देश में ईंधन पर सबसे अधिक मूल्य वर्धित कर (वैट) मध्यप्रदेश व राजस्थान में है। लगभग 39 प्रतिशत वैट के साथ पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर सबसे अधिक कर लगाता है। मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर सरकार 33 फीसदी वैट, 5 फीसदी एडिशनल ड्यूटी और 1 फीसदी सेस लगाती है। इसी तरह से डीजल पर भी होता है। यही वजह है कि मध्यप्रदेश में पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश से पेट्रोल-डीजल के दाम 9 से 10 रुपए ज्यादा होते हैं।
छतरपुर में 10 फरवरी को डीजल का दाम 86 रुपए 04 पैसे था, जो गुरुवार को 90.35 रुपए हो गए। पिछले आठ दिन में ही डीजल के दाम में 4 रुपए तक का इजाफा हुआ है। वहीं पेट्रोल की बात करें तो 10 फरवरी को जिले में पेट्रोल के दाम 95.80 रुपए थे, जो गुरुवार को 99.91 रुपए तक पहुंच गए। पेट्रोल में भी 5 रुपए की बढोत्तरी पिछले एक सप्ताह में ही हुई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रड ऑयल की कीमत 63.57 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वैक्सीन को लेकर आए रुझानों के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है, जिसका असर दिखाई दे रहा है। इधर, पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढऩे से लोगों के घर का बजट भी गड़बड़ाना शुरू हो गया है। खाद्य सामग्री की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। गृहणी पूनम श्रीवास्तव बताती है कि राशन व किराना के सामान के दाम बढऩे लगे हैं। दुकानदार का कहना है कि ट्रांसपोर्ट खर्च बढऩे से कीमतों पर असर पड़ रहा है। दुकानदार अजय बताते है कि थोक दुकानदारों का खर्च बढऩे से कीमतों पर असर पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे का सीधा असर ट्रांसपोर्ट खर्च पर पडता है।