जिले में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद लोगों की लापरवाही भी सामने आने लगी है। तीसरी लहर को लेकर जहां सरकार की तरफ से बचाव के निर्देश दिए जा रहे हैं तो प्रशासनिक अफसर भी अभी से तैयारी में जुटे हुए हैं। कोरोना की तीसरी लहर से लापरवाह दिख रहे लोग न तो मास्क पहनने को तैयार हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। मास्क तो दूर सेनेटाइजर का इस्तेमाल भी लोग भूल चुके हैं। भीड़ से परहेज करने की बजाय लोग नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए समूह में बाजारों में पहुंच खरीदारी कर रहे हैं। कई लोगों के मास्क भी नाक के नीचे लटके रहते हैं। दुकान तथा बाजार में पहले की तरह ही सामान की खरीद को लेकर आपा-धापी है। शारीरिक दूरी का कोई मतलब यहां नहीं दिखता है।
कोरोना गाइडल लाइन का फुटपाथ यानि स्ट्रीट वेंडर की दुकानों पर पालन नहीं किया जा रहा है। वहीं, बाजार में इन दिनों ठेले ठिलिया वालों के पास भीड़ देखने को मिल रही है। सड़क किनारे सस्ते सस्ते सामान के चक्कर में इनके पास ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। वहीं दुकानदार मास्क को गले में लटकाकर सामान बेचते दिखाई देते हैं। ऐसी भीड़ संक्रमण को न्योता दे रही है।
शहर की सड़कों पर पैदल, साइकिल, दो पहिया और चार पहिया वाहन से आवागमन करने वाले ज्यादातर लोग बिना मास्क के नजर आने लगे हैं। शहर के प्रमुख मार्गो पर किसी भी समय बिना मास्क के गुजरते लोग नजर आ जाते हैं। वहीं, प्रशासन ने मास्क को लेकर चालानी कार्रवाई भी बंद कर दी है, इस वजह से लापरवाह लोग और ज्यादा लापरवाही कर रहे हैं। चालान के डर से ही सही, लोग मास्क लगाए रहते थे, जिससे न केवल वे सुरक्षित थे, बल्कि उनके संपर्क में आने वाले लोग भी सुरक्षित रहे। लेकिन अब बिना मास्क के दूसरों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ रही है।