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खून की कमी से जूझ रहा जिले का एक मात्र ब्लड बैंक

locationछतरपुरPublished: Apr 22, 2019 07:28:00 pm

Submitted by:

Unnat Pachauri

– हर रोज मरीज हो रहे परेशान, फिर भी प्रबंधन की लापरवाही जारी- छमता नौ सौ यूनिट की, ३७ है मौजूद

खून की कमी से जूझ रहा जिले का एक मात्र ब्लड बैंक

खून की कमी से जूझ रहा जिले का एक मात्र ब्लड बैंक

उन्नत पचौरी
छतरपुर। जिला अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक अब खून की कमी से जूझ रहा है। ब्लड बैंक में रक्ताभाव होने से मरीजों को खासी दिक्कतों होती हैं। ऐसे में नौ सौ यूनिट वाले जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की बेहद कमी है।हालात यह हैं कि फिलहाल की स्थिति में जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में गु्रपों का महज ३७ यूनिट की रक्त मौजूद हैं। बैंक में परयाप्त ब्लड नहीं होने से मरीजों को खासी परेसानी का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि जिले में एक मात्र ब्लड बैंक है जो जिला अस्पताल में मौजूद है। यहां से जिले के सभी सिजी और सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को खून की जरूरत होने खून की व्यवस्था किए जाने का प्रावधान है। जिला अस्पताल में छतरपुर जिला ही नहीं आसपास के महोबा, टीकमगढ़ व पन्ना जिले के मरीज भी यहां इलाज कराने आते हैं। बावजूद इसके जिला अस्पताल का ब्लडबैंक अपनी क्षमता के अनुरूप रक्त की उपलब्ध हासिल नहीं कर पा रहा है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में ९०० यूनिट ब्लड रखने की क्षमता है लेकिन फिलहाल सिर्फ ३७ यूनिट ही रक्त मौजूद है। उसमें भी कई ग्रुप का एक यूनिट भी ब्लड नहीं है। मरीजों ब्लड की जरूरत पडऩे पर १०५० रुपए की रसीद कटाने की व्यवस्था है। इसके बाद किसी करीबी का रक्तदान कराकर ब्लड दिया जाता है लेकिन विभिन्न गु्रपों का रक्त न मिलने से मरीज यहां से वहां भटकते रहते हैं। जिससे उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
रक्तदान, जीवनदान
रक्त दान को लेकर फिलहाल लोगों में जागरुकता नहीं दिखाई दे रही है। कुछ लोग ही रक्तदान करने का साहस दिखा रहे हैं। जबकि रक्तदान जीवनदान के सामान होता है। वक्त पडऩे पर यदि किसी मरीज को रक्त हासिल होता है तो उसकी जान बचाई जा सकती है। इन्हीं रक्तदाताओं के रक्त से ही जिला अस्पताल के ब्लड बैंक की पूरे नौ यूनिट रक्त मुहैया कराया जा सकता है लेकिन स्थिति यह है कि ज्यादा लोग रक्तदान करने में रुचि नहीं ले रहें। वहीं एक बात भी सामने आ रही है कि विभागीय अधिकारी भी लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरुकता की दिशा भी कदम नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में जिला अस्पताल का ब्लड बैंक रक्त की कमी से जूझ रहा है।
नहीं है निगेटिव कैटागरी का खून
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में पॉजीटिव ग्रुप का कुछ यूनिट रक्त है लेकिन निगेटिव गु्रप का रक्त कुछ का एक भी यूनिट नहीं है। ऐसे में निगेटिव गु्रप वाले मरीजों को जरूरत पडऩे पर रक्त की पूर्ति करने के लिए परेशान होना पड़ता है। हालांकि निगेटिव गु्रप के डोनर भी बेहद कम मिलते हैं।
१५ से २० मरीज आ रहे प्रतिदिन
जिला अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक से खून के लिए जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों द्वारा मरीजों के लिए खून लिया जाता है। लेकिन यहां पर खून की कमी होने के चलते मरीजों को बडी परेसानी होती है। ब्लड बैंक के स्टाफ द्वारा जानकारी के अनुसार एक औशतन देखा जाए तो प्रतिदिन १५ से २० मरीजों को खून की जरूरत पड़ रही है।
