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परिवार के सदस्यों को ही बना दिया अतिथि शिक्षक, योग्यताधारी बाहर

locationछतरपुरPublished: Jul 12, 2019 01:39:44 am

नियुक्ति में परिवारवाद की शिकायत

The family members made the guest teacher, qualified candidates

The family members made the guest teacher, qualified candidates

 

छतरपुर. सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए शासन ने भले ही नियम बना दिए हों लेकिन जब तक शिक्षक और प्राचार्य इन नियमों को दरकिनार कर रहे हैं। पिछले वर्षों तक नियमों की जटिलता नहीं होने के कारण मनमानी चलती रही, लेकिन अब जब तमाम नियम आ गए तो शिक्षकों ने उसका भी तोड़ निकाल लिया और पात्र योग्यताधारियों को ताक पर रखकर अपने ही परिवार के सदस्यों को मेहमान शिक्षक बना दिया है। ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय के निकटवर्ती ग्राम अतरार के हायर सेकंडरी स्कूल का है, जहां शिक्षकों और प्रभारी प्राचार्य ने सरपंच, उपसरपंच से मिलीभगत कर अपने पारिवारिक सदस्यों की नियुक्ति कर डाली। पात्र योग्यताधारी आवेदकों ने इस पूरे मामले की शिकायत जिला प्रशासन के मुखिया और जिला शिक्षा अधिकारी से की है। लेकिन अभी तक कोई काार्रवाई नहीं की जा सकी है।

अतरार गांव के पीटीए अध्यक्ष मेनका तिवारी सहित धर्मेद्र सिंह, राजकिशोर अहिरवार, पुष्पराज पटेल, रेखा पटेल, नंदकिशोर तिवारी, राम सिंह, रामसिंह, मनोज पटेल, राजकुमार पटेल, नीरज कुशवाहा, रंजीत वर्मा, वंदिता पटेल, चंद्रेश पटेल, कविता मिश्रा एवं अन्य आवेदकों ने जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी गई शिकायत में कहा है कि हायर सेकंडरी स्कूल अतरार के रिक्त अतिथि शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन ही नहीं लिए गए। जो आवेदक फॉर्म लेकर पहुंचे उन्हें यह कहकर चलता कर दिया गया कि जिला शिक्षा अधिकारी से फार्म संबंधी कोई आदेश नहीं आया है।
पात्र एवं योग्यताधारी आवेदकों के स्थान पर यहां प्रभारी प्राचार्य ने अपनी साली, उपसरपंच ने अपनी पत्नी, महिला सरपंच ने अपनी देवरानी एवं भतीजे को अतिथि शिक्षक पद पर नियुक्त करा दिया है। इतना ही नहीं इन सभी पारिवारिक सदस्यों ने बकायदा संस्था में ज्वाइन कर शिक्षण कार्य का दायित्व भी संभाल लिया है। पात्र आवेदकों ने जिला कलेक्टर से इन नियुक्तियों को निरस्त करने की मांग उठाई है।
साहब मेहरबान तो प्रभारी मनमानी पर आमदा
ग्राम पंचायत अतरार के सरकारी विद्यालय में एक महिला प्राचार्य को पद की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन उनके स्थान पर वर्ग एक के अध्यापक को प्राचार्य का प्रभार दे दिया गया है। युवा आवेदकों का आरोप है कि प्रभारी प्राचार्य पूर्व में जिले के एक शिक्षा माफिया के खास रहने के दौरान पर्याप्त लाभ लेने के बाद वर्तमान में जिला शिक्षा अधिकारी के पिछलग्गू बने हुए हैं लिहाजा संस्था में हर कार्य मनमानी से कर रहे हैं। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में मनमानी और निर्माण कार्य में आर्थिक अनियमितताओं के बावजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी केवल जांच कराने का आश्वासन दे रहे हैं।
न नींव, न पिलर बन गया शौचालय
शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल अतरार में छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए एक प्रसाधन कक्ष के निर्माण में अनियमितताओं की शिकायत भी है। यहांं के ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए प्रसाधन कक्ष निर्माण के लिए 2 लाख 31 हजार रूपए मंजूर किए गए थे। इस निर्माण कार्य में भी राशि हड़पने के लिए व्यापक अनियमितताएं की गईं। आवेदकों का आरोप है कि बाथरूम निर्माण के लिए न तो नींव खोदी गई और न ही पिलर खोदे गए। धरातल पर दीवारें खड़ी कर शौचालय तैयार करा दिया गया। वर्ष 18-19 के दरम्यान बने इस शौचालय में अभी भी ताला पड़ा है।
जांच कराई जाएगी
&यदि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में मनमानी की गई है तो जांच कराएंगे। कुछ शिक्षक आपसी बुराई के कारण ऐसा करा रहे हैं। इस मामले की जांच के लिए टीम गठित कर जांच कराई जाएगी।
संतोष शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, छतरपुर

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