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छतरपुर

1945 में स्थापित पुस्तकालय का जीर्णोद्धार, 10 हजार किताबों सहित नया भवन तैयार

1945 में स्थापित इस पुस्तकालय के पहले संचालक पं. बुद्धि बल्लभ शास्त्री थे। पुस्तकालय भवन दान में बलभद्र दास मल्होत्रा ने दिया था।

छतरपुरOct 14, 2024 / 10:47 am

Dharmendra Singh

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बलभद्र पुस्तकालय

छतरपुर. जिले के प्रमुख पुस्तकालय का भवन 25 लाख की लागत से बनकर तैयार हो चुका है। बीते 2 अक्टूबर को यहाँ एक गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें नगर के गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। इस मौके पर पुस्तकालय में मासिक संगोष्ठियों की योजना बनाई गई, जो समसामयिक विषयों और महापुरुषों की जयंती या पुण्यतिथि पर आयोजित की जाएंगी।

अब सदस्यता शुल्क भी लगेगा


नए पुस्तकालय में सदस्यता शुल्क शुरू कर दिया गया है, जो मात्र 100 रुपए मासिक रखा गया है। इसके तहत सदस्य किताबें, पत्रिकाएं और समाचार पत्रों का अध्ययन कर सकते हैं, जो लोग किताबों और पत्रिकाओं का विशाल संग्रह पुस्तकालय में 10000 से अधिक किताबों का संग्रह उपलब्ध है, जो साहित्य से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तक हर वर्ग के लिए उपयोगी है। पत्रिकाओं में प्रतियोगिता दर्पण, इंडिया टुडे, आउटलुक जैसी प्रमुख पत्रिकाएं शामिल हैं। इसके अलावा समाचार पत्र दैनिक भास्कर सहित कई प्रमुख समाचार पत्र भी यहां पढऩे को मिलेंगे। वहां बैठकर अध्ययन करना चाहते हैं, उनके लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। यह पुस्तकालय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक वरदान साबित होगा, जहां उन्हें जरूरी किताबें मिलेंगी।

इतिहास और योगदान


1945 में स्थापित इस पुस्तकालय के पहले संचालक पं. बुद्धि बल्लभ शास्त्री थे। पुस्तकालय भवन दान में बलभद्र दास मल्होत्रा ने दिया था। हाल ही में पूर्व विधायक पुष्पेंद्र पाठक के प्रयासों से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 25 लाख की निधि दी गई, जिसके तहत पुस्तकालय का पुनर्निर्माण किया गया है। महरीत्रा परिवार के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, जिन्होंने वर्षों तक इस पुस्तकालय का संचालन किया।

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