8 लाख क्विंटल अधिक हुई गेहूं की खरीद, ्पिछले साल की तुलना में किसान भी पहुंचे अधिक
छतरपुरPublished: May 30, 2020 01:42:34 am
Purchase of wheat increased by 7 lakh quintals, farmers also reached more than last year
Purchase of wheat increased by 7 lakh quintals, farmers also reached more than last year
छतरपुर. गेहूं की बंपर पैदावार के साथ-साथ इस बार गेहूं की खरीदी भी उपार्जन केंद्रों पर जमकर हुई हैं। जिले में इस बार रेकॉर्ड गेहूं खरीद केंद्रों पर पहुंचा हैं। जो कि पिछले साल की तुलना में ८ लाख क्विंटल अधिक हैं। रेकॉर्ड खरीदी के बाद अब भंडारण का संकट बना हुआ हैं।
जिले में २६ मई तक गेहूं खरीदी हुई। जबकि शेष रहे गए १७८ किसानों से २८ मई तक खरीद की गई। अब खरीद पूरी तरह बंद हो चुकी हैं। खरीदी के आखिर दिनों में बारदाना और परिवहन के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे खरीदी प्रभावित हुई। जिले में इस बार ३० लाख ९१ हजार ९६४ क्विंटल गेहूूं की खरीद हुई है। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में ८ लाख क्विंटल अधिक हैं। पिछले वर्ष २२ लाख २६ हजार क्विंटल गेहूं खरीद केंद्रों पर पहुंचा था। इस बार ६४ हजार किसानों ने गेहूं के लिए पंजीयन कराया था, जिनमें से ४७०५१ किसान खरीद केंद्रों पर उपज लेकर पहुंचे। जबकि पिछले बार ८४ हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। इस बार २० हजार किसानों के कम पंजीयन होने से खरीद पर असर माना जा रहा था, लेकिन अधिक ही खरीद हुई।
कई केंद्रों पर खुले में पड़ा गेहूं
रेकॉर्ड गेहूं खरीद होने से अब जिले में भंडारण की स्थिति गड़बड़ा गई हैं। इधर, धीमे परिवहन की वजह से अनेक खरीदी केंद्रों पर खुले में हजारों क्विंटल गेहूं पड़ा हुआ हैं। जो अभी चल रही बारिश में भीग सकता है। जिले में करीब २५ लाख क्विंटल भंडारण की व्यवस्था गो डाउन में हैं, जबकि अभी तक २७ लाख ५३ हजार क्विंटल से अधिक परिवहन होकर गोडाउन में रखा जा चुका हैं। अब भी खरीदी केंद्रों पर ३ लाख ३९ हजार क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा हुआ हैं। जिसे भी उठाने और भंडारण की व्यवस्था कराई जा रही हैं।
लॉकडाउन में मिला अच्छा भाव, किसान पहुंचे
लॉकडाउन के समय गेहूं खरीद होने के बाद भी किसानों को समर्थन मूल्य पर अच्छा भाव गेहूं का मिला हैं। इसीलिए किसान अधिक से अधिक मात्रा में खरीदी केंद्रों पर अपनी उपज लेकर पहुंचे। इसके अलावा व्यापारियों द्वारा भी लॉकडाउन के समय खरीदी बंद रखी गई, जिससे भी किसानों का रुख खरीदी केंद्रों की ओर ही रहा। यही वजह रही कि जिले में बंपर खरीदी हुई।