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कहीं रात के अंधेर में तो कहीं छुट्टी के दिन खरीद केन्द्रों पर खप रहा व्यापारियों का अनाज

locationछतरपुरPublished: Jan 14, 2019 07:35:30 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

बाजार मूल्य और सरकारी दर में अंतर का लाभ उठाने का खेलकिसानों के पंजीयन का कमीशन पर हो रहा इस्तेमाल

Game to avail the difference in market value and government rate

On the commissioning of farmers registration

छतरपुर। जिले में खरीफ फसल की खरीदी में जमकर घालमेल किया जा रहा है। जिले की 113 सोसायटियों के माध्यम से हो रही खरीदी में किसानों के पंजीयन पर व्यापारियों का अनाज खपाया जा रहा है। इसके लिए किसानों के पंजीयन कमीशन पर ले लिए जाते हैं, फिर खरीद केन्द्र के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से रात के अंधेर और छुट्टी के दिन व्यापारी का माल खरीद केन्द्र के भंडारण में शामिल कर दिया जाता है। खरीदी में मिलीभगत का ये खेल इसलिए चल रहा है, क्योंकि अनाज के बाजार मूल्य और सरकारी खरीदी मूल्य में अंतर का लाभ व्यापारी और इस खेल में शामिल लोग उठा सकें। कई बार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस खेल की शिकायत पर कार्रवाई करने की कोशिश भी की, लेकिन किसान के पंजीयन के आधार पर व्यापारी का माल खपाया जा रहा है, इसलिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। कमीशन के चक्कर में किसान अपना पंजीयन लेकर सामने आ जाते हैं, ऐसे में किसान को अपना अनाज बेचने से रोका भी नहीं जा सकता है, जबकि सबको पता है कि, किसान के पंजीयन पर व्यापारी का माल बेचा जा रहा है। पिछले दिनों खरीद केन्द्र पर पुराना उड़द पाए जाने पर मिलीभगत से व्यापारी का अनाज बेचने के खेल का पर्दाफाश हुआ, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाने के कारण ये खेल धड़ल्ले से अभी भी चल रहा है।
मुडेरी में छुट्टी के दिन खपा रहे थे व्यापारी का अनाज :
लवकुशनगर मंड़ी प्रांगण में तीन खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं, इन केन्द्रों में से एक मुड़ेरी केन्द्र पर रविवार के अवकाश के दिन उड़द की खरीदी हो रही थी, मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार, पटवारी और कुछ लोगों ने रविवार को खरीदी करने पर सवाल किए तो, केन्द्र पर मौजूद कर्मचारी ने पिछले दिनों किसान द्वारा बेची गई उपज की तौल करने की बात कही, जबकि तौल के दौरान वहां कोई भी किसान मौजूद नहीं था। वहीं खरीदी जा रही उड़द की क्वालिटी भी खराब थी। बिना किसी किसान के मौजूदगी में छुट्टी के दिन उड़द को खरीद केन्द्र के भंडार में शामिल किए जा रहा था। खरीद केन्द्र पर हो रही गड़बड़ी सामने आने पर शुक्रवार को खरीदी गई उड़द की तौल का बहाना लिया गया। ऐसे में सवाल ये उठता है, कि जिस किसान की उपज है, वह वहां क्यों नहीं था और शुक्रवार को खरीदी जा चुकी उपज की तौल छुट्टी के दिन क्यों हो रही थी।
खराब क्वालिटी के कारण 11 गाड़ी उड़द रिजेक्ट :
हरपालपुर खरीद केन्द्र से खरीदे गए उड़द की 11 गाडिय़ो के माल को अमानक बताकर वेयर हाउस नौगांव के प्रभारी ने रिजेक्ट कर दिया है। मार्कफेड और सोसायटियों द्वारा पास किया गया उड़द खरीदने के बाद वेयर हाउस पहुंचकर इसलिए रिजेक्ट किया जा रहा है, क्योंकि उडऩ मानक पैमान एफ एक्यू क्वालिटी का नहीं है, इसका मतलब ये हुआ कि, उड़द इस वर्ष की उपज का नहीं है, बल्कि पुराना है, इसके साथ ही उसमें कंकड़-पत्थर और मिट्टी भी मिली हुई है। उड़द में नमी नहीं है, जिससे ये साबित होता है, कि ये उड़द इस साल की उपज नहीं है। इन सब कारणों से वेयर हाउस प्रबंधक उड़द को रिजेक्ट कर रहे हैं। उनके रिजेक्शन से ये साबित होता है, कि मार्कफेड के सर्वेयर और खरीद केन्द्र के प्रभारी की मिलीभगत से किसान की ताजा उपज के बजाए व्यापरियों के पुराने स्टॉक को खरीदा जा रहा है।
