अब बांदा में पकड़े गए छतरपुर में सप्लाई करने वाले
अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्कर गिरोह के दो सदस्यों को बंादा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान दोनों को गिरफ्त में लिया गया। बाइक व 63.3 किग्रा. गांजा बरामद हुआ है। गिरोह का सरगना फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। गिरोह ओडिशा से गांजा लाता था और जिले के अलावा महोबा, हमीरपुर के साथ छतरपुर, सतना तक गांजा की सप्लाई करता था।
अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्कर गिरोह के दो सदस्यों को बंादा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान दोनों को गिरफ्त में लिया गया। बाइक व 63.3 किग्रा. गांजा बरामद हुआ है। गिरोह का सरगना फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। गिरोह ओडिशा से गांजा लाता था और जिले के अलावा महोबा, हमीरपुर के साथ छतरपुर, सतना तक गांजा की सप्लाई करता था।
मॉडिफाइड वाहनों में दो बार पकड़ा गया एक क्विंटल से ज्यादा गांजा
गुरुवार को सिटी कोतवाली पुलिस ने गांजे की तस्करी कर रहे दो आरोपियों को लगभग 100 किलो गांजे की खेप के साथ पकडऩे में कामयाबी हासिल की। दोनों आरोपी एक मालवाहक गाड़ी में सब्जी ढोने की आड़ में गांजे का कारोबार कर रहे थे। पिकअप की ट्रॉली को हाईड्रोलिक तरीके से खुफिया जगह बनाकर उसमें गांजा लाया जा रहा था। आरोपी छतरपुर जिले से सब्जी लादकर कटनी जाते थे और वहां से गांजा लाकर छतरपुर जिले के गढ़ीमलहरा महाराजपुर क्षेत्र में सप्लाई करते थे। इसी तरह पिछले साल मातगुवां पुलिस ने उड़ीसा से लाकर छतरपुर एवं उसके आसपास के जिलों में गांजा तस्करी करने वाले चार सदस्यीय अतंरराज्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के कब्जे से 12 लाख कीमत का 1 क्विंटल 20 किलो गांजा जब्त हुआ था। आरोपी लंबे समय से मॉडिफाइड पिकअप में गांजा छिपाकर उड़ीसा से लाकर छतरपुर एवं उसके आसपास के जिलों में स्मगलिंग कर रहे थे।
गुरुवार को सिटी कोतवाली पुलिस ने गांजे की तस्करी कर रहे दो आरोपियों को लगभग 100 किलो गांजे की खेप के साथ पकडऩे में कामयाबी हासिल की। दोनों आरोपी एक मालवाहक गाड़ी में सब्जी ढोने की आड़ में गांजे का कारोबार कर रहे थे। पिकअप की ट्रॉली को हाईड्रोलिक तरीके से खुफिया जगह बनाकर उसमें गांजा लाया जा रहा था। आरोपी छतरपुर जिले से सब्जी लादकर कटनी जाते थे और वहां से गांजा लाकर छतरपुर जिले के गढ़ीमलहरा महाराजपुर क्षेत्र में सप्लाई करते थे। इसी तरह पिछले साल मातगुवां पुलिस ने उड़ीसा से लाकर छतरपुर एवं उसके आसपास के जिलों में गांजा तस्करी करने वाले चार सदस्यीय अतंरराज्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के कब्जे से 12 लाख कीमत का 1 क्विंटल 20 किलो गांजा जब्त हुआ था। आरोपी लंबे समय से मॉडिफाइड पिकअप में गांजा छिपाकर उड़ीसा से लाकर छतरपुर एवं उसके आसपास के जिलों में स्मगलिंग कर रहे थे।
पकड़ा जाता है केवल 20 फीसदी हिस्सा
मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले लगातार जिले में भारी मात्रा में गांजा की सप्लाई करते हैं। कभी कभार पुलिस को सूचना मिल जाने पर कार्रवाई होती है। जिसमें स्मगल होने वाले नशे के सामान का केवल 20 फीसदी हिस्सा ही पकड़ में आता है। बीते साल मातगुंवा और गुरुवार को कोतवाली पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी लंबे समय से भारी मात्रा में गांजा तस्करी कर रहे हैं। लेकिन वे एक ही बार पकड़े गए, बाकी समय वे नशा की तस्करी में सफल होते रहे हैं।
मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले लगातार जिले में भारी मात्रा में गांजा की सप्लाई करते हैं। कभी कभार पुलिस को सूचना मिल जाने पर कार्रवाई होती है। जिसमें स्मगल होने वाले नशे के सामान का केवल 20 फीसदी हिस्सा ही पकड़ में आता है। बीते साल मातगुंवा और गुरुवार को कोतवाली पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी लंबे समय से भारी मात्रा में गांजा तस्करी कर रहे हैं। लेकिन वे एक ही बार पकड़े गए, बाकी समय वे नशा की तस्करी में सफल होते रहे हैं।
गांजा का इस्तेमाल बढ़ा
पुलिस विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में नशे के रूप में गांजे के इस्तेमाल का चलन तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि गांजे के अवैध कारोबार के विरूद्ध पुलिस की कार्रवाई भी जारी हैं। पिछले एक साल में ही पुलिस ने जिले के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 6 लाख 74 हजार 500 रूपए कीमत का 63 किलो गांजा जब्त किया है। पुलिस की इन कार्यवाहियों के दौरान 21 जगहों पर छापे मारकर 27 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
पुलिस विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में नशे के रूप में गांजे के इस्तेमाल का चलन तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि गांजे के अवैध कारोबार के विरूद्ध पुलिस की कार्रवाई भी जारी हैं। पिछले एक साल में ही पुलिस ने जिले के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 6 लाख 74 हजार 500 रूपए कीमत का 63 किलो गांजा जब्त किया है। पुलिस की इन कार्यवाहियों के दौरान 21 जगहों पर छापे मारकर 27 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
उड़ीसा और छत्तीसगढ़ से जुड़ा नेटवर्क
जिले में गांजे का कारोबार नशा माफिया के रैकेट के द्वारा अंतरराज्जीय स्तर पर किया जा रहा है। पिछले साल महाराजपुर के एक गांजा माफिया को शहडोल में पकड़ा गया था। वह छत्तीसगढ़ से गांजे की सप्लाई बुन्देलखण्ड में करता था। कुछ कार्यवाहियों में उड़ीसा का लिंक भी सामने आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो चोरी छिपे गांजे की खेती भी पकड़ी गई है। एक बार कार्यवाही के बाद पुलिस इन स्थानों पर लंबे समय तक दोबारा कार्यवाही नहीं करती जिसके कारण माफिया दोबारा अपनी जड़ें जमा लेता है।
जिले में गांजे का कारोबार नशा माफिया के रैकेट के द्वारा अंतरराज्जीय स्तर पर किया जा रहा है। पिछले साल महाराजपुर के एक गांजा माफिया को शहडोल में पकड़ा गया था। वह छत्तीसगढ़ से गांजे की सप्लाई बुन्देलखण्ड में करता था। कुछ कार्यवाहियों में उड़ीसा का लिंक भी सामने आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो चोरी छिपे गांजे की खेती भी पकड़ी गई है। एक बार कार्यवाही के बाद पुलिस इन स्थानों पर लंबे समय तक दोबारा कार्यवाही नहीं करती जिसके कारण माफिया दोबारा अपनी जड़ें जमा लेता है।