हमारा घर- हमारा विद्यालय योजना के तहत बच्चों को घर में निर्धारित स्थाप पर बैठकर पढ़ाई कराई जा रही है। पढ़ाई के दौरान आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। शिक्षक रोजाना 5-5 बच्चों के घर जाकर पढ़ाई संबंधी उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। बच्चों द्वारा दक्षता उन्नयन की वर्कबुक पर जो भी काम किया जाता है। इसके साथ ही गिनती, पहाड़े, हिन्दी-अंग्रेजी सुलेख लिखा जाता है, उसे शिक्षक घर-घर जाकर चेक कर रहे हैं और आगे का काम भी दे रहे हैं।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तकनीकी खराबी और मैटर तैयार न हो पाने के कारण प्रति दिन का मैटर भोपाल से नहीं भेजा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि 13 जुलाई से नियमित रुप से मैटर आएगा। बच्चों को क्या पढ़ाया जाना है, इसका मैटर भोपाल में तैयार किया जा रहा है।
शुक्रवार को डीपीसी आरपी लखेरे ने शिक्षकों को ऑनलाइन बेवीनार में निर्देश दिए हैं कि बच्चों को घर पर ही एक निर्धारित स्थल पर पढ़ाना है। कई परिवारों के बच्चों को एक साथ क्लास की तरह बैठाकर पढ़ाई नहीं कराई जानी है। किसी बच्चे के घर में जगह नहीं है तो पड़ोसी के घर में बच्चों के साथ जगह दिलाकर पढ़ाई कराई जानी है। लेकिन बच्चों को चबूतरों या सड़क किनारे क्लास लगाकर पढ़ाई नहीं करानी है।
आरपी लखेरे, डीपीसी