बिना सुरक्षा उपकरणों के पहाड़ों पर बारूद से मजदूर तोड़ रहे पत्थर, जिम्मेदारों द्वारा नहीं दिया जा रहा ध्यान
छतरपुर•Mar 17, 2019 / 01:53 am•
हामिद खान
Risks to keep passersby from blasting
नौगांव. बीते रोज ब्लास्टिंग के लिए करने के दौरान चट्टान खिसकने से एक मजदूर की मौत हो गई थी और दूसरे का उपचार ग्वालियर में चल रहा है। हालांकि पुलिस ने अभी तक घटनास्थल का मुआयना नहीं किया और न ही मृतक के परिजनों द्वारा रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है। माना जा रहा है कि परिजन जल्द ही रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि नौगांव क्षेत्र के आसपास एक दर्जन से अधिक क्रॅशर चल रही हैं। इनके लिए पहाड़ों की लीज होती है। यहां पत्थर तोडऩे वाले मजदूरों को सुरक्षा सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाती। किसी भी कॅ्रशर या पहाड़ पर काम कर रहे मजदूर हेलमेट, जैकेट पहने हुए नहीं मिलते। सैकड़ों मजदूरों के तो पंजीयन ही नहीं हैं। जानकारी के अनुसार डायनामाइट के सहारे ब्लास्टिंग कर पत्थर तोड़े जाते हैं। इससे पत्थर टुकड़ों में तब्दील हो जाता है, लेकिन इनको टुकड़ों में बदलने वाले मजदूरों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
मजदूरों को न तो हेलमेट दिए जाते हैं और न ही जैकेट। साथ ही मजदूरों का पंजीयन होता है तो दुर्घटना के बाद क्लेम लिया जा सकता है, लेकिन अधिकतर क्रशर संचालक इसको मैंटेनेंस नहीं करते। दैनिक मजदूरी देकर मजदूरी कराई जा रही है।
नौगांव तहसीलदार बीपी सिंह ने बताया कि क्रशरों की जांच की जाएगी। विस्फोटक सामग्री दस्तावेज भी जांचे जाएंगे। मजदूरों के पंजीयन की भी जांच होगी। अगर कहीं गड़बड़ी पाई जाती है तो वहां पर कार्रवाई की जाएगी।
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