प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में फार्मासिस्ट नहीं, दवाओं के लिए भटक रहे मरीज
छतरपुरPublished: Oct 13, 2019 04:53:40 pm
पहले थी डॉक्टर की समस्या, जैसे तैसे बनी कामचलाउ व्यवस्था अब फार्मासिस्ट नहीं होने से दवा वितरण व्यवस्था लडख़ड़ाई
Drug delivery system fail
छतरपुर। महाराजपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिगड़ी व्यवस्था नहीं सुधर रही है। पहले डॉक्टर की समस्या बनी रही, अब डॉक्टर मिल गया तो फार्मासिस्टों के ट्रांसफर के बाद अस्पताल में उपलब्ध एक फार्मासिस्ट भी मेटरनिटी लीव पर है। इस वजह से अस्पताल के दवाखाने में काफी समय से ताला लटका है और मरीज दवाओं के पर्चे लिए भटक रहे हैं। लोगों की मांग पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सप्ताह में दो दिन गुरुवार व शुक्रवार को डॉ. आलोक चौरसिया की ड्यूटी लगाई गई है। निर्धरित दिनों में डॉक्टर द्वारा मरीजों का इलाज करके पर्चे पर दवाएं लिख दी जाती हैं। इसके बाद शुरू हो जाती है मरीजों की असली समस्या। दरअसल यहां काफी समय से फार्मासिस्ट न होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। अस्पताल में पर्चा बन जाने के बाद दवा बांटने के लिए फार्मासिस्ट न होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पहले थे दो फार्मासिस्ट
महाराजपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले एक नहीं दो-दो फार्मासिस्ट थे। कुछ दिनों पहले जारी की गई तबादला सूची में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की फार्मासिस्ट संध्या चौरसिया को स्थानांतरित कर दिया गया और दूसरी फार्मासिस्ट अंकिता निगम को महाराजपुर से हटाकर अर्बन पीएचसी अमानगंज मोहल्ला में अटैच कर दिया गया है। संध्या चौरसिया के स्थान पर फार्मासिस्ट जूली पटेल को महाराजपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ किया गया था। जूली ने अस्पताल में कुछ दिन तो दवा का वितरण किया और फिर मेटरनिटी लीव लेकर अवकाश पर चली गईं। तब से अस्पताल में दवा वितरण कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। यहां डाक्टर का पर्चा लेकर मरीज दवाओं के लिए यहां-वहां भटकते देखे जाते हैं। काफी समय से अस्पताल के दवाखाने पर ताला ही लटका है।
मरीजों ने सुनाई अपनी व्यथा
महाराजपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने वाले मरीजों ने दवा न मिलने से होने वाली परेशानियों की व्यथा सुनाते हुए विभागीय अधिकारियों पर लापरवाही व समस्याओं की अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं। मरीजों में रामखिलावन रजक मनकारी, हल्की बाई नाथपुर, किशोरी लाल अहिरवार पड़वाह, मुकेश चौरसिया, उमाशंकर कुशवाहा, शैलेन्द्र मोबाइल और सुनील चौरसिया ने बताया है कि वे अस्पताल में इलाज कराने के लिए काफी समय से बैठे हैं। यहां अकेले डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। न तो पर्चा बनाने के लिए कोई है, न दवा बांटने के कोई मौजूद है। ऐसी परेशानी रोज होती है। चरणपादुका सिंहपुर से आए मरीज सोनू ने बताया कि डॉक्टर ने परीक्षण करके पर्चे पर दवा तो लिख दी है, लेकिन दवा के काउंटर पर ताला लगा है। ऐसे में अब बाजार से महंगी दवा लेने की समस्या है। कई मरीजों ने बताया कि उनके पास इतने रुपए भी नहीं हैं कि वे बाहर मेडिकल से दवा ले सकें।
इनका कहना है
फार्मासिस्ट अंकिता निगम की पदस्थापना महाराजपुर में है। वे जिले में अटैच हैं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। अटैचमेंट का काम सीएमएचओ कार्यालय से होता है। फिर भी मैं जल्दी ही वहां फार्मासिस्ट की व्यवस्था कराने की कोशिश करूंगा।
महेश दीक्षित,बीएमओ, नौगांव
फार्मासिस्ट कहां पर अटैच हैं, मैं इसको दिखवाता हूं। महाराजपुर के अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए मैं शीघ्र व्यवस्था कराता हूं।
डॉ. विजय पथोरिया,सीएमएचओ, छतरपुर