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मंचन: युद्धभूमि में मारे गए कुंभकर्ण और मेघनाद

छतरपुर. श्री अन्नपूर्णा रामलीला समिति के तत्वावधान में राम चरित मानस भवन मे चल रही रामलीला के 15वें दिन का मंचन देखने गुरुवार को भक्तजन उमड़ पड़े। कुंभकर्ण वध एवं मेघनाद वध का भावपूर्ण मंचन किया गया। रामलीला का जीवंत अभिनय देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे।

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मंचन करते हुए कलाकार

मंचन करते हुए कलाकार

रामलीला के 15 वें दिन की लीला की हुई प्रस्तुति

छतरपुर. श्री अन्नपूर्णा रामलीला समिति के तत्वावधान में राम चरित मानस भवन मे चल रही रामलीला के 15वें दिन का मंचन देखने गुरुवार को भक्तजन उमड़ पड़े। कुंभकर्ण वध एवं मेघनाद वध का भावपूर्ण मंचन किया गया। रामलीला का जीवंत अभिनय देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे।

समिति के मीडिया प्रभारी पुष्पेन्द्रदीक्षितने बताया कि मंचन के दौरान जब श्रीराम व रावण की सेना में युद्ध प्रारंभ होता है तब रावण की सेना में चारों तरफ हाहाकार मच जाता है। रावण का पुत्र मेघनाथ युद्ध स्थल पर आता है। मेघनाद और लक्ष्मण के बीच भयंकर युद्ध होता है। मेघनाद शक्ति बाण से लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है। विभीषण के बताने पर हनुमान जी लंका से सुषेन नामक वैद्य को ले आते हैं। सुषेन वैद्य बताते हैं कि लक्ष्मण की मूर्छा संजीवनी बूटी से ही दूर होगी। तत्पश्चात हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने को निकल पड़ते हैं। पहाड़ पर पहुंचने पर हनुमान जी को संजीवनी बूटी की पहचान न होने के कारण वह पूरा पर्वत ही ले आते हैं और संजीवन बूटी से लक्ष्मण की मूर्छा दूर हो जाती है। लीला के अगले क्रम में एक बार फिर राम और रावण की सेना के बीच युद्ध आरंभ हो जाता है। इस बार रावण का भाई कुंभकर्ण युद्ध भूमि में आता है। कुंभकर्ण व राम में घोर युद्ध होता है और कुंभकर्ण मारा जाता है। इसके बाद युद्धस्थल पर मेघनाद आता है और लक्ष्मण से युद्ध शुरू होता है। भयंकर युद्ध के दौरान मेघनाद भी मारा जाता है। इस दौरान प्रभु श्रीरामचंद्र जी के जयकारे से पूरा पंडाल गुंजायमान हो उठता है।


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