लॉकडाउन में इतनी भीड़ क्यों है भाई, बैंकों और ग्राहक सेवा केन्द्रों में जुट रही भीड़
छतरपुर/ बक्स्वाहा. लॉक डाउन का समय चल रहा हैं। हर किसी को घर में रहने कहा जा रहा हैं। आवश्यक कार्य के लिए निकलने छूट दी जाती हैं, लेकिन जब ऐसी तस्वीरें सामने आएंगी तो सवाल खड़ा होगा ही कि लॉकडाउन में इतनी भीड़ क्यों है भाई…?
दरअसल, यह भीड़ उन गरीब लोगों की हैं। जो रोज कमाते खाते हैं और सरकार की योजनाओं पर आश्रित हैं। लॉकडाउन के समय सरकार ने भी इन लोगों पर रहम करते हुए कुछ राहत राशि इनके खातों तक पहुंचाई हैं। जैसे ही इन्हें जानकारी मिलती हैं कि खाते में राशि आ चुकी हैं। फिर क्या हर कोई ऐसे समय में रुपए निकालने पहुंच जाता हैं और नजर आने लगती हैं भीड़। इस भीड़ से सोशल डिस्टेंस का नियम जरूर टूटा हैं, लेकिन आखिर लोग करें भी तो क्या? हालांकि, संक्रमण के खतरा के बीच इस तरह की तस्वीरें चिंता बढ़ाने वाली हैं।
गुरुवार को बैंको औऱ ग्राहक सेवा केंद्रों में अचानक भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लॉकडाउन के चलते कई दिनों से लोगों के काम काज भी ढप पड़े हुए हैं। लोगो को रुपए की सख्त आवश्यकता भी है। सोचने वाली बात यह है कि वहां जुट रही लोगों की भीड़ में कुछ लोगों के खातों में रुपए आए है और कुछ लोगो के खातों में नहीं। लेकिन जानकारी के अभाव में लोग बैंकों तक पहुंच कर भीड़ का हिस्सा बन रहे थे। इस दौरान मास्क और सोशल डिस्टेंस का ध्यान न रख कर महामारी के संक्रमण को खुला निमंत्रण देते नजर आए।
इन योजनाओं की राशि पहुंच रही खातों में 1- जनधन खातों में (0 बैलेंस) वाले में 500 रुपए, वह भी सिर्फ महिलाओं के खातों में , हर किसी के खाते में नहीं। 2- किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 2020 की प्रथम कि़स्त 2000 रुपए। ३- जिसका मुख्यमंत्री कर्मकार मंडल का कार्ड है उस खाते में भी राशि पहुंच रही है। 2 साल पहले हुए श्रमिक पंजीयन वालों के खातों में नहीं 4- जिनको पेंशन मिलती हंै उनके खाते में भी पेंशन पहुंच गई है। 5- जिन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिली थी,अभी तक उनके खाते में नहीं। 6- उज्ज्वला योजना में जिनको गैस सिलेंडर मिला था , उनके खाते में सिलेंडर भरवाने के लिए राशि दी जा रही है।