सर्जन की कमी पड़ रही भारी, नसबंदी ऑपरेशन के लिए दिनभर इंतजार
जिला अस्पताल में लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो रहे ऑपरेशन
बिगड़ी व्यवस्थाओं के बीच परेशान हो रहीं सैकड़ों महिलाएं

छतरपुर। परिवार नियोजन को प्रेरित करने के लिए शासन द्वारा तमाम उपाय किए जाते हैं, लेकिन जब कोई ऑपरेशन कराने आता है तो उसे दिन भर भूखा-प्यासा घूमने के बाद वापिस घर भेज दिया जाता है। पिछले कई दिनों से महिलाओं को बिना ऑपरेशन घर वापस भेजने का सिलसिला चल रहा है। महिलाओं के बच्चे भी दिन भर भूख से बिलखते रहते हैं। महिलाओं ने सीएमएचओ से अव्यवस्था की शिकायत की जिस पर सीएमएचओ ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही व्यवस्था सुधार देंगे। इस वर्ष 6 हजार ऑपरेशन किए जाने का लक्ष्य है। अब तक 1500 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। अगले महीने तक लक्ष्य पूरा किए जाने का दावा किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रही आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए जाते हैं कि वे महिलाओं को नसबंदी के लिए प्रेरित करें। आशा कार्यकर्ताओं की प्रेरणा से उन्हीं के साथ महिलाएं ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल आती हैं और दिन भर अपनी बारी का इंतजार करने के बाद शाम को वापिस घर लौट जाती हैं। कई महिलाएं मजदूरी करती हैं लेकिन नसबंदी कराने के चक्कर में उनके हाथ से काम भी निकल जाता है। सुकवां की राधा अहिरवार ने बताया कि 4-5 दिन से ऑपरेशन के लिए वे रोज अस्पताल आ रही हैं। छोटे-छोटे बच्चों को घर में छोड़कर दिन भर नसबंदी ऑपरेशन के लिए इंतजार करती रहती हैं लेकिन ऑपरेशन नहीं हो रहा। वहीं वती यादव लखरावन ने बताया कि तीन दिनों से वे भी जिला अस्पताल में ऑपरेशन कराने का इंतजार कर रही हैं। जिला अस्पताल में ऑपरेशन न होने से न केवल महिलाएं परेशान हैं बल्कि उनके परिवार के सदस्य भी अस्त व्यवस्त हैं। कुर्रा की अनीता कुशवाहा ने बताया कि वे मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करती हैं। तीन दिन से ऑपरेशन के चक्कर में जिला अस्पताल की खाक छान रही हैं। न काम मिल रहा और न ही ऑपरेशन हो रहा। इतना ही नहीं ऑपरेशन के लिए जिस रिश्तेदार को लेकर आते हैं वह भी दिन भर परेशान रहती हैं।
एक दिन में तीस ऑपरेशन करने के निर्देश
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सतीश चौबे ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बचाव को ध्यान में रखते हुए शासन की गाइड लाइन के मुताबिक एक दिन में 30 ऑपरेशन किए जा रहे हैं। चूंकि जिला अस्पताल में एलटीटी के लिए सिर्फ एक सर्जन हैं इसलिए नसबंदी में परेशानी आ रही है लेकिन एक अन्य सर्जन से बात हो गई है। जल्द ही एक दिन में 60 ऑपरेशन किए जाएंगे। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं का पंजीयन कराकर उन्हें तारीख दे दी जाएगी ताकि वे संबंधित तारीख को आकर सुगमता से अपना ऑपरेशन करा सकें। सीएमएचओ ने यह भी बताया कि बिजावर, नौगांव और बड़ामलहरा में भी ऑपरेशन शुरु कराए गए हैं, इसलिए धीरे-धीरे समस्या का हल हो जाएगा। पूर्व में सिर्फ जिला अस्पताल में ही ऑपरेशन हो रहे थे।
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