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छतरपुर

पीएम आवास के लिए बजट जीरो, बाहर से आ रहे मजदूरों को यहां काम दिलाने के हैं निर्देश

छतरपुर में शुरू नहीं हो सका अधूरा काम, न ही मिला मजूदरों को काम, बजट बन रहा वाधक

छतरपुरMay 10, 2020 / 08:36 pm

Samved Jain

पीएम आवास के लिए बजट जीरो, बाहर से आ रहे मजदूरों को यहां काम दिलाने के हैं निर्देश

पीएम आवास के लिए बजट जीरो, बाहर से आ रहे मजदूरों को यहां काम दिलाने के हैं निर्देश

छतरपुर. लॉक डाउन के समय मजदूरों को काम दिलाने के आशय से पीएम आवास के काम शुरु कराने के निर्देश भले ही प्रमुख सचिव द्वारा जारी कर दिए हों, लेकिन पहले से ही बजट के चक्कर में बंद पड़े पीएम आवास के प्रोजेक्ट शुरू होने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में मजूदरों को काम देने का आदेश मजाक ही साबित हो रहा हैं।
लॉक डाउन के समय बड़ी संख्या में अन्य राज्यों और जिलों से मजदूर बड़ी संख्या में जिले में वापस लौट रहे हैं। इन मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के बड़े प्रोजेक्ट में इनको रोजगार देने के निर्देश हैं। इसी में एक काम प्रधानमंत्री आवास योजना का भी हैं। जो कि शहर के सटई रोड पर चल रहा हैं। जहां ठेेकेदार मजदूरों को काम देने तो तैयार हैं, लेकिन उसका ही पैमेंट काफी समय से अटके होने और बजट का रोड़ा होने के कारण वह काम वृहद स्तर पर भी नहीं करा पा रहे हैं।
तीन साल से चल रहा है काम
प्रकोष्ठ आवास निर्माण का यह काम गौरइया रोड बगौता भूमि पर 20 मई 2017 को शुरू हुआ था। झांसी के सुरेंद्र चंद्र गुप्ता की एजेंसी के पास ठेका हैं, जबकि पेटी पर काम अभिषेक रिछारिया द्वारा किया जा रहा हैं। दिसंबर 2018 तक काम को खत्म करने देना था, लेकिन अब भी २० प्रतिशत से अधिक काम अंधूरा हैं। काम के लिए एक बार 8 महीने का एक्सटेंशन और 6 महीने का एक्सटेंशन भी फरवरी में खत्म हो चुका है। इसके बाद भी काम नहीं हो पा रहा है।
मकान बेचकर आय कमाने की थी योजना
नगरपालिका ने इस आवासीय परिसर में 96 एमआइजी, 60 एलआइजी और 72 इडब्ल्यूएस मकानों का निर्माण मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में किया जा रहा हैं। इन फ्लेट्स की कीमत क्रमश: 18 लाख, 13 लाख और 3.5 लाख रुपए रखी गई हैं। इडब्ल्यूएस का आवंटन तो एक साल पहले किया जा चुका हैं। जबकि एमआइजी और एलआइजी कोई खरीदने नहीं आ रहा हैं। ऐसे में नगरपालिका का बजट अब गड़बड़ा गया हैं। ठेकेदार को डेढ़ साल से पेमेंट नहीं होने के कारण काम स्लो हो गया हैं।
बैंक ने फंसाया पेंच, गारंटी लेने से किया इंकार
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यूनियन बैंक को फाइनेंस करना था, लेकिन प्रकोष्ठ आवास योजना के तहत आवास होने के कारण यूनियन बैंक ने इसे असुरक्षित लोन मानते हुए लोन जारी करने से इंकार कर दिया।
नगरपालिका की लापरवाही, अब बैंक पर साध रहे निशाना
नगरपालिका द्वारा संभावनाओं को आधार बनाकर इन प्रकोष्ठ आवास का निर्माण तो करा लिया, लेकिन अब ठेकेदार का पेमेंट रोककर काम में लेटलतीफी कराई जा रही हैं। योजना के तहत नगरपालिका को पूरा बजट प्राप्त हो चुका हैं। जिसका उपयोग नगरपालिका द्वारा अन्य कार्यों में कर लिया गया हैं। 33 करोड़ के इस काम में अब तक ठेकेदार का 12 करोड़ का पेमेंट हो सका हैं। जबकि 8 करोड़ से अधिक बिल लगा हुआ हैं। जो अब भी पेडिंग हैं। नगरपालिका पेमेंट नहीं होने कारण बैंक को बता रही हैं, जबकि बैंक के अधिकारियों के अनुसार वह लोन स्वीकृत करने और न करने के अधिकारी हैं।
वर्जन
पीएम आवास का काम चल रहा है, मजूदरों को काम देने की बात चल रही है। अभी बजट की बात नहीं करना चाहिए।
पीडी तिवारी, प्रभारी आवास योजना नगरपालिका छतरपुर
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