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खाद की दुकानों पर चस्पा होगी रेट लिस्ट, ज्यादा दाम पर बेचने पर रद्द होगा लाइसेंस

locationछतरपुरPublished: Nov 26, 2020 09:06:32 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

बोरी में खाद की कम मात्रा या मिलावट पर भी होगी कार्रवाईकटी-फटी बोरी में खाद बेचने पर भी दुकानदार पर लिया जाएगा एक्शन

बोरी में खाद की कम मात्रा या मिलावट पर भी होगी कार्रवाई

बोरी में खाद की कम मात्रा या मिलावट पर भी होगी कार्रवाई

छतरपुर। जिले में विपणन संघ सहित जहां से भी किसानों को खाद बेची जा रही है। सभी को गोदाम, दुकान के बाहर खाद की रेट लिस्ट चस्पा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसानों से ज्यादा दाम न वसूले जा सके। वहीं, किसानों को खाद की बिक्री की रसीद भी देनी होगी। उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 के तहत मूल्य सूची, कैश मेमो या क्रेडिट मेमो, बिना लाइसेंस, मिलावटी या मिस ब्रांडिंग, कम मात्रा या कटी-फटी बोरी में खोद बेचने पर भी कार्रवाई की जाएगी। नियम का उल्लंघन करने वाले दुकानदार को पहले नोटिस दिया जाएगा, फिर लाइसेंस निलंबित किया जाएगा। फिर भी सुधार न होने पर लाइसेंस रद्द करने के अलावा एफआइआर तक हो सकती है।
कटी-फटी बोरी में नहीं दे सकेंगे किसानों को खाद
उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कोई भी खाद विक्रेता दुकान में मूल्य सूची बोर्ड नहीं लगाता तो धारा 4 का उल्लंघन माना जाएगा। वहीं खाद बिक्री की रसीद नहीं देता है, तो धारा 5 का उल्लंघन, बिना लाइसेंस खाद बेचने पर धारा 7 का उल्लंघन, मिलावटी या मिस ब्राङ्क्षडग पर धारा 19 का उल्लंघन, खाद की बोरी में कम बजन या कटी-फटी बोरी बेचने पर धारा 21 और बिक्री व स्टॉक का रिकॉर्ड नहीं रखने पर धारा 33 का उल्लंघन माना जाता है। ऐसे में उल्लंघन करने वाले को कृषि विभाग पहले नोटिस जारी करता है, फिर लाइसेंस निलंबित कर बिक्री पर रोक लगाता है और उसके बाद लाइसेंस निरस्त कर दिया जाता है।
नि:शुल्क बीज के रुपए लेने पर सेवा समाप्ति का नोटिस
गौरिहार में किसान को प्रदर्शन का बीज देने के एवज में 1800 रुपए वसूल करने वाले आत्मा परियोजना के तकनीकी सहायक दीपेंद्र वर्मा को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। उप संचालक कृषि मनोज कश्यप ने बताया कि दीपेंद्र वर्मा को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है कि क्यों न आपकी सेवा समाप्त कर दी जाए। गौरतलब है कि महाराजपुर गांव के किसान रामखगेश सिंह ने आरोप लगाया था कि तकनीकी सहायक ने उससे 1800 रुपए लिए हैं। काबुली चने का जो बीज किसान को दिया गया है, वह दरअसल प्रदर्शन बीज है, यह नि:शुल्क दिया जाना है।
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