छतरपुर

अध्यापक संवर्ग के संविलियन की सूची जारी, जानिए क्यों हुआ भारी हंगामा

कलेक्टर,जिला पंचायत सीइओ को दिया ज्ञापन

छतरपुरSep 21, 2018 / 01:17 pm

rafi ahmad Siddqui

Teacher cadre Heavy ruckus

छतरपुर। जिले में कार्यरत अध्यापक संवर्ग का राज्य शिक्षा सेवा में संविलियन की प्रक्रिया चल रही है। संविलियन के लिए अध्यापक संवर्ग द्वारा जमा किए गए दस्तावेजो के आधार पर सत्यापन के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रावधिक सूची जारी की है। इस सूची के अनुसार एक साथ 2500 अध्यापकों को संविलियन के लिए अपात्र बता दिया गया है। आधार बताया जा रहा है कि जिनकी भर्ती वर्ष 2003 से 2009 के बीच हुई है,उनके मामले न्यायालय में विचाराधीन है। हैरानी की बात ये है कि न्यायालय में कोई प्रकरण विचाराधीन ही नहीं है। संविलियन प्रकिया की गाइडलाइन के मुताबिक केवल व्यक्तिगत मामले में न्यालालय में चल रहे प्रकरण के आधार पर अपात्र किया जाना है। लेकिन छतरपुर जिले में सभी को अपात्र कर दिया गया है। इसके अलावा मांगे गए दस्तावेज जमा करने के बावजूद प्रावधिक सूची में दस्तावेजों की कमी बताई गई है। सूची में गड़बड़ी देखकर अध्यापक संवर्ग भी हैरान है,जिले के सभी संकुलों और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गुरुवार को शिक्षकों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रावधिक सूची में गलतियों की सभी शिकायत कर रहे हैं। शासन द्वारा नियत की गई संविलियन प्रक्रिया के अनुसार प्रावधिक सूची के बाद दावा आपत्ति का अवसर दिया जाना है। लेकिन गलतियों की इतनी ज्यादा संख्या है,कि दावा आपत्ति की प्रक्रिया पर दबाव बढ़ गया है। इधर शिक्षकों की सुनने वाला कोई नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी सूची जारी कर दौरे पर निकल गए, जिससे अध्यापकों की परेशानी बढ़ गई।
40 फीसदी अध्यापकों को कर दिया अपात्र :
वर्ष 2003से 2009 के बीच भर्ती हुए शिक्षकों को न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन बताकर अपात्र घोषित कर दिया गया है। जबकि इनमें से ज्यादातर मामले में कोर्ट में कोई प्रकरण नहीं चल रहा है,कुछ लोगों के मामले में याचिकाएं लगाई गई थीं,जिनका न्यायालय ने निराकरण भी कर दिया था। लेकिन उस समय की नियुक्त में न्यायालय में विचाराधीन याचिकाओं के हवाले से सभी अध्यापकों को न्यायालयीन प्रकरण का कारण बताकर ्पात्र कर दिया है। ऐसे ही मामले में प्रदेश के अन्य जिलों में ऐसा नहीं किया गया है। लेकिन छतरपुर में उस अवधि में भर्ती सभी शिक्षकों को एकसाथ अपात्र बता दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी प्रावधिक सूची में 6 हजार पात्र और 2500 अपात्र घोषित होने से हड़कंप मचा हुआ है। जिला शिक्षा अधिकारी ने लगभग 40 फीसदी पात्र अध्यापकों को अपात्र कर दिया है।
दावा-आपत्ति को लेकर मारामारी :
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी की गई प्रावधिक सूची में गड़बड़ी को लेकर अध्यापक संवर्ग द्वारा दाव-आपत्ति किए जा सकते हैं। इसके लिए शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक सूची जारी होने के बाद तीन दिन तक दावा-आपत्ति किए जा सकते हैं। सूची 19 सितंबर की शाम को एजूकेशन पोटर्ल पर जारी की गई। इस तरह से 20,21और 22 सितंबर तक दावा-आपत्ति जमा किए जा सकते हैं। लेकिन 21 सितंबर को मोहर्रम का शासकीय अवकाश है,जिसके चलते फिलहाल 2 दिन ही दावा-आपत्ति के लिए मिलेंगे। इधर,शिक्षकों को जानकारी दी गई कि दावा-आपत्ति केवल 20 सितंबर को शाम 5 बजे तक लिए जाएंगे। इसके बाद अध्यापक संवर्ग में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में अध्यापक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पुहंचे,लेकिन वहां दावा-आपत्ति और सूची में गड़बड़ी की समस्या सुनने वाला कोई नहीं था। न्यायालय में प्रकरण न होने के बावजूद प्रावधिक सूची में 40 फीसदी अध्यापकों को अपात्र बता देने से हड़कंप मच गया। संकुल और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से समुचित जबाव नहीं मिलने पर अध्यापक संवर्ग ने मामले की शिकायत कलेक्टर व जिला पंचायत सीइओ से करते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
सभी अध्यापकों को कर दिया आपात्र :
जिनके व्यक्तिगत न्यायालयीन प्रकरण चल रहे हैं, उन्हें अपात्र किया जाना था, लेकिन 2003 से 2009 के बीच भर्ती हुए सभी अध्यापकों को न्यायालयीन प्रकरण का आधार बताकर अपात्र कर दिया गया है। जबकि सभी की नियुक्ति को लेकर कोई प्रकरण न चला था, न चल रहा है। उस अवधि के सभी अध्यापकों को ही अपात्र कर दिया गया है। इतनी बड़ी ऋुटि के सुधार के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है।
– अनुपम त्रिपाठी ,अध्यक्ष,आजाद अध्यापक संघ
जिनके कोर्ट में केस है उनके लिए लिखा है :
जिनकी नियुक्ति के संदर्भ में न्यायालयीन प्रकरण चल रहे हैं, उनके लिए लिखा गया है। संकुल स्तर पर सत्यापन के आधार पर ही सूची जारी की गई है। कोई ऋुटि रह गई हो तो दावा आपत्ति कर सकते हैं। दावा-आपत्ति संकुल या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किए जा सकते हैं।
– जय सिंह बरकड़े,जिला शिक्षा अधिकारी

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