श्री राम और रावण के युद्ध के अंतिम क्षण में जब राम द्वारा रावण को तीर लग चुका था। उस तीर के वार से जिस समय रावण मरने की ओर था, तब श्री राम ने लक्ष्मण को उसके पास भेजा था और कहा था कि उसके पास जाकर बड़े आदर से बैठ जाना और उससे कहना कि, हमें कुछ ज्ञान की बातें बताएं। लक्ष्मण ने वैसा ही किया। लक्ष्मण के रावण के पास जाकर आगृह करने पर रावण ने लक्ष्मण को ज्ञान की तीन बातें बताईं थी, जो आज के समय के लिए थीं, आइये जानते हैं उन ज्ञानवर्धक बातों के बारे में…।
यह हैं वह खास बातें
-जीवन के अंदर जो भी शुभ काम है उसे जल्द से जल्द कर लेना चाहिए और जो अशुभ काम है उसे जितना देर तक हो सके उतना टालना चाहिए, नहीं तो जीवन में पछताना पड़ सकता है। रावण ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि, “मैंने श्री राम को पहचानने में भूल की, जिसके कारण आज मेरी यह हालत हुई।”
-कभी भी शत्रु को खुद से छोटा और कमजोर नहीं समझना चाहिए। यह अहंकार की निशानी है। रावण ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि, “मैंने वानर सेना को छोटा समझा और यही मेरे जीवन की सबसे बड़ी भूल थी।”
-जीवन में अपने राज किसी को भी नहीं बताना चाहिए, चाहे वह आपके लिए कितना भी भरोसेमंद व्यक्ति क्यों ना हो। रावण ने इसपर भी खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि, “मैंने अपने राज विभीषण को बताए इसलिए आज मैं विनाश के मुहाने पर खड़ा हूं”