तीन गुना ज्यादा छात्राएं दे रही परीक्षा
शहर के शासकीय कन्या महाविद्यालय जो कि जिले का नोडल कॉलेज भी है। यहां पर छात्राओं के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। पिछले लगभग तीन सालों से कॉलेज में विद्यार्थियों व छात्र संगठनों की मांग पर सीटें तो लगातार बढ़ाई गईं लेकिन व्यवस्थाओं के लिए न तो छात्र संगठन आगे आए और न ही छात्राओं की परेशानी को देखकर प्रबंधन ने कोई ठोस कदम उठाए। अब आलम यह है कि लगभग 250 से 300 की बैठक क्षमता वाली व्यवस्था में लगभग 750 छात्राएं परीक्षा दे रही हैं। 42 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में छात्राओं को ऐसी जगह गैलरी में बैठाया गया है जहां पर पंखे भी नहीं है। एक अशासकीय महाविद्यालय में भी छात्राओं का परीक्षा केन्द्र बनाया गया है जबकि सवाल यह उठता है कि अगर जिला मुख्यालय पर स्थित नोडल शासकीय महाविद्यालय में ही छात्राओं के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं तो फिर तहसील स्तर पर संचालित हो रहे कॉलेजों की क्या स्थिति होगी।
शहर के शासकीय कन्या महाविद्यालय जो कि जिले का नोडल कॉलेज भी है। यहां पर छात्राओं के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। पिछले लगभग तीन सालों से कॉलेज में विद्यार्थियों व छात्र संगठनों की मांग पर सीटें तो लगातार बढ़ाई गईं लेकिन व्यवस्थाओं के लिए न तो छात्र संगठन आगे आए और न ही छात्राओं की परेशानी को देखकर प्रबंधन ने कोई ठोस कदम उठाए। अब आलम यह है कि लगभग 250 से 300 की बैठक क्षमता वाली व्यवस्था में लगभग 750 छात्राएं परीक्षा दे रही हैं। 42 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में छात्राओं को ऐसी जगह गैलरी में बैठाया गया है जहां पर पंखे भी नहीं है। एक अशासकीय महाविद्यालय में भी छात्राओं का परीक्षा केन्द्र बनाया गया है जबकि सवाल यह उठता है कि अगर जिला मुख्यालय पर स्थित नोडल शासकीय महाविद्यालय में ही छात्राओं के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं तो फिर तहसील स्तर पर संचालित हो रहे कॉलेजों की क्या स्थिति होगी।
तीन में से दो वाटर कूलर खराब
महाविद्यालय में कहने को तो तीन वाटर कूलर लगे हुए हैं जिनमें से दो खराब स्थिति में है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एलएल कोरी ने जानकारी देते हुए बताया कि मटके रखवाकर छात्राओं के लिए पानी की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा महाविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। इस वर्ष परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा अन्य महाविद्यालयों के भवनों में परीक्षाएं कराई जा रही हैं। कन्या महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रो. बृजेश कुमार प्रजापति ने बताया कि प्राचार्य ने दीवारों पर आपातकालीन कंट्रोल रूम में नंबर चस्पा करवाए हैं ताकि किसी परीक्षार्थी को समस्या होने पर इन नंबरों पर बात कर अपनी समस्या का समाधान करवा सके।
महाविद्यालय में कहने को तो तीन वाटर कूलर लगे हुए हैं जिनमें से दो खराब स्थिति में है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एलएल कोरी ने जानकारी देते हुए बताया कि मटके रखवाकर छात्राओं के लिए पानी की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा महाविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। इस वर्ष परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा अन्य महाविद्यालयों के भवनों में परीक्षाएं कराई जा रही हैं। कन्या महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रो. बृजेश कुमार प्रजापति ने बताया कि प्राचार्य ने दीवारों पर आपातकालीन कंट्रोल रूम में नंबर चस्पा करवाए हैं ताकि किसी परीक्षार्थी को समस्या होने पर इन नंबरों पर बात कर अपनी समस्या का समाधान करवा सके।
इनका कहना है
कन्या महाविद्यालय के लिए एक उपकेन्द्र भी बनाया गया है ताकि समस्या न हो। आपके माध्यम से जिन अव्यवस्थाओं की जानकारी मिली है, उनकी मैं स्वयं जांच करूंगा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए संबंधित थाने को पत्र लिखा जाएगा।
डॉ पीके पटैरिया, परीक्षा नियंत्रक
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर
कन्या महाविद्यालय के लिए एक उपकेन्द्र भी बनाया गया है ताकि समस्या न हो। आपके माध्यम से जिन अव्यवस्थाओं की जानकारी मिली है, उनकी मैं स्वयं जांच करूंगा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए संबंधित थाने को पत्र लिखा जाएगा।
डॉ पीके पटैरिया, परीक्षा नियंत्रक
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर