मड़देवरा में 122 हेक्टेयर में फैली रॉक फास्फेट खदान के लिए टेंडर जारी
67 हेक्टयेर जमीन में होगा खनन, 37 हेक्टेयर जमीन नॉन मिनरलाइज्ड होगी
जीएसआई ने खोजा था 57 लाख मीट्रिक टन रॉक फास्फेट का भंडार

छतरपुर। जिले के मड़देवरा इलाके में रॉक फॉस्फेट की 122 हेक्टेयर की खदान की नीलामी की प्रक्रिया शुरु हो गई है। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने पर जिले में डीएपी खाद बनाने वाले आवश्यक तत्व रॉक फास्फेट का उत्खनन शुरु हो जाएगा। इससे खाद उद्योग व खनन उद्योग में लोगों को रोजगार मिलने के अवसर बढ़ेंगे। ज्यूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआइ) ने छतरपुर जिले के मड़देवरा में 57 लाख मीट्रिक टन रॉक फास्फेट के भडार को चिंहित किया है। जिसके आधार पर जिला खनिज विभाग ने शासन को 122 हेक्टेयर में रॉक फॉस्फेट की दो खदानों की नीलामी का प्रस्ताव अक्टूबर 2020 में भेजा था। जिस पर शासन की हरीझंड़ी मिलने के बाद खनिज विभाग द्वारा शासन स्तर पर ही नीलामी की जा रही है।
जीएसआई ने बताया बड़ा भंडार
खनिज विभाग और जीएसआइ के साथ मिलकर एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें जीएसआइ ने मड़देवरा ब्लॉक में 57 लाख मीट्रिक टन रॉक फास्फेट के भंडार का आंकलन लगाया है। 122 हेक्टेयर में 67 हेक्टयेर जमीन रॉक फास्फेट के खनन और 37 हेक्टेयर जमीन नॉन मिनरलाइज्ड होगी। 67 हेक्टेयर क्षेत्र में से 15 से 20 हेक्टेयर में रॉक फॉस्फेट की मात्रा अधिक है, वहीं 2 किलोमीटर लंबे और 2 किलोमीटर चौड़े हिस्से में लगभग 15 से 20 लाख मीट्रिक टन रॉक फॉस्फेट की उपलब्धता का आंकलन किया गया है। कुल मिलाकर इस इलाके में 57 लाख मीट्रिक टन रॉक फास्फेट के भंडार का आंकलन किया गया है। वहीं, पिछले साल जिला खनिज विभाग द्वारा रॉक फॉस्फेट खदानों की नीलामी का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। जिसके बाद जीएसआई ने अपने सर्वे का री-वेरीफिकेशन भी किया और अब नीलामी प्रक्रिया शुरु की गई है।
वन, राजस्व व प्राइवेट भूमि में लगेगी खदान
रॉक फॉस्फेट के लिए प्रस्तावित जमीन वन, राजस्व और प्राइवेट लैंड की सामिलाती जमीन है। 122 हेक्टेयर में 67 हेक्टयेर जमीन रॉक फास्फेट के खनन और 37 हेक्टेयर जमीन नॉन मिनरलाइज्ड होगी। मिनरल वाले 67 हेक्येर जमीन में 3 हेक्टेयर वन भूमि, 53 हेक्टेयर जमीन राजस्व और 11 हेक्टयेर जमीन निजी भूमि हैं। शासन से नीलामी की मंजूरी होने के बाद इस जमीन से रॉक फॉस्फेट का उत्खनन शुरु किया जाएगा।
उर्वरक निर्माण के उपयुक्त है जिले का रॉक फॉस्फेट
जिले के मड़देवरा इलाके में उलब्ध रॉक फास्टफेट का भंडार उर्वरक निर्माण के लिए उपयक्त है। हालांकि खदान में ज्यादातर मात्रा 18 से 20 पी2ओ 5 ग्रेड का है, जो लो क्वालिटी के अंतर्गत आता है। जबकि 24 प्लस पी 2ओ5 ग्रेड की मात्रा उवर्रक संयंत्र के लिए सप्लाई होता है। वहीं, क्षेत्र में 42 से 34 पी2ओ5 ग्रेड का रॉक फास्फेट का भी भंडार है। जैविक खाद बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फॉस्फेट को प्रयोग में लाया जाता है। रॉक फॉस्फेट की मदद से रासायनिक क्रिया करके सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी)तथा डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) रासायनिक उर्वरक तैयार किए जाते हैं। खनिज फास्फेटों का सर्वाधिक प्रयोग फास्फेट उर्वरकों के निर्माण में होता है। रॉक फॉस्फेट की खदान से निकाले गए फास्फेटीय चट्टान को चूर्ण करके सल्फयूरिक अमल के साथ मिलाकर सुपरफास्फेट बनता है। इस पदार्थ का प्रयोग उर्वरक के रूप में अत्यधिक होता है। साधारण फास्फेटीय चट्टान के चूर्ण में 30 से 40 प्रतिशत फास्फोरस पेंटॉक्साइड, 3-4 प्रतिशत फ्लोरीन तथा भिन्न मात्राओं में चूना रहता है।
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
मड़देवरा की रॉक फॉस्टफेट की खदानों के लिए निविदाए आमंत्रित की गई है। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने पर खनन शुरु होगा, जिससे जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
बृजेन्द्र प्रताप सिंह, खनिज मंत्री
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