scriptजिले की सीमा पर नदी में लगाए लिफ्टर, पानी के अंदर से निकाल रहे रेत | River lifters on the border of the district, sand coming out | Patrika News

जिले की सीमा पर नदी में लगाए लिफ्टर, पानी के अंदर से निकाल रहे रेत

locationछतरपुरPublished: May 31, 2020 08:00:44 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

छतरपुर जिले की सीमा पर पन्ना जिले के खरोनी में लिफ्टर से निकाल रहे रेतउत्तरप्रदेश के बांदा, मध्यप्रदेश के पन्ना और सतना हो रही अवैध रेत की सप्लाई

Illegal sand supply

Illegal sand supply

छतरपुर/ चंदला। लॉकडाउन में भले ही आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। वैध कामकाज भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बंद किए गए हैं। लेकिन अवैध कारोबार पर लॉकडाउन का कोई असर नहीं है। पन्ना जिले की चांदीपाटी में हैवी मशीनों से अवैध उत्खनन के बाद अब रेत माफिया ने छतरपुर जिले की नेहरा रेत खदान के उसपार पन्ना जिले के खरोनी में लिफ्टर से रेत का अवैध उत्खनन शुरु कर दिया है। छतरपुर जिले की नेहरा में रेत खदान बंद है, जबकि खरोनी साइड में केन नदी में पानी भरा हुआ है। रेत माफिया पानी के अंदर की रेत निकाल रहे हैं। इसके लिए नदी में दो लिफ्टर डाले गए हैं, जो पानी के अंदर की रेत को लिफ्ट करके किनारे में डंप करते हैं। घाट पर डंप रेत को रात में हैवी मशीनों से ट्रकों में भरकर हथौहा पुल के रास्ते अजयगढ़, पन्ना और सतना के लिए सप्लाई किया जा रहा है। इसके साथ ही खरोनी से लगे नरैली जिला बांदा के रास्ते उत्तरप्रदेश भी रेत भेजी जा रही है।
छतरपुर-पन्ना और बांदी की सीमा पर अवैध उत्खनन
केन नदी की रेत खदानों में सिर्फ नेहरा और खरोनी ही ऐसी खदानें हैं, जो पूरी तरह से मध्यप्रदेश के इन दो जिलों में आती है। इसके आगे की केन नदी की खदानें आधी मध्यप्रदेश तो आधी उत्तरप्रदेश की सीमा में आती है। खरोनी जिला पन्ना में रेत माफिया लिफ्टर से रेत निकालकर बगल से लगी नरैनी जिला बांदा की सीमा से उत्तरप्रदेश और हथौहा पुल के रास्ते अजयगढ़ जिला पन्ना के रास्ते पन्ना और सतना के लिए रेत की सप्लाई लॉकडाउन में भी की जा रही है।
नदी में लगाए गए 2 लिफ्टर
रेत माफिया ने खरोनी में केन नदी से रेत निकालने के लिए दो लिफ्टर लगाए हैं। 6 पिस्टन वाले इंजन को नाव में फिट करके पाइपो के सहारे नदी की तलहटी से रेत लिफ्टर के जरिए रेत खदान के किनारे डंप की जा रही है। एनजीटी की गाइड लाइन के अनुसार नदी के पानी से लिफ्टर के जरिए रेत निकालने पर सख्त प्रतिबंध हैं। पानी के अंदर से रेत निकालने से जलीय-जीव जन्तु का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है। इसके साथ ही नदी का बायोलॉजिकल सिस्टम भी प्रभावित होता है, जिससे धीरे-धीरे नदी दम तोडऩे लगती है।
तीन ट्रैक्टर जब्त, डंफरों पर कार्रवाई नहीं
चंदला पुलिस ने तीन ट्रैक्टर और वन विभाग ने बछौन सर्किल की बीट से 2 ट्रैक्टर रेत का अवैध परिवहन करते हुए पाए जाने पर जब्त किए हैं। इन ट्रेक्टरों के माध्यम से केन नदी की रेत अवैध रुप से निकालकर आसापास के गांव व इलाके में डंप की जा रही है। हालांकि पुलिस चंदला के रास्ते निकलने वाले रेत के ओवरलोड डंफरों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। ट्रैक्टर पकड़कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। जबकि चंदला से रात 9 बजे सुबह 7 बजे तक दर्जनों डंफर अवैध रेत रोज निकल रही है। रामपुर घाट से रेत निकालकर चंदला के रास्ते रेत सप्लाई हो रही है। चंदला से गुजरने वाले इन डंफरों से पानी टपकता रहता है, जिससे पता चल ता है कि इन डंफरो में केन नदी के पानी से निकाली गई रेत का परिवहन किया जा रहा है।
एसपी ने टीम भेजकर करवाई कार्रवाई
लॉकडाउन में रेत के अवैध कारोबार पर कार्रवाई के लिए रविवार को एसपी कुमार सौरभ ने गौरिहार टीम भेजकर कार्रवाई करवाई। पुलिस लाइन में पदस्थ सब इंस्पेक्टर राजकुमार यादव और प्रदीप सर्राफ ने दल के साथ जावरा तिगड्डा पर रेत से भरे दो ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़े। पुलिस अधिकारियों को रेत के अवैध कारोबार की शिकायत पर दल बनाकर कार्रवाई कराई गई है। रेत की चोरी का मामला दर्ज किया जा रहा है।
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