रक्तदान करें, इसके फायदे भी हैं
रक्तदान को महादान कहा गया है। शहर में ब्लड की भारी कमी हो गई है। इस स्थिति में यह कहा जा सकता है कि यह महादान का वक्त है। शहर के ब्लड के बैंक में फिलहाल ब्लड की किल्लत है। ब्लड की कमी के कारण मरीज के परिजन परेशान हैं। वह या तो महंगे दाम पर ब्लड जुगाड़ कर रहे हैं या फिर रिप्लेस के जरिए ब्लड जुटा रहे हैं। इन प्रयासों के बाद भी ब्लड नहीं मिलने पर मरीजों की जिंदगी पर संकट बढ़ जा रहा है।
रक्तदान कर रहे युवा
कुछ समय से शहर के कुछ युवाओं द्वारा रक्त रह वक्त और रक्तवीर नाम से ग्रुप बनाकर मरीजों को जरूरत होने पर खून देते हैं। लेकिन शासन द्वारा न तो इन्हैं अभी तक प्रोत्साहित किया गया और न ही इनके दिए गए ब्लड का हिसाब रखा जा रहा है। जिससे अधिकांश युवाओं का भी ब्लड डोनेट करने से दूरी बना रहे हैं। हालाकि कुछ युवाओं द्वारा अभी भी जानकारी होने पर मरीजों को ब्लड उपलब्ध करा रहे हैं।
दलाल प्रथा से ठगे जा रहे मरीज
जिला अस्पताल में ब्लड बैंक के आस पास कई दलालों को जमावडा २४ सों घंटे रहता है। वह यहां पर आने वाले मरीजों को आसानी से खून दिलवाने के लिए मरीजों के परिजनों से मनमाने रुपए वसूलते हैं। जिला अस्पताल में भर्ती एक महिला के परिजन मुकेश पटेल निवासी श्रीनगर महोबा ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलेवरी दो दिन पहले हुई थी। महिला की हालत बिगडऩे पर डॉक्टर ने एक यूनिट ब्लड के लिए कहा। जिसके बाद वह रात में करीब १० बजे ब्लड बैंक में पहुंचे जहां पर बैंक में ब्लड रिप्लेस करने के लिए कहा। जिसपर वहीं बैंक के बाहर बैठे दो युवकों द्वारा उसे पास में बुलाया और तीन हजार रुपए की मांग की गई और कहा कि वो उसे खून दिलवा देंगे। जिसके बाद २३ सौ रुपए में सौदा तय हुआ और युवकों द्वारा कुछ ही देर में उसे बैंक द्वारा दिलवा दिया गया।
सीएच ने की अपील
जिला अस्पताल के सीएस डॉ. आरपी पांडेय ने बताया कि जिला अस्पताल में छतरपुर जिले के साथ-साथ आसपास के पांच जिलों की मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। इनमें डिलेवरी, एक्सीडेंट आदि गंभीर मरीज भी होते हें जिंहें रक्त की त्वरित आवश्यकता होती है। लेकिन कई बाद बैंक में वह रक्त नहीं होने की स्थिति में दिक्कत हो ताजी है। ऐसे में जरूर है कि शहर के साथ-साथ जिले के युवा आगे आऐं और रक्त दान करें। जिससे गंभीर मरीजों को समय पर रक्त मिल सके और उनकी जान बच सके। उन्होंने अधिक से अधिक युवाओं को रक्तदान करने की अपील की है।
फैक्ट फाइल
– जरूरत होने पर ब्लड बैंक में खून देने के साथ 1050 रुपए की की रसीद कटानी होती है।
– बीपीएल राशन कार्ड धारक को रसीद नहीं कटानी होती है, उन्हें मुफ्त में खून उपलब्ध कराया जाता है।
– ब्लड बैंक में तीन फ्रिज हैं, जिसमें से दो चालू रहते हैं।
– 9 सौ यूनिट स्टॉक की क्षमता है बैंक में
– जिले के अस्पताल में यहां से मरीजों को जरूरत पडऩे पर रक्त उपलब्ध कराने का है प्रावाधान
– एक यूनिट (बैग) में होता है 300 एमएल रक्त
यह है ब्लड बैंक की स्थिती
ए पोजिटिव- 0५
ए नेगिटिव- 00
बी पोजिटिव- १२
बी नेगिटिव- 0३
एबी पोजिटिव- 0९
एबी नेगिटिव- 00
ओ पोजिटिव- 06
ओ नेगिटिव- 0२

बोले अधिकारी
ब्लड बैंक में ब्लड की कमी है। यहां पर कैंप लगाकर या फिर स्वेच्छिक रक्तदान से रक्त आता है। रक्त की कमी से जिससे समस्या होती है। जल्द ही समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए समय-समय पर अस्पताल स्टाफ द्वारा रक्तदान भी किया जाएगा। जिससे युवा भी प्रेरित होंगे और वह भी आगे आकर रक्तदान करेंगे।
डॉ. आरपी सिविल सर्जन

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