चंद्रनगर में 319 बोरी उड़द रिजेक्ट :
खरीद केन्द्र प्रभारी, सर्वेयर, व्यापारी और किसान की सांठगांठ से व्यापारी की उपज खरीदने का खुलासा चंद्रनगर सोसायटी में भी हुआ है। यहां जांच के बाद तहसीलदार ऋषभ सिंह ठाकुर ने 319 बोरा उड़द रिजेक्ट कर दिया। रिजेक्ट किया गया उड़द मानक क्वालिटी का नहीं था, लेकिन खरीद केन्द्र प्रभारी और सर्वेयर की मिलीभगत से बिना छन्ना लगाए ही ये उड़द खरीद लिया गया था। तहसीलदार की इस कार्रवाई से खरीदी में मिलीभगत से हो रही धांधली का खुलासा हुआ। इसके अलावा बड़ामलहरा में एसडीएम राजीव समाधिया ने व्यापारियों के गोदामों में औचक निरीक्षण कर 401 बोरी उड़द बिना दस्तावेज के जब्त किया, व्यापारियों के पास बिना दस्तावेज का ये उड़द इसलिए पाया गया, क्योंकि इसे खरीद केन्द्र पर खपाने के लिए लाया गया था। नंबर दो के रास्ते से इस अनाज को सरकारी खरीदी में खपाने के लिए लाया गया, इसलिए इस अनाज का कोई दस्तावेज नहीं पाया गया।
बिना दस्तावेज का पकड़ा 50 लाख का अनाज :
नौगांव एसडीएम ने गढ़ीमलहरा के पास उजरा में औचक निरीक्षण में 50 लाख रुपए कीमत का अनाज, जिसमें तीन हजार क्विंटल उड़द, 100- क्विंटल मूंगफली, 500 क्विंटल तिल, 100 क्विंटल सोयाबीन के साथ ही चावल और गेंहूं भी जब्त किया गया। जिन बोरियों में गेंहूं रखा था, उनमें यूपी पीडीएस का उल्लेख था। एसडीएम की इस कार्रवाई में जब्त अनाज के दस्तावेज नहीं पाए गए, इसमें खास बात ये है कि, खरीद केन्द्र से तीन किलोमीटर की दूरी पर से अनाज जब्त किया गया। ऐसा माना जा रहा है, कि ये अनाज भी खरीद केन्द्र पर किसानों के पंजीयन पर खपाने के लिए लाया गया था।
दाम में अंतर, इसलिए हो रहा खेल :
खरीफ की उपज उड़द और मूंगफली के बाजार मूल्य और सरकारी खरीद मूल्य में अंतर की वजह से किसान के पंजीयन पर व्यापारी का अनाज खपाने का खेल चल रहा है। पूरे जिले में हुई छिटपुट कार्रवाईयों से इतना तो साबित हो गया कि, बाजार की उपज को मिलीभगत से खरीद केन्द्रों में खपाने का खेल चल रहा है, ये खेल सरकारी द्वारा खरीद पर दिए जा रहे समर्थन मूल्य की राशि का बंदरवाट करने के लिए खेला जा रहा है। बाजर में उड़द का मूल्य 3000 से लेकर 3500 रुपए है, जबकि यही उड़द सरकारी खरीद केन्द्र पर 5600 प्रति क्विंटल बिक रहा है। सरकार ने उड़द पर 2 हजार रुपए समर्थन मूल्य दिया हुआ है। इसी समर्थन मूल्य की राशि को हड़पने के लिए ये खेल किया जा रहा है। उड़द के अलावा मूंगफली की सरकारी खरीदी 4090 रुपए प्रति क्विंटल हो रही है, जबकि बाजार में मूंगफली अधिकतम 3200 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है। यहां भी सरकारी और बाजार दर में अंतर का लाभ पाने के लिए किसान के रजिस्ट्रेशन पर व्यापारियों का माल खपाया जा रहा है। किसान हर बोरी पर कुछ कमीशन के लिए व्यापारियों के झांसे में आ जाते हैं, व्यापारी इस कमीशन के बदले किसानों को अपना माल देकर खरीद केन्द्र भेज देते हैं। जांच होने पर खरीद केन्द्र पर उपज के साथ किसान और उसका पंजीयन होने के कारण जांच अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी ठोस कार्रवाई नहीं कर पाते हैं।
मानक का सख्ती से कर रहे पालन :
खरीद केन्द्र के माध्यम से किसान और व्यापारी किसी का भी अनाज आ रहा हो, हम कैसे निर्धारित कर सकते हैं, कि किसका अनाज है, किासन के पंजीयन का इस्तेमाल करके व्यापारी अनाज बेच रहे होंगे, इसमें हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन इतना तय है कि हर बोरी चेक की जा रही है, जो भी अनाज एफएक्यू मानक पर सही है, वही ले रहे हैं, बाकी रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। किसी भी सूरत में खराब माल वेयर हाउस में नहीं रखा जाएगा।
-आरए मिश्रा, वेयर हाउस प्रबंधक

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