Susaid बेटी पैदा होने के गम में पिता ने की फंदे पर झूल आत्महत्या
छतरपुरPublished: Jun 19, 2019 07:37:02 pm
– मानशिक रोगी था मृतक, चल रहा था इलाज
Susaid बेटी पैदा होने के गम में पिता ने की फंदे पर झूल आत्महत्या
छतरपुर। बुंदेलखंड में आज भी ऐसी मानशिकता वाले लोग हैं जिसकी मानशिकता बेटियां को घर की देवी नहीं बल्कि बेटियों को अभिशाप मानते हैं और बेटियों के पैदा होने पर खुशी नहीं बल्कि गम मनाते हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने आया है। जहां पर पुत्री के पैदा होने से आहत होकर युवक ने फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। मामला ईशानगर थाना क्षेत्र का है। युवक की पत्नी ने १५ दिन पहले तीसरी पुत्री होने से आहत होकर फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। परिजनों द्वारा उसे फंदे से उतारकर आनन-फानन में इलाज के शहर के एक निजी अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। लेकिन परिजनों द्वारा उसे वहां से जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने मृत बताया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। जानकारी के अनुसार ईशानगर के भेलसी रोड निवासी पवन अग्रवाल (३६) पिता बाबूलाल अग्रवाल किराने की दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रहा था। वह अपने चारों भाईयों और माता-पिता के साथ में रहता था। वह मानशिक रूप से अस्वस्थ रहता था। जिसका इलाज गवालियर में चल रहा था। पहले से उसकी दो पुत्री पहले थी और करीब १५ दिन पहले उसकी पत्नी ने तीसरी पुत्री को जन्म दिया। जिससे वह काफी परेसान था। बुधवार को पत्नी मायके गई थी। वह कमरे में अकेला था। तभी करीब दोपहर ११ बजे फंदे पर झूल गया। काफी देर तक कमरे से नहीं निकलले पर उसकी मां ने खाने के लिए आवाज लगा और जवाब नहीं आने पर कमरे में जाकर देखा तो वह फंदे पर झूल रहा था। मां की चीख पुकार सुनकर परिजन आए और आनन-फानन में फंदे से उतारकर इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर आए। जहां पर कोई डॉक्टर नहीं होने पर छतरपुर के एक निजी अस्पताल ले गए। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घायल कर दिया गया। लेकिन परिजनों को जीवित होने की उम्मीद होने पर उसे जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर भी डॉक्टरों ने मृत बताया। इसकी सूचना पर पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।