उन्होंने गौरिहार एवं बड़ामलहरा जनपद पंचायतों के सीईओ और सहायक यंत्रिओं को निर्माणकार्यों की प्रगति कम होने और आदेश के पालन में शिथिलता बरतने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए आयुक्त सागर संभाग को प्रस्ताव प्रेषित करने तथा जिस जनपद पंचायतों में कार्यों की प्रगति धीमी है वहां के सीईओ और एई का वेतन आवास बनने तक आहरित नही करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार कार्यपालन यंत्री आरईएस को निर्देशित किया गया की सहायक यंत्री और उपयंत्री मुख्यालय पर ही रहे, इसके लिए आकस्मिक निरीक्षण कर पालन प्रतिवेदन दें। बैठक में जिला पंचायत के अधिकारी, कार्यपालन यंत्री, आरईएस तथा छतरपुर जिले के जनपद पंचायतों के सीईओ भी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने आगामी सप्ताहिक समीक्षा बैठक के पूर्व प्राथमिकता के आधार पर शेष बचे निर्माण कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए। जिसके तहत वर्ष 16-17 से 20-21 के आवास पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा है कि भू-जल स्तर में सुधार के लिए खेत, तालाब के इकाई का निर्माण कराने के बदले कपिल धारा कुआं के निर्माण का प्रस्ताव बनाए और गरीब परिवारों को सक्षम बनाने में मदद करें। मजदूरों को स्थानीय स्थल पर प्राथमिकता से मनरेगा के 70 फीसदी कार्यांे में रोजगार दिलाए और आम जनता के साथ रायशुमारी करते हुए सामुदायिक हित के निर्माण कार्य कराएं।
कलेक्टर ने सीईओ, एई को ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए ग्रामवासियों की मांग के अनुसार मनरेगा योजना में कार्य स्वीकृत करने के निर्देश भी दिए। इसी तरह ग्राम के घूरे के कचरें से नाडेप खाद बनाएं, जिससे लोगों की आमदानी बढ़े। ग्रामीण क्षेत्रों की गौ-शाला मे केवल आवारा पशु ही रखे जाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रतिदिन 10-10 के मान से आयुष्मान कार्ड बनाएं जाए, जिन पात्र हितग्राहियों के पात्रता पर्ची नही है। उन्हें अस्थाई पर्ची बना कर दें। इसके लिए ग्रामों में मुनादी कराएं।