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बगौता में तालाब मद की जमीन पर इंटरस्टेट बस टर्मिनल बनाने के लिए शासन से नहीं मिली अनुमति, एक साल बाद भी प्रोजेक्ट लटका

छतरपुर शहर में प्रस्तावित इंटरस्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का निर्माण एक बार फिर विवादों में घिर गया है। सालभर से यह प्रोजेक्ट केवल कागजों और जमीन की अदला-बदली तक ही सीमित रहा है, और अब यह प्रशासनिक अड़चनों के कारण ठंडे बस्ते में चला गया है।

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आईएसबीटी के लिए प्रस्तावित स्थल

छतरपुर. छतरपुर शहर में प्रस्तावित इंटरस्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का निर्माण एक बार फिर विवादों में घिर गया है। सालभर से यह प्रोजेक्ट केवल कागजों और जमीन की अदला-बदली तक ही सीमित रहा है, और अब यह प्रशासनिक अड़चनों के कारण ठंडे बस्ते में चला गया है।

शिफ्ट करने को लेकर विवाद


आईएसबीटी का प्रोजेक्ट पहले झांसी-खजुराहो फोरलेन पर महोबा रोड के समीप बनाना तय हुआ था, लेकिन बाद में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते इसका स्थान बगौता में शिफ्ट करने की कोशिशें शुरू हो गईं। बगौता में आईएसबीटी बनाने के लिए प्रस्तावित जमीन को बाद में तालाब मद की श्रेणी में डाल दिया गया, जिसके बाद लैंड यूज चेंज करने के लिए शासन से अनुमति प्राप्त नहीं हो पाई। इस कारण परियोजना की प्रक्रिया रुक गई और अब एक साल बीत जाने के बाद भी आईएसबीटी का निर्माण कहीं भी शुरू नहीं हो सका है।

नगरपालिका करती रही प्रयास


आईएसबीटी के निर्माण को लेकर छतरपुर नगर पालिका द्वारा भी कई प्रयास किए गए थे। नगर पालिका की सीएमओ माधुरी शर्मा का कहना है कि आईएसबीटी के निर्माण के लिए आवश्यक डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट), ब्लू प्रिंट, ड्राइंग और डिजाइन पहले ही तैयार किए जा चुके थे। हालांकि, परियोजना के बजट में कुछ अंतर आने की संभावना को लेकर इसे कंसल्टेंट एजेंसी से अपडेट कराने की आवश्यकता है। सीएमओ माधुरी शर्मा ने यह भी बताया कि नगर पालिका आईएसबीटी के निर्माण के लिए दुकानों के एडवांस ऑक्शन से राशि जुटाने के विकल्प पर विचार कर रही है, ताकि इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द गति दी जा सके।

विरोध के बाद फिर सौंरा का प्रस्ताव


बगौता में आईएसबीटी के निर्माण की योजनाओं के खिलाफ शहरवासियों ने तीव्र विरोध जताया था। इसके बाद प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने बगौता के स्थान को छोडक़र केंद्रीय विद्यालय के पास स्थित पुराने बस स्टैंड के समीप आईएसबीटी बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस स्थान पर आईएसबीटी का निर्माण होने से शहर के अंदर यातायात का दबाव कम होने के साथ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं। केंद्रीय विद्यालय के पास प्रस्तावित स्थान शहर के केंद्र से केवल आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे यात्रियों को फोरलेन से गंतव्य के लिए आसानी से कनेक्टिविटी मिल सकेगी। इसके अलावा, इस स्थान के पास रिहायशी क्षेत्र भी स्थित है, जिससे रात के समय यात्रियों को होटल, खाने-पीने की सुविधाएं और अन्य आवागमन की सुविधाएं मिल सकेंगी।

पुन: प्रस्तावित किया फोरलेन के पास


शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों ने इस स्थान को आईएसबीटी के लिए सबसे उपयुक्त माना है। नगर निगम और प्रशासन ने केंद्रीय विद्यालय के पास इस स्थान को पुन: प्रस्तावित किया है, ताकि यात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाएं प्रदान की जा सकें। एमएल अहिरवार हाउसिंग बोर्ड के ईई ने भी इस स्थान पर आईएसबीटी के निर्माण के लिए सहमति जताई है और बताया कि इस स्थल पर निर्माण कार्य की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

इस साल प्रगति आने की उम्मीद


आईएसबीटी के निर्माण में हुई देरी और प्रशासनिक अड़चनों के बावजूद नए साल में इस प्रोजेक्ट को गति देने के प्रयास तेज हो गए हैं। जनप्रतिनिधियों और प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अब इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा और शहरवासियों को जल्द ही एक नया और बेहतर बस टर्मिनल मिल सकेगा। आने वाले समय में, जब इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा, तो यह छतरपुर शहर के यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शहर में प्रतिदिन करीब 500 बसों की आवाजाही होती है, और एक समर्पित इंटरस्टेट बस टर्मिनल बनने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, वहीं स्थानीय यातायात पर दबाव भी कम होगा।

पत्रिका व्यू


आईएसबीटी का प्रोजेक्ट छतरपुर के लिए एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना है, जिसे पिछले एक साल से कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है। हालांकि, प्रशासन की ओर से अब इस प्रोजेक्ट को गति देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अगर यह प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा हो जाता है, तो यह न केवल छतरपुर के यातायात को बेहतर बनाएगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लिए भी एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र के रूप में कार्य करेगा।