लॉक डाउन में पोस्टल डिपार्टमेंट ने गंभीर बीमारी के मरीजों के घर तक पहुंचाई दवाएं
छतरपुरPublished: May 26, 2020 10:10:29 pm
लोगों के घर तक पहुंचाए रुपएकिसी भी योजना से आया बैंक खाते में रुपया तो पोस्टल डिपार्टमेंट ने घर तक पहुंचाई वालंटीयर के जरिए एक लाख लोगों तक रकमलॉक डाउन में सार्वजनिक परिवहन बंद होने पर भी दिल्ली-मंबुई से मंगाकर दी 1000 गंभीर मरीजों को दवाएं
छतरपुर। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग के लिए देश में लागू किए गए लॉकडाउन में सबसे पहले सार्वजनिक परिवहन के साधनों का संचालन बंद हो गया। ऐसे में गंभीर बीमारियों के मरीज और विभिन्न सरकारी योजनाओं से मिले रुपए से परिवार चलाने वाले लोगों के लिए संकट खड़ा हो गया। मरीजों के सामने समस्या थी कि दिल्ली-मुंबई से दवाएं कैसे मंगाई जाएं। वहीं, पेंशन,जनधनखाता से रुपए निकालने वाले ग्रामीण इलाके के लोगों के लिए समस्या थी कि वे अपने खाते का पैसा कैसे प्राप्त करें। इस संकट की स्थिति में लोगों की समस्या का समाधान के लिए डाक विभाग ने नई राह निकाली और लोगों को राहत पहुंचाई।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से बनी नई राह
संभागीय डाक कार्यालय छतरपुर के अंतर्गत आने वाले 4 जिलों के में डाक विभाग द्वारा गंभीर बीमारी के मरीजों की दवाएं घर पहुंचाने का काम लॉकडाउन के दौरान किया गया है। छतरपुर की एक बेटी ने प्रधानमंत्री को ट्वीट करके बताया कि उसे किडनी की प्रॉब्लम है और उसके पिता को कैंसर की बीमारी है। ट्वीट के बाद पोस्टल विभाग के मंत्री रविशंकर ने ट्वीट का जवाब दिया और डाक अधीक्षक को निर्देश देकर दिल्ली से 3 दिन में पिता और बेटी की दवा मंगवाकर छतरपुर स्थित उनके घर तक पहुंचाई। इसके बाद छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और निवाड़ी के गंभीर बीमारियों के 1000 मरीजों को लॉक डाउन के दौरान दवा मंगवाकर पहुंचाई गई। संभागीय डाक अधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि लोग फोन से, ट्वीट से और व्हाट्सऐप से दवा की जरूरत की जानकारी देते थे। जिसके बाद स्पेशल डाक वाहन के जरिए उनकी दवाएं मंगाई गई। जिसमें छतरपुर की एक बेटी और उसके पिता की दवा के लिए मंत्री जी से निर्देश मिले थे। इसी तरह पन्ना के एक कैंसर मरीज को भी दवा पहुंचाई गई। उन्होंने बताया कि डाक विभाग के अन्य कार्यो के अतिरिक्ति विभाग ने संकटकाल में ये कार्य भी किया है। क्योंकि विभाग का घ्येय वाक्य है कि डाक सेवा जन सेवा,जिसमें हम लगे रहे।
एक लाख लोगों तक पहुंचाए रुपए
पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान खासकर ग्रामीण इलाके के लोगों के खाते में आए विभिन्न योजनाओं के रुपए या उनकी जमा राशि निकालने के लिए उन्हें बैंक तक न जाना पड़े और उनके घर तक रुपया पहुंच जाए। इसके लिए विभाग ने आधार लिंक वाले खातों की राशि अपने कर्मचारियों के जरिए लोगों के गांव-घर तक पहुंचाई। इसके लिए किसी से कोई अतिरिक्त राशि भी नहीं ली गई। उन्होंने बताया कि संभागीय डाक कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों में 1 लाख लोगों को 4 करोड़ रुपए की राशि उनेक घर तक पहुंचाकर लॉकडाउन के दौरान विभाग ने जन सेवा करने का कार्य किया है। लॉक डाउन के कारण घरों-गांवों में फंसे लोगों को घर बैठे ही सुविधा मिली है। डाक विभाग के कर्मचारी भले ही घर बैठे काम नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने लोगों को उनके घर तक मदद पहुंचाई है।
पासपोर्ट का नहीं हो सका काम
सहायक पोस्ट मास्टर मनोज सिंह चौहान ने बताया कि डाकघर में प्रवेस द्वार पर ही सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई थी। मास्क का उपयोग भी जरूरी किया गया, इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए डाक विभाग द्वारा किए जाने वाले सभी काम लॉकडाउन के दौरान किए जाते रहे हैं। रकम जमा, निकासी , आरडी जैसे सभी काम होते रहे हैं। केवल विदेश मंत्रालय से संबंधित पासपोर्ट केन्द्र का काम बेवसाइट बंद होने से नहीं हो सके हैं। इस दौरान पासपोर्ट के लिए लोगों ने ऑनलाइन आवेदन और अप्लायमेंट लेने जैसे आवेदन भी नहीं दिए हैं।