तालाब सिमटे तो शहर का जल स्तर धीरे-धीरे गिरकर 300 फीट पहुंचा
छतरपुरPublished: Dec 02, 2022 04:29:14 pm
रियासतकालीन विरासत को निगल गया अतिक्रमण, पानी लाने वाले नालों पर भी कब्जा


गायत्री तलैया जलकुंभी और नालों के पानी से तोड़ रही दम
छतरपुर. रियासतकाल में छतरपुर शहर में पानी के इंतेजाम करने के लिए राजाओं ने तालाबों का निर्माण कराया। वर्ष 1707 में छतरपुर की स्थापना के समय आसपास कोई बड़ी नदी न होने के कारण समय-समय पर राजाओं ने तालाबों का निर्माण कराया। इन तालाबों को एक-दूसरे से जोड़कर इनका जलस्तर नियंत्रित करने की व्यवस्था की गई। सभी तालाबों के जल की शहर के बाहर निकासी सिंघाड़ी नदी के माध्यम से होती थी। हमारे पुरखों ने जलसंरक्षण और जलप्रबंधन के लिए किए गए प्रयास अतिक्रमण और मनमानी के कारण ध्वस्त हो गए हैं। तालाबों में पानी लाने वाले नाले पर कब्जा होने से तालाब गंदे पोखरों में बदल चुके हैं। इसका दुष्प्रभाव यह है कि शहर का जलस्तर करीब 300 फीट तक नीचे जा चुका है।