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कोरोना से जीती जंग, ब्लैक फंगस से हारी जिंदगी
छतरपुर शहर के बकायन खिड़की मोहल्ला के रहने वाले राहुल खरे को 17 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से 25 अप्रैल को स्वस्थ्य होने के बाद राहुल को डिस्चार्ज कर दिया। राहुल कुछ दिनों तक ठीक रहा लेकिन बाद में उसकी आंख में तकलीफ होने लगी। परेशानी बढ़ी तो 7 मई को राहु भोपाल के पारुल अस्पताल पहुंचा और जांच कराई। जहां उसे ब्लैक फंग्स होने की पुष्टि हुई। ब्लैक फंगस की पुष्टि होने के बाद अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा था और इसी दौरान गुरुवार को 13 मई को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। बता दें कि राहुल खरे के पिता लखन लाल की भी बीते दिनों कोरोना से मौत हो गई थी।
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ब्लैक फंगस को लेकर प्रशासन अलर्ट
बता दें कि तेजी सामने आ रहे ब्लैक फंगस के मामलों को देखते हुए प्रशासन और सरकार दोनों ही अलर्ट है और सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को हिदायत दी गई है कि ब्लैक फंगस का मरीज मिलने पर तुरंत प्रशासन को सूचित किया जाए। बता दें कि कोरोना से जंग जीतने वाले मरीज ब्लैक फंगस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बीते दिनों ब्लैक फंगस से ग्वालियर में पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई थी और प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी ब्लैक फंगस के कारण दो महिला मरीजों की मौत की खबरें आई थीं।
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