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स्कूलों के बाहर किताबों की जगह बिक रहा धीमा जहर, निर्देश के बाद भी नहीं की जा रही कार्रवाई

locationछतरपुरPublished: Sep 15, 2019 05:52:51 pm

Submitted by:

Unnat Pachauri

– कोटपा एक्ट का खुलेआम किया जा रहा उल्लंघन, स्कूलों के पास खुलेआम बिक रहे तम्बाकू उत्पाद- स्कूल की सीमा से 300 वर्गफीट तक की दूरी तक लागू है होता है कोटपा एक्ट, मंत्रालय से लेकर कलेक्टर तक ने जारी किए थे आदेश, फिर भी नहीं किया जा रहा एक्ट का पालन

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– उन्नत पचौरी
छतरपुर। शहर में अधिकांश सरकारी और निजी स्कूलों के बाहर तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं का बिजनेस फलफूल रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग और स्वास्थ विभाग को इसकी जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई करने से दूरी बनाए हुए है। जिसका बुरा असर सीधा बच्चों पर पड़ रहा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से गुटखा, बीड़ी व सिगरेट आदि के मानक तय किए हुए हैं। जिसमें शिक्षण संस्थाओं और धार्मिक स्थलों के आस-पास इनकी बिक्री प्रतिबंधित है, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की सह पर शिक्षण संस्थाओं के बाहर पान, बीड़ी, सिगरेट व गुटखा आदि की बिक्री हो रही है। इसकी वजह से इन स्कूलों में पढऩे वाले छात्र इनका प्रयोग करने लगते हैं। जिसका उनकी पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शहर के स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। लेकिन इस प्रावधान की शहर के साथ-साथ जिले में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हैरत की बात है कि शहर के बीचों बीच आदर्श माध्यमिक विद्यालय कैंपस में चल रहे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के गेट पर ही तम्बाकू उत्पादों की धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है। वहीं इसके साथ ही एक्सीलेंस स्कूल क्रमांक-1, क्रमांक-2, गल्र्स कॉलेज, गल्र्स हायर सेकेंडरी स्कूल, डेरा पहाड़ी स्कूल के पास, पठापुर रोड तिराहा सहित जिला मुख्यालय के अधिकांस शासकीय और निजी स्कूलों के गेट पर ही सिगरेट, गुटखा आदि अन्य तंबाकू उत्पादों के ठेले और गुमटियां लगी हुई हैं। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के बच्चे भी इन ठेलों से तंबाकू के उत्पाद खरीद रहे हैैं। जिले में कोटपा एक्ट के तहत आदेश का अनुपालन दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आ रहा है और स्कूलों के गेटों पर धड़ल्ले से पान-मसाले, गुटखे और सिगरेट आदि की बिक्री हो रही है। कॉपी-किताब के साथ ही दुकानों पर नशे की यह सामग्रियां भी आराम से मिल जाती है। यहां तक कि छात्र पान-मसाला और गुटखा हमेशा जेब में भी रखे रहते हैं। उन्हें चेक करने वाला कोई भी नहीं है।
नहीं हो रही कार्रवाई
स्कूल के बाहर धीमा जहर बेच रहे इन विक्रेताओं पर शिक्षा विभाग और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ना ही अधिकारियों द्वारा इन दुकानों को बंद करवाने के लिए कोई औचक निरीक्षण किया जा रहा है। स्कूल प्रशासन द्वारा शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं प्रशासनिक अधिकारियों की सह में यह दुकानें फलफूल रही है और अपना बिजनेस चला रही हैं।
बच्चों की सेहत से खिलवाड़
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण शहर के हजारों छात्र नशे के आदी बनते जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग वैसे तो स्कूली छात्रों की सेहत को लेकर ढ़ेरों जागरूकता कार्यक्रम करता है लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है। क्या स्वास्थ्य विभाग का कार्य महज केवल जागरूकता फैलाना ही रह गया है, एक्शन लेना नही। छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर अधिकारी क्या कदम उठाते है यह देखना अभी बाकी है।
दिए गए थे आदेश
स्कूल कैंपस में कोटपा एक्ट 2003 का पालन कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को 9 मई 2018 को लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने पत्र क्रमांक विद्या/एच/2017/1382 जारी कर कोटपा एक्ट का पालन कराने के निर्देश दिए थे। इसके तुरंत बाद कलेक्टर छतरपुर द्वारा 15 मई 2018 को पत्र क्रमांक 7655/ तम्बाकू नियंत्रण/2018 के जरिए और 23 मार्च 2018 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पत्र क्रमांक तम्बाकू नियम 2018/5073 के जरिए जिला शिक्षा अधिकारी को कोटपा एक्ट 2003 का पालन कराने के निर्देश जारी किए गए थे।
क्या है कोटपा एक्ट
स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को तंबाकू मुक्त घोषित करने के नियम बनाएं गए है। इसमें बच्चों को तंबाकू की पहुंच से दूर रखने के लिए भारत सरकार के तंबाकू नियंत्रण अधिनियम सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा एक्ट) की धारा 4 व 6 के तहत शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त रखने के प्रावधान है। धारा 4 के तहत शिक्षण संस्थानों सहित समस्त सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। वहीं धारा 6 (ब) के तहत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज (300 फीट) दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। शैक्षणिक संस्थानों द्वारा संस्था के बाहर बोर्ड पर घोषणा-पत्र प्रदर्शित करना भी अनिवार्य है। लेकिन छतरपुर में इस नियम के अनुसार कोई कार्य नहीं हो रहा है।
इनका कहना है
हमारी ओर से इसके लिए तम्बाकू निरोधक दस्ता का गठन किया गया है। यह दस्ता सरकारी कार्यालयों और स्कूलों के आस-पास तम्बाकू उत्पाद बेच रहे लोगों पर कार्रवाई करेगा।
विजय पथौरिया, सीएमएचओ, छतरपुर
स्कूलों के बाहर किताबों की जगह बिक रहा धीमा जहर, निर्देश के बाद भी नहीं की जा रही कार्रवाई
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