scriptरात में गुटखा फैक्ट्री में दीवार फांदकर पुलिस के घुसने पर बवाल, दिन में फूड विभाग ने सील किया | Ruckus on the entry of the police into the gutkha factory by night, th | Patrika News

रात में गुटखा फैक्ट्री में दीवार फांदकर पुलिस के घुसने पर बवाल, दिन में फूड विभाग ने सील किया

locationछतरपुरPublished: Oct 20, 2019 01:37:59 am

व्यापारियों ने पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा, कार्रवाई की मांग

रात में गुटखा फैक्ट्री में दीवार फांदकर पुलिस के घुसने पर बवाल, दिन में फूड विभाग ने सील किया

रात में गुटखा फैक्ट्री में दीवार फांदकर पुलिस के घुसने पर बवाल, दिन में फूड विभाग ने सील किया


छतरपुर. बीती रात शहर के एक गुटखा फैक्ट्री में पुलिस की कथित छापामार कार्रवाई को लेकर बवाल मच गया है। पुलिसकर्मी फैक्ट्री के भीतर दीवार फांदकर घुसे थे और बिना सक्षम अनुमति के तलाशी ली थी। दो कर्मचारियों को उठाया भी गया था। व्यापारी ने पुलिसकर्मियां पर चार ट्राली बैग, ३५ तौलिया और २२ हजार रुपए के चिल्लर लूट ले जाने का आरोप लगाया है। उधर, दिन में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने फैक्ट्री से गुटखा व कच्चा माल के सेंपल लेकर फैक्ट्री के उस कमरे को सील कर दिया है। जहां माल रखा था।
सूत्रों के अनुसार बगराजन मंदिर के पास महोबा बायपास के समीप संचालित गुटखा फैक्ट्री में प्रशिक्षु डीएसपी उदयभान बागरी के नेतृत्व में शुक्रवार को रात १२.३० बजे छापा मारने पहुंचे थे। उनके साथ गए डीएसपी अजाक शैलेंद्र शर्मा, डीएसबी शाखा में पदस्थ सिपाही राजू वर्मा और अस्पताल चौकी में पदस्थ सिपाही आनंद सेन पहले गेट खुलवाने का प्रयास किया फिर दीवार फांदकर भीतर दाखिल हुए। उन्होंने बिना सर्च वारंट के पूरे फैक्ट्री परिसर की तलाशी ली। इसका विरोध करने पर दो कर्मचारियों को उठा लिया और कोतवाली थाने में बंद करा दिया। हालांकि सुबह बवाल मचने पर उन्हें छोड़ दिया। इस कार्रवाई को लेकर पुलिस का रवैया सवालोंंं के घेरे मेंं है। दिनभर व्यापारी आंदोलित रहे लेकिन पुलिस अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। दिन में खाद्य सुरक्षा विभाग का अमला फैक्ट्री पहुंचा और गुटखा सहित अन्य सामग्रियों की पड़ताल कर सैंपल जुटाए। माल गोदाम को सील कर टीम लौट गई।

नकली प्रोडक्ट की सूचना पर कार्रवाई
गुटखा फैक्ट्री पर छापामार कर्रवाई को लेकर पहले तो पुलिस अधिकारी बचते रहे। बताया गया है कि भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष एवं ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष बरसैंया और कुछ व्यापारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने तुरंत सीएसपी उमेश शुक्ला और कोतवाली टीआइ सरिता बर्मन से मोबाइल पर बात की। दोनों ही अधिकारियों ने इस तरह की कार्रवाई की जानकारी से अनिभिज्ञता जताई थी। लेकिन दोपहर बाद सीएसपी शुक्ला पुलिसकर्मियों के बचाव में आ गए। उन्होंने कहा कि दूसरे ब्रांड के प्रोडक्ट की पैकिंग की सूचना पर यह कार्रवाई उनकी जानकारी में ही हुई है। रात में फूड वाले नहीं पहुंच पाए। दिन में उन्हें बुलाकर पूरी कार्रवाई करवाई गई है।
व्यापारियों में नाराजगी
पुलिस की इस कार्रवाई पर व्यापारियों में गहरी नाराजगी है। फैक्ट्री मालिक मुकेश कठल ने बताया कि उत्पाद का लाइसेंस उनकी पत्नी के नाम पर है और सभी तरह की जरूरी अनुमतियां उनके पास हैं। इसके बाद भी उन्हें बिना सूचना दिए इस तरह से फैक्ट्री में घुसना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। वहीं भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के संजू बरसैंया ने कहा कि यह सीधा-सीधा मामला व्यापारियों को प्रताडि़त करने का है। व्यापारियों ने इसकी जांच कराने की मांग की है कि किसके आदेश पर पुलिसकर्मियों ने इस तरह की कार्रवाई की है। वे इसे डकैती बता रहे हैं।
अगर पुलिस मुखबिर की सूचना पर फैक्ट्री पर गई थी तो कार्रवाई के लिए पहुंची होगी। यह अलग बात है कि मौके पर कुछ गलत नहीं मिला। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर पुलिस पर आरोप लग रहे तो जांच कराई जाएगी। कोई दोषी हुआ तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अनिल माहेश्वरी, डीआइजी, छतरपुर
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