स्कूल के बाहर धीमा जहर बेच रहे इन विक्रेताओं पर शिक्षा विभाग और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ना ही अधिकारियों द्वारा इन दुकानों को बंद करवाने के लिए कोई औचक निरीक्षण किया जा रहा है। स्कूल प्रशासन द्वारा शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं प्रशासनिक अधिकारियों की सह में यह दुकानें फलफूल रही है और अपना बिजनेस चला रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण शहर के हजारों छात्र नशे के आदी बनते जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग वैसे तो स्कूली छात्रों की सेहत को लेकर ढ़ेरों जागरूकता कार्यक्रम करता है लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है। क्या स्वास्थ्य विभाग का कार्य महज केवल जागरूकता फैलाना ही रह गया है, एक्शन लेना नही। छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर अधिकारी क्या कदम उठाते है यह देखना अभी बाकी है।
स्कूल कैंपस में कोटपा एक्ट 2003 का पालन कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को 9 मई 2018 को लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने पत्र क्रमांक विद्या/एच/2017/1382 जारी कर कोटपा एक्ट का पालन कराने के निर्देश दिए थे। इसके तुरंत बाद कलेक्टर छतरपुर द्वारा 15 मई 2018 को पत्र क्रमांक 7655/ तम्बाकू नियंत्रण/2018 के जरिए और 23 मार्च 2018 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पत्र क्रमांक तम्बाकू नियम 2018/5073 के जरिए जिला शिक्षा अधिकारी को कोटपा एक्ट 2003 का पालन कराने के निर्देश जारी किए गए थे।
स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को तंबाकू मुक्त घोषित करने के नियम बनाएं गए है। इसमें बच्चों को तंबाकू की पहुंच से दूर रखने के लिए भारत सरकार के तंबाकू नियंत्रण अधिनियम सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा एक्ट) की धारा 4 व 6 के तहत शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त रखने के प्रावधान है। धारा 4 के तहत शिक्षण संस्थानों सहित समस्त सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। वहीं धारा 6 (ब) के तहत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज (300 फीट) दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। शैक्षणिक संस्थानों द्वारा संस्था के बाहर बोर्ड पर घोषणा-पत्र प्रदर्शित करना भी अनिवार्य है। लेकिन छतरपुर में इस नियम के अनुसार कोई कार्य नहीं हो रहा है।
हमारी ओर से इसके लिए तम्बाकू निरोधक दस्ता का गठन किया गया है। यह दस्ता सरकारी कार्यालयों और स्कूलों के आस-पास तम्बाकू उत्पाद बेच रहे लोगों पर कार्रवाई करेगा।
विजय पथौरिया, सीएमएचओ, छतरपुर