कृष्ण वंदना से सजी खजुराहो नृत्य समारोह की महफिल
खजुराहो नृत्य महोत्सव: कला-संस्कृति व पर्यटन के रंग में सराबोर हुई विश्व धरोहर
स्व.पं.बिरजू महाराज के शिष्यों ने प्रस्तुत किया कथक समूह नृत्य
छतरपुर
Published: February 21, 2022 06:19:07 pm
खजुराहो. पश्चिमी मंदिर समूह परिसर में कंदारिया महादेव मंदिर और देवी जगदंबा मंदिर के मध्य विशाल मुक्ताकाशी मंच 48 वें खजुराहो नृत्य समारोह की रविवार को शुरुआत हुई। स्व.पं.बिरजू महाराज की शिष्या शास्वती सेन तथा ममता महाराज के मार्गदर्शन में दिल्ली स्थित कलाश्रम के शिष्यगणों द्वारा कथक समूह नृत्य से की गई। कंदारिया महादेव तथा देवी जगदम्बी के बीच बने मंच पर कृष्ण कथा से शुरुआत हुई जिसमें भगवान कृष्ण की पूजा आराधना का भजन प्रस्तुत हुआ। जिसमें नृत्य के माध्यम से मंदिर काल में कथा,पुराण कहने वाले कथाकारों से कथक नृत्य की उत्पत्ति को दर्शाया गया,जिसे स्व.पंडित बिरजू महाराज ने स्वयं लिखा और अपनी आवाज में गाया। इसके बाद होली आई रे की प्रस्तुति हुई जिसमें रंगों के त्यौहार होली पर्व नृत्य के माध्यम से दर्शाया गया। इसके बाद राजमहल में होने वाले कथक नृत्य के माध्यम से दादरे,शोहरे लय और ताल का समावेश देखने मिला।
कोरोना काल के दो साल बाद फिर विश्व धरोहर पर्यटननगरी खजुराहो गुलजार है। कोरोना संकट के कारण रुके सैलानियों के कदमों को 48वें नृत्य समारोह ने गति दी तो कला-संस्कृति रंग भी चटख हो गए। रविवार को सात दिवसीय यह अंतरराष्ट्रीय महोत्सव शुरू होते ही सैलानी मुक्त आकाश में आ जुटे। पहले दिन ही कला, संस्कृति और पर्यटन के इतने रंग दिखे की पर्यटक अभिभूत हो उठे। यह समारोह 26 फरवरी तक चलेगा।
नृत्य से दर्शाए भगवान विष्णु के दशावतार
पहले दिन की दूसरी प्रस्तुति में देश-विदेश में कई वीपी धनंजय ने अपनी पत्नी डॉ.शांता के शिष्यगणों द्वारा भरतनाट्यम समूह नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें पहली प्रस्तुति कालिदास का कुमार संभव रचना के माध्यम से नृत्यांगना शोभना बालचन्द्र, दिव्या, शिवदास, श्रीनिवास सहित अन्य नर्तक तथा नृत्यांगनाओं ने प्रार्थना प्रस्तुत की। इसके बाद दीपांजलि की प्रस्तुति में देश भक्ति पर आधारित भारत माता के लिए वंदेमातरम प्रस्तुत किया गया। भगवान विष्णु को समर्पित दशावतार की प्रस्तुति हुई, जिसमें भगवान विष्णु के दश अवतारों को नृत्य के माध्यम से दर्शाया गया। भगवान शिव माता पार्वती का विवाह उपरांत पहले मिलन को नृत्य शिल्प के माध्यम से दिखाया गया।
वियतनाम, ब्रनेई, फिनलैंड,मलेशिया व लाओ के राजदूत हुए शामिल
खजुराहो नृत्य समारोह में देश ही नहीं विदेशी मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। वियतनाम के राजदूत फाम सान चाऊ,लाओ के राजदूत शबौनेमे चौआंगहोम, फिनलैंड के राजदूत-ऋत्वा कौक्कूू-रोंडे,ब्रूनेई के उच्चायुक्त दातो अल्हिदुद्दीन मोहम्मद तहा,मलेशिया के उच्चायुक्त हामिद अब्दुल हिदायत ने सपत्नीक खजुराहो नृत्य समारोह का लुत्फ उठाया।
खजुराहो की कला को सभी ने सराहा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने खजुराहो की क नेक्टिविटी को बढ़ाने के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि विमान सेवा, रेल सेवा बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। खजुराहो को कला, संस्कृति व अध्यात्म का बढ़ा केन्द्र बनाएंगे। उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि खजुराहो के मंदिर दुनिया में सबसे अलग है। नई पीढ़ी को पूर्वजों के बारे में ज्ञान मिलता है। अध्यात्म के साथ इकॉनामी का जोड़ हमारे देश में है। संस्कृति, पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि शास्त्रीय नृत्य भगवान की आराधना और भावों की अभिव्यक्ति है। खजुराहो में 80 मंदिरों में से 20 मंदिर बचे हैं जो भारतीय दर्शन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि खजुराहो में शास्त्रीय नृत्य के संदर्भ का केन्द्र स्थापित होगा। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि नृत्य समारोह में कला के विभिन्न रुपों का समागम देखकर मन प्रफुल्लित है। उत्कृष्ट पाषाण काल के साथ मानव जीवन के साथ शुरु हुई नृत्य कला का संगम अनूठा है।

The gathering of Khajuraho dance festival adorned with Krishna Vandana
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