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हमारा घर-हमारा विद्यालय योजना के लिए भोपाल से नहीं मिला पढ़ाई का मैटर

locationछतरपुरPublished: Jul 11, 2020 08:09:38 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

योजना के तहत बच्चों के घर-घर जा रहे शिक्षक, लेकिन विषयवार पढ़ाई नहीं हो पा रही शुरु13 जुलाई से आएगा मैटर तब होगी विषय वार पढ़ाई, अभी शिक्षक अपने स्तर पर करा रहे पढ़ाई

Teachers going house to house

Teachers going house to house

छतरपुर। कोरोना संकट के चलते स्कूल बंद है, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर-हमारा विद्यालय योजना 6 जुलाई से शुरु की गई है। लेकिन बच्चों की पढ़ाई के लिए विषय वार मैटर भोपाल से नहीं भेजा जा रहा है। जिससे हमारा घर- हमारा विद्यालय योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। शिक्षक घर-घर जाकर विद्यालय जैसा पढ़ाई का माहौल बच्चों के घर पर बनाने में जुटे हुए हैं। अपने स्तर पर ही बच्चों को होम वर्क और क्लास वर्क देकर पढ़ाई करा रहे हैं। लेकिन भोपाल से पाठ्यक्रम का मैटर नहीं मिलने से शिक्षण सत्र की तरह विषय वार पढ़ाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।
घर-घर जा रहे शिक्षक
हमारा घर- हमारा विद्यालय योजना के तहत बच्चों को घर में निर्धारित स्थाप पर बैठकर पढ़ाई कराई जा रही है। पढ़ाई के दौरान आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। शिक्षक रोजाना 5-5 बच्चों के घर जाकर पढ़ाई संबंधी उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। बच्चों द्वारा दक्षता उन्नयन की वर्कबुक पर जो भी काम किया जाता है। इसके साथ ही गिनती, पहाड़े, हिन्दी-अंग्रेजी सुलेख लिखा जाता है, उसे शिक्षक घर-घर जाकर चेक कर रहे हैं और आगे का काम भी दे रहे हैं।
13 जुलाई से होगी विषय वार पढ़ाई
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तकनीकी खराबी और मैटर तैयार न हो पाने के कारण प्रति दिन का मैटर भोपाल से नहीं भेजा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि 13 जुलाई से नियमित रुप से मैटर आएगा। बच्चों को क्या पढ़ाया जाना है, इसका मैटर भोपाल में तैयार किया जा रहा है।
10 से अधिक बच्चे बैठाने पर रोक
शुक्रवार को डीपीसी आरपी लखेरे ने शिक्षकों को ऑनलाइन बेवीनार में निर्देश दिए हैं कि बच्चों को घर पर ही एक निर्धारित स्थल पर पढ़ाना है। कई परिवारों के बच्चों को एक साथ क्लास की तरह बैठाकर पढ़ाई नहीं कराई जानी है। किसी बच्चे के घर में जगह नहीं है तो पड़ोसी के घर में बच्चों के साथ जगह दिलाकर पढ़ाई कराई जानी है। लेकिन बच्चों को चबूतरों या सड़क किनारे क्लास लगाकर पढ़ाई नहीं करानी है।
13 जुलाई से मैटर मिलने लगेगा। हालांकि स्थानीय स्तर पर बच्चो को पढ़ाने का काम शुरु हो चुका है। हमारे शिक्षक घर पहुंच कर बच्चों से संपर्क कर उनकी पढ़ाई संबंधी समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं। भोपाल से मैटर आने पर उसके अनुसार ही बच्चों की घर पर क्लासें लगाई जाएंगी।
आरपी लखेरे, डीपीसी
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