गुटखा फैक्ट्री पर छापामार कर्रवाई को लेकर पहले तो पुलिस अधिकारी बचते रहे। बताया गया है कि भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष एवं ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष बरसैंया और कुछ व्यापारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने तुरंत सीएसपी उमेश शुक्ला और कोतवाली टीआइ सरिता बर्मन से मोबाइल पर बात की। दोनों ही अधिकारियों ने इस तरह की कार्रवाई की जानकारी से अनिभिज्ञता जताई थी। लेकिन दोपहर बाद सीएसपी शुक्ला पुलिसकर्मियों के बचाव में आ गए। उन्होंने कहा कि दूसरे ब्रांड के प्रोडक्ट की पैकिंग की सूचना पर यह कार्रवाई उनकी जानकारी में ही हुई है। रात में फूड वाले नहीं पहुंच पाए। दिन में उन्हें बुलाकर पूरी कार्रवाई करवाई गई है।
व्यापारियों में नाराजगी
पुलिस की इस कार्रवाई पर व्यापारियों में गहरी नाराजगी है। फैक्ट्री मालिक मुकेश कठल ने बताया कि उत्पाद का लाइसेंस उनकी पत्नी के नाम पर है और सभी तरह की जरूरी अनुमतियां उनके पास हैं। इसके बाद भी उन्हें बिना सूचना दिए इस तरह से फैक्ट्री में घुसना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। वहीं भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के संजू बरसैंया ने कहा कि यह सीधा-सीधा मामला व्यापारियों को प्रताडि़त करने का है। व्यापारियों ने इसकी जांच कराने की मांग की है कि किसके आदेश पर पुलिसकर्मियों ने इस तरह की कार्रवाई की है। वे इसे डकैती बता रहे हैं।
अगर पुलिस मुखबिर की सूचना पर फैक्ट्री पर गई थी तो कार्रवाई के लिए पहुंची होगी। यह अलग बात है कि मौके पर कुछ गलत नहीं मिला। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर पुलिस पर आरोप लग रहे तो जांच कराई जाएगी। कोई दोषी हुआ तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अनिल माहेश्वरी, डीआइजी, छतरपुर