छात्रों ने इस तरह बनाया बिजली उत्पादन संयंत्र
छात्र सागर तिवारी ने बताया कि यह संयंत्र पानी से बिजली बनाएगा। संयंत्र में एक बड़ी पानी की टंकी में पाइप फिटिंग कर तीन नोजल लगाए गए तथा टीन के डब्बों को काटकर टरबाइन की ब्लेड लगाकर एक लोहे का पाइप लगाया जिसमें बैरिंग के साथ साइकिल के रिम को पुल्ली की तरह यूज किया गया है, ताकि तीनों नोजलों से आ रहे पानी की तेज धार से टीन के डिब्बों से बने चरखा आकर की पट्टियां तेज स्पीड में राउंड ले सकें। साइकिल रिम के माध्यम से एक राउंड में छोटे डीसी मोटर के 20 राउंड हो जाते हैं जिससे बिजली उतपन्न होती है। अभी इस प्लांट से 6 बोल्ट तक कि बिजली निकाली जा सकती है। इसका आकार और डीसी बढ़ाने से अधिक पावर बोल्ट की बिजली उपलब्ध होगी।
चल सकेंगे बिजली के उपकरण
पॉलीटैक्निक कॉलेज की मैकेनिकल ब्रांच के श्रीकांत शुक्ला, व्याख्याता अमृता द्विवेदी और अमित जाटव के नेतृत्व में फाइनल ईयर के छात्र सागर तिवारी, कुश नायक, साहिल सिंह, पंकज नामदेव, फेहजान रजा, रोहित नायक, नितिन शर्मा, प्रशांत गंगेले, रितिक ओमर और सौरभ ओमर ने 10 दिनों तक कड़ी मेहतन कर करीब 17 हजार की लागत से प्रोटोटाइप हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट बनाया है, जो विद्युत से चलने वाले उपकरणों के लिए भरपूर बिजली बना सकता है। इस अविष्कार में प्राचार्य बीएन सक्सेना ने छात्रों का भरपूर सहयोग किया।
पॉलीटैक्निक कॉलेज की मैकेनिकल ब्रांच के श्रीकांत शुक्ला, व्याख्याता अमृता द्विवेदी और अमित जाटव के नेतृत्व में फाइनल ईयर के छात्र सागर तिवारी, कुश नायक, साहिल सिंह, पंकज नामदेव, फेहजान रजा, रोहित नायक, नितिन शर्मा, प्रशांत गंगेले, रितिक ओमर और सौरभ ओमर ने 10 दिनों तक कड़ी मेहतन कर करीब 17 हजार की लागत से प्रोटोटाइप हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट बनाया है, जो विद्युत से चलने वाले उपकरणों के लिए भरपूर बिजली बना सकता है। इस अविष्कार में प्राचार्य बीएन सक्सेना ने छात्रों का भरपूर सहयोग किया।