिले की सिर्फ 6 पटवारी हल्का में ही सोयाबीन नोटिफाइ किया गया है, 76 हल्कों में सोयाबीन नोटिफाई नहीं हुआ है।
पूरे जिले में नुकसान होने पर ही मिलेगा बीमा क्लेम
उड़द, मूंग की फसल को जिला स्तर पर नोटिफाई किया गया है, जिले की सभी तहसीलों में नुकसान होने पर ही इन दोनों फसलों की बीमा का क्लेम मिल पाएगा। वहीं, मूंगफली, तिल को जिले की 11 में से सिर्फ 6 तहसीलों में ही नोटिफाई किया गया है,ऐसे में सिर्फ 6 तहसील के किसानों को ही नुकसान की बीमा राशि से भरपाई होगी, बिना नोटिफाई वाली तहसील के किसानों को फसल का नुकसान होने पर भरपाई नहीं हो पाएगी। इसी तरह सोयाबीन के वल 6 पटवारी हल्कों में ही नोटिफाई की गई है, जिले के 76 पटवारी हल्कों में सोयाबीन की बोबनी करने वाले किसानों को नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी।
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