छतरपुर

ब्रिटिश शासन काल की धरोहरे खंडरों में हो रही तब्दील

असामाजिक तत्वों का बनी अड्डासौंदर्यीकरण पर करोड़ों खर्च,सुंदरता को चार चांद लगा रही धरोहरों के हालात जस की तस

छतरपुरNov 30, 2021 / 06:14 pm

Dharmendra Singh

धरोहरें जर्जर हालात में तोड़ चुकी दम

नौगांव। ब्रिटिश शासन काल के हुकूमत में गुलजार रहने के साथ ही नगर की सुंदरता को चार चांद लगाने वाली धरोहरें मौजूदा समय मे अपना अस्तित्व खोकर खंडहर में तब्दील हो गई है। अब ये धरोहरें असामाजिक तत्वों का अड्डा बनती जा रही है। वहीं, विभागीय जिम्मेदार इन धरोहरों के रखरखाव व जीर्णोद्धार कराने में नाकाम साबित हो रहे है। भले ही नगर के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों खर्च किए जा रहे हो इसके वावजूद अंग्रेजी हुकूमत काल में बनी इन धरोहरों की ओर किसी का ध्यान नही है, यदि समय रहते जिम्मदारों ने इस ओर घ्यान नही दिया तो वह दिन दूर नही जब इन धरोहरों का अस्तित्व बिलकुल ही खत्म हो जाएगा।
सत्ता बदली नही बदले हालात
अंग्रेजी हुकूमत समाप्त होते ही आजादी के बाद से लेकर वर्तमान समय मे प्रदेश सरकार से लेकर केन्द्र सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों में कई बदलाव हुए मगर नगर की सुंदरता को चार चांद लगाने वाली इन धरोहरों की ओर आज तक किसी ने घ्यान नही दिया। यहां तक कि जिनके कंधों पर इन धरोहरों की जबाबदेही है, वे भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। नगर के इतिहासकार दिनेश सेन बताते है कि अंग्रेजी हुकूमत के समय छावनी कहे जाने वाले नगर नौगांव में बिट्रिश शासन काल के दौरान सन 1842 से लेकर 1947 तक लगभग 106 वर्ष पहले कई बंगले,कोठियां, ऑफिस व आलीशान बिल्डिगों का निर्माण कराया गया था। इन बंगलों व बिल्डिगों में अंग्रेजी अफसर ठहरते थे और अपनी रणनीति का संचालन करते थे, लेकिन आजादी के बाद से वर्तमान समय में इन धरोहरों की देखरेख व जीर्णोद्धार की ओर ध्यान नही है।
ये धरोहरें जर्जर हालात में तोड़ चुकी दम
नगर के वार्ड नंबर 1 पिपरी में छतरपुर हाउस का स्टेट काल मे निर्माण हुआ था जिसमे ईई पीडब्ल्यूडी का आवास था । नगर के बापू महाविद्यालय चौराहा पर स्थित बंगले में विंध्यप्रदेश के अधिकारी रहते थे, जिसे वर्तमान में भूत बंगले के नाम से जाना जाता है। पीडब्ल्यूडी कार्यालय के अंदर ही पोलिटिकल एजेंट का आवास एवं स्विमिंग पूल था, जो पीडब्ल्यूडी के जिम्मदारों द्वारा ध्वस्त किया गया। स्विमिंग पूल 8 फीट ऊंचे टीले पर निर्मित था जिसमे 6 फीट ऊंची कुशल कारीगरों द्वारा बनाई गई पत्थर की मेहराब थी । नगर की सुंदरता को चार चांद लगाने बाली तीन खंड की बनी बाबड़ी जो ब्रटीश काल मे केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और विवेकानंद होस्टल सहित पॉलिटेक्निक कालोनी में पानी की सफ्लाई व धार्मिक और समाजिक कार्यो में पानी का उपयोग किया जाता था आज यह धरोहर खंडर बन गई है।
इनका कहना है
मध्यप्रदेश शासन लोकनिर्माण के प्रमुख अभियंता द्वारा आदेश दिए गए है कि बजट के अभाव से आवासीय व कार्यालयों के मेंटिनेंस कार्य नही कराए जाएंगे। कार्यालयों की रंगाई पुताई से लेकर मेंटिनेंस कार्य के लिए तो बजट नही आ रहा ऐसे में इन धरोहरों का जीर्णोद्धार कैसे हो पाएगा ।
राघवेन्द्र सिंह पायक, एसडीओ लोकनिर्माण विभाग नौगांव
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