बड़ामलहरा विकासखंड के पुरापट्टी गांव के संतोष अहिरवार की पत्नी सुमंत्रा हेपेटाइटिस की बीमारी से कई महीनों से पीडि़त हैं।
संतोष अहिरवार ने पहले छतरपुर इलाज कराया, जब छतरपुर में उसे आराम नहीं मिला तो अपनी जमीन गिरवी रख कर झांसी में मेघराज मेमोरियल हॉस्पिटल में इलाज कराने गया। वहां 7 दिन पत्नी को भर्ती रखा और 63 हजार रुपए पानी की तरह बह गए, लेकिन आराम नहीं लगा। वहीं अब रुपए भी खत्म हो गए।
संतोष अहिरवार ने पहले छतरपुर इलाज कराया, जब छतरपुर में उसे आराम नहीं मिला तो अपनी जमीन गिरवी रख कर झांसी में मेघराज मेमोरियल हॉस्पिटल में इलाज कराने गया। वहां 7 दिन पत्नी को भर्ती रखा और 63 हजार रुपए पानी की तरह बह गए, लेकिन आराम नहीं लगा। वहीं अब रुपए भी खत्म हो गए।
तीन बच्चों की मां की बीमारी के चलते हालत बिगड़ती जा रही थी। सबसे छोड़ा बेटा डेढ साल का है, जो मां के दूध पर भी निर्भर है। लेकिन मां बीमारी व दर्द जूझ रही थी। दो और बेटे 4 व 6 साल के हैं, जो मां का दर्द देख मन ही मन भगवान से मदद की गुहार लगा रहे थे। झांसी अस्पताल से निकलते ही संतोष ने बक्सवाहा के समाजसेवी मनीष जैन को हालात के बारे में बताया।
टैक्सी चालक की स्थिति को देखते हुए समाजसेवी ने सभी जांच रिपोर्ट व्हाट्सऐप मंगवाई और उसके बाद भोपाल में अपने मित्रों से संपर्क कर संतोष अहिरवार की स्थिति से अवगत कराया। भोपाल के समाजसेवी डॉ. धर्मेंद्र जैन ने जिंदल हॉस्पिटल के मालिक श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिया और उन्हें अपने अस्पताल में भर्ती कर संपूर्ण इलाज के साथ भोजन व्यवस्था भी नि:शुल्क उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उसके बाद संतोष अहिरवार पत्नी को लेकर भोपाल पहुंचा। जहां उसकी पत्नी का अब इलाज हो रहा है।