script‘विश्वास तोडऩे वाले का कभी भला नहीं होता’ | 'The breaker of faith is never good' | Patrika News

‘विश्वास तोडऩे वाले का कभी भला नहीं होता’

locationछतरपुरPublished: Jul 18, 2019 12:46:39 am

कथा के अंतिम दिन हुआ भंडारा, शामिल हुए श्रद्धालु

'The breaker of faith is never good'

‘The breaker of faith is never good’


छतरपुर. देरी रोड स्थित हरी वाटिका में चल रही कथा के अंतिम दिन आचार्य प्रखर महाराज ने कृष्ण सुदामा की कथा का वर्णन करते हुए भगवान श्रीकृष्ण के 16108 विवाहों का वर्णन किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शंकर के परस्पर युद्ध का वर्णन भी किया। ऊषा-अनुरुद्ध मिलन प्रसंग पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। भक्त सुदामा की कथा सुनाते हुए कहा कि सु+दामा अर्थात सुंदर दाम वाला, सुंदर धन वाला। सुंदर धन वह जो माता-पिता की सेवा में लगे, जो धन दान के काम में आए, वह सुंदर धन है। जो धन मंदिर के निर्माण के काम आए, वह सुंदर धन है। सत्कर्म और सत सेवा में लगा हुआ धन भी सुंदर धन है। सुंदर धन वाला ही सुदामा है। ऐसा धन किस काम का जिसको रखने में श्रम हो और चिंता हो? धन वह अच्छा है जो जीवन में सुख-शांति दें। सुदामा के पास लौकिक धन तो नहीें है, किंतु भगवान की भक्ति का धन भरपूर है। आचार्य ने बताया कि सुदामा ने भगवान श्री कृष्ण से झूठ बोला इससे भगवान का सुदामा से विश्वास हट गया। विश्वास तोडऩे वाले का कभी भला नहीं होता।
राम कथा में राम-रावण युद्ध का वर्णन
वृंदावन से पधारी साध्वी आराध्या देवी ने श्रीराम कथा में राम-रावण युद्ध का वर्णन किया। भक्त बड़ी संख्या में कथा सुनने के लिए पहुंचे। कार्यक्रम का संचालन राज पटैरिया ने किया और छोटू पटेल ने आभार व्यक्त किया। कथा समापन के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। जिसमें हजारोंं की संख्या में लोगों ने पहुंच कर प्रसाद ग्रहण किया।

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