प्रतिभा पर्व महज औपचारिकता
शासन की उदासीनता से समूचे विकासखंड में शिक्षा के नाम पर औपचारिकताऐं हो रही हैं। हालात यह है कि अनेंक शालाऐं बगैर शिक्षक के ही संचालित हो रही हैं। कई शालाऐं ऐसी है जहां एक ही शिक्षक पदस्थ है और वह प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं के बच्चों को पढ़ा रहा है। विकासखंड में 268 प्राथमिक शालाओं में करीब 31 हजार बच्चे दर्ज है जबकि 94 माध्यमिक शालाओं में 20 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें 32 माध्यमिक शालाऐं शिक्षक विहीन है और 22 एक शिक्षकीय शालाऐं हंै। बिगडी शिक्षा व्यवस्था के बीच बच्चों की प्रतिभा परखना महज एक औपचारिकता